कोरबा, @इलेक्टोरल बॉन्ड को लेकर कांग्रेस ने भाजपा पर साधा निशाना

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केंद्रीय एजेंसियों के माध्यम से डराकर इलेक्टोरल बॉन्ड से की गयी वसूली
कोरबा, 20 मार्च 2024 (घटती-घटना)। देश में आगामी कुछ दिनों में लोकसभा चुनाव 2024 होना है जिसे लेकर सभी पार्टी द्वारा अपने अपने प्रत्याशियों को लेकर चुनाव प्रचार सुरू कर दिया गया है । वहीं चुनाव प्रचार के दौरान सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार एसबीआई को इलेक्टोरल बॉन्ड को लेकर जानकारी देने कि बात कही गयी थी । जिस पर एसबीआई ने विगत दिनों जानकारी तो दी है पर उन्होंने इलेक्टोरल बॉन्ड के नंबरों की जानकारी नहीं दी । सुप्रीम कोर्ट ने पुनः एसबीआई से पूर्ण जानकारी 23 मार्च तक देने को कहा है । जिसे लेकर पूरे देशवासियों के मन में जिज्ञासा बना हुआ है के आखिर इलेक्टोरल बॉन्ड का माजरा है क्या,क्या वाकई भाजपा ने वाकई आर्थिक लाभ लें उद्देश्य से यह बॉन्ड जारी किया था ? वहीं केंद्रीय और छेत्रिय राजनीतिक पार्टियों में भी इलेक्टोरल बॉन्ड को लेकर आरोप प्रत्यारोप का सिलसिला शुरू हो गया है । जिले में भी जिला कांग्रेस कमेटी द्वारा अब इलेक्टोरल बॉन्ड को लेकर आवाज उठाई जा रही है । इसी सिलसिले में जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष (ग्रामीण)सुरेंद्र जायसवाल एवं अध्यक्ष (शहर) श्रीमती सपना चौहान द्वारा तिलक भवन में प्रेस वार्ता लिया गया । जिसमे प्रेस को संबोधित करते हुए बताया गया के मोदी सरकार ने व्यावसायिक संस्थाओं को केंद्रीय एजेंसियों के माध्यम से डराकर एवं छापेमार कार्यवाही कर इलेक्टोरल बॉन्ड के माध्यम से वसूली करवाया । यही कारण है के जिन जिन संस्थाओं ने भाजपा को चुनावी चंदा दिया, उनको हजारों करोड़ के ठेके दिए गए । उन्होंने मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि यही कारण है कि जिन जिन संस्थाओं के ऊपर केंद्रीय एजेंसियों द्वारा छापे की कार्यवाही की गयी थी ,उन संस्थाओं द्वारा बॉन्ड के माध्यम से निवेश के बाद छापे मार कार्यवाही रोक दी गयी । उन्होंने एजेंसियों के छापा मार कार्यवाही को लेकर कहा के इनकम टैक्स विभाग ने दिसंबर 2023 में शिरडी साई इलेक्टि्रकल्स पर छापा मारा और जनवरी 2024 में उन्होंने इलेक्टोरल बॉन्ड के माध्यम से 40 करोड़ रुपए दान दिए,इसी तरह फ्यूचर ग्रुप में ई.डी ने 02 अप्रैल 22 को छापा मारा, वहीं 05 दिन बाद फ्यूचर ग्रुप ने 100 करोड़ का इलेक्टोरल बॉन्ड के माध्यम से चंदा दिया ढ्ढ इसी तरह वेदांता को 03मार्च 2021 को राधिकापुर पश्चिम कोयला खदान मिला और फिर अप्रैल 2021 में वेदांता ने इलेक्टोरल बॉन्ड में 25 करोड़ रुपए दान दिया । इससे साफ हो जाता है के भाजपा सरकार ने केंद्रीय एजेंसियों को आगे कर आर्थिक लाभ लेने के उद्देश्य से षड्यंत्र स्वरूप इलेक्टोरल बॉन्ड को जारी कर रिश्वत लेने का नायब तरीका ढूंढ निकाला, जिससे भाजपा को अधिक से अधिक आर्थिक लाभ मिल सके । उन्होंने कहा के 2019 के बाद भाजपा को करीब 6000 करोड़ से अधिक का दान मिला है, जो कि सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर स्टेट बैंक द्वारा संस्थाओं की सूची जारी होने के बाद अब साफ हो चुका है के, मोदी सरकार ने दबाव पूर्वक संस्थाओं से आर्थिक लाभ लिए है, जो एक बहुत बड़ा चुनावी चंदा घोटाला है और इस चुनावी चंदा घोटाला को लेकर जिला कांग्रेस कमेटी भाजपा की मान्यता रद्द करने कि मांग करती है ।


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