कोरिया/ सूरजपुर @सुरजपुर डीपीएम अवकाश के दिन चुपके-चुपके कोरिया सीएमएचओ कार्यालय में कर रहे है नियम विरुद्ध काम:सूत्र

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  • पूर्व प्रभारी डीपीएम के स्थानांतरण के बाद क्या निष्पक्ष तरीके से उनके विरुद्ध जांच हो पाएगी?
  • नाम के लिए हटाये गए है कोरिया से…संसाधन कोरिया का उपयोग कर रहे है सुरजपुर डीपीएम?
  • कोरिया के पूर्व स्वास्थ्य विभाग के प्रभारी डीपीएम कहते हैं कि उनके खिलाफ शिकायत नहीं है और यहां शिकायतों पर जांच करने का आदेश कैसे आ रहा है?
  • खुद उनके विभाग के कर्मचारी उनकी शिकायत कर चुके हैं


-रवि सिंह-
कोरिया/ सूरजपुर 17 मार्च 2024 (घटती-घटना)।
कोरिया जिले के बहुचर्चित पूर्व प्रभारी डीपीएम स्वास्थ्य विभाग डॉक्टर प्रिंस जायसवाल के विरुद्ध कैसे कहते हैं जनता से लेकर उनके खुद के विभाग के कर्मचारी उनकी शिकायत कई बार कर चुके हैं शिकायतों पर निष्पक्ष जांच कि मांग है पर यह मांग कब पूरी होगी इसकी भी वर्तमान सरकार से दरकार है, वैसे डॉक्टर प्रिंस जायसवाल सीना ठोक कर कहते हैं कि उनके ऊपर भ्रष्टाचार का कोई आरोप नहीं है पर वही दैनिक घटती-घटना के पास उनके विरुद्ध भ्रष्टाचार की हुई शिकायत की पूरी छाया प्रति मौजूद है साथ ही उनके विभाग के कर्मचारियों ने भी उनके विरुद्ध शिकायत की है वह भी मौजूद है सभी शिकायतों में लगातार जांच करने के आदेश ऊपर से आ भी रहे पर जांच क्यों नहीं हो पा रही है यह भी एक बड़ा सवाल है क्या जांचकर्ता इनके प्रभाव में है या फिर जांचकर्ता अधिकारी की कोई यह नस दबा रखे हैं जिस वजह से वह इनकी निष्पक्ष जांच करके ऊपर नहीं भेज पा रहे हैं? पूर्व की कांग्रेस सरकार में भी विधायक व मंत्री से उनकी करीबियां थी और वर्तमान सरकार में तो मंत्री उनके रिश्तेदार हैं ऐसा इन्हीं के मुंह से बोलते शहर वालों ने सुना है उसी का धौस दिखाकर इस सरकार में वह अपनी मनमानी जारी रखे हैं, वैसे कोरिया जिले से इनकी छुट्टी हो गई है और सूरजपुर जिले में इन्हें प्रभारी डीपीएम बनाकर भेजा गया है पर इनका हस्तक्षेप आज भी कोरिया जिले में देखा जा सकता है, सूत्रों का कहना है की सूरजपुर से आने के बाद आज भी वह कार्यालय में बैठकर अपना जांच प्रभावित करने का प्रयास कर रहे हैं आज भी वह कोरिया के ही प्रभारी डीपीएम के लिए अधिग्रहित वाहन का इस्तेमाल कर रहे हैं। अभी तक उन्हें विभागीय ग्रुप से भी नहीं हटाया गया और ना ही उनके मोबाइल से मेल आईडी को भी हटाया गया अभी तक यह कोरिया ग्रुप में मौजूद है जबकि कोई भी कोरिया जिले से जाता है तत्काल उसे ग्रुप से बाहर कर दिया जाता है पर पूर्व प्रभारी डीपीएम को आज भी कोरिया ग्रुप से बाहर नहीं किया गया जो कहीं ना कहीं संदेहास्पद है। वैसे डॉक्टर प्रिंस जायसवाल के विरुद्ध हुई शिकायतों की जांच कौन करेगा जबकि शिकायत भी एक जगह न तो की गई है न ही जांच के लिए ही एक ही जगह से पत्र आया है,मुख्यमंत्री सचिवालय तक से जांच का आदेश आया है लेकिन सभी जांच रुकी हुई है। वैसे स्वास्थ्य विभाग में योग्यता की जगह अपनी रिश्तेदारी बताकर मनमानी कर रहे संविदा आयुर्वेद चिकित्सक की कौन जांच करेगा यह बड़ा सवाल है।
घटती घटना की मुहीम व खबर प्रभारी डीपीएम प्रिंस जायसवाल के लिए जारी और कार्यवाही का इंतजार
घटती घटना स्वास्थ्य विभाग में हुए और हो रहे घोटालों पर लगातार खबर का प्रकाशन कर रहा है, हमारी ही खबर पर प्रभारी डीपीएम प्रिंस जायसवाल का स्थानांतरण सुरजपुर किया गया और खबरों के प्रकाशन के बाद 18 दिन बाद उसे यहां से सुरजपुर के लिए रिलीव किया गया, पर जिला प्रशासन कोरिया के सबसे लाडला और वरदहस्त डीपीएम अभी भी कोरिया में नियम विरुद्ध सीएमएचओ कार्यालय में बैठ रहा है। उसके साथ सहायक लेखपाल प्रवीण सिन्हा भी लीपापोती में लगे हुए है। विश्वस्त सूत्रों की माने तो सूरजपुर डीपीएम के पद पर रिलीव होने ले बाद हर शाम 6 30 के बाद सीएमएचओ कार्यालय में देखे जा रहे है, अवकाश के दिन शनिवार और रविवार को अपने साथ सहायक लेखा अधिकारी प्रवीण सिन्हा भी कार्यालय के कामो में सबसे नज़र बचाकर काम मे लगे है। सहायक लेखा अधिकारी वैसे तो अम्बिकापुर से ही आना जाना करते है पर लेखा कर ज्यादातर कार्य जब कार्यालय में कोई नही रहता तब ये खुलकर पूरे दिन अपने खास सुरजपुर डीपीएम के साथ मिलकर निपटाने में जुटे हुए है। दैनिक घटती-घटना तब तक खबर लिखता रहेगा जबतक जांच पर कार्यवाही ना हो जाए।
अब तक कोरिया के व्हाट्सएप ग्रुप में
सूत्र बताते है कि अभी तक पर्दे के पीछे सीएमएचओ और डीपीएम का खास रणनीतिकार करोड़ो के एनएचएम में प्रशिक्षण और नियुक्ति का काम देख रहे राकेश सिंह सबसे बड़े मददगार रहे है, जैसे ही विभाग से कोई स्थान्तरित हुआ या हटाया गया उनके द्वारा तत्काल उसे व्हाट्सएप ग्रूप से हटाकर बाहर कर दिया जाता है पर सुरजपुर डीपीएम पर उनकी खास कृपा बरस रही है अब भी उन्हें कोरिया हेल्थ ग्रूप से हटाया नही गया है बल्कि वो इस ग्रूप में तमाम जानकारी भी शेयर कर रहा है।
जीमेल डीपीएम के मोबाइल पर
स्वास्थ्य विभाग के सूत्रों की माने तो कहने को डीपीएम को यहां से हटाकर सुरजपुर भेज दिया गया है परंतु अभी वो काम यहीं कर रहा है, एनएचएमकोरिया जीमेल डॉट कॉम और हेल्थकोरिया जीमेल डॉट कॉम दोनो जीमेल उसी के मोबाइल में संचालित है कोरिया में दोनो जीमेल का संचालन वो ही कर रहा है। सूत्र यह भी बताते है कि संसाधन कोरिया के ही उपयोग कर रहा है वाहन कोरिया की है जिस से वो आता-जाता है।
आचार संहिता के एक दिन पहले कलेक्टर कार्यालय में
15 मार्च को जब यह खबर आई कि 16 मार्च को 3 बजे चुनाव आयोग प्रेस कॉन्फ्रेंस करेगा और आचार संहिता लग जायेगी जिसके बाद देर रात तक कलेक्टर कार्यालय में कार्यो की स्वीकृति जारी रही,इस अवसर पर सुरजपुर के डीपीएम भी 9 बजे तक कलेक्टर साहब के दफ्तर में देखे गए आप सहज अंदाजा लगा सकते है भले की सुरजपुर के डीपीएम बना दिया गया हो पर जिला प्रशासन की जान तो तोते में ही अटकी हुई है।
विभागीय कर्मचारी भी कर चुके हैं शिकायत,जांच होनी है बाकी
कोरिया जिले के प्रभारी पूर्व डीपीएम डॉक्टर प्रिंस जायसवाल की शिकायत विभाग के ही कर्मचारी कर चुके हैं,वैसे वह सीना ठोककर कहते हैं की उनकी कोई शिकायत कहीं नहीं हुई है लेकिन दस्तावेज और शिकायत पत्र बताते हैं की उनकी कई शिकायत पूर्व में भी हो चुकी है कुछ में जांच भी हुई है वहीं कई में जांच लंबित है। पूर्व डीपीएम की शिकायतें राजधानी के विभिन्न स्वास्थ्य विभाग के कार्यालयों में मुख्यमंत्री सचिवालय,राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन कार्यालय में किया गया है। इसलिए उनका शिकायत मामले में यह कहना की उनकी कोई शिकायत कहीं नहीं है यह सरासर झूठी बात है।
शिकायतों की जांच के लिए लगातार आ रहे पत्र,कई कार्यालय से जांच के लिए आए हैं पत्र
मुख्यमंत्री सचिवालय,राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन सहित कई कार्यालयों से डॉक्टर प्रिंस जायसवाल की शिकायतों को लेकर जांच करने पत्र आया हुआ है। जांच हुई नहीं हुई यह तो स्पष्ट नहीं लेकिन डॉक्टर प्रिंस जायसवाल के शिकायत मामलो में उच्च कार्यालयों के द्वारा जांच के लिए पत्र लिखना बताता है की उनकी शिकायतें हुई हैं और उनका यह कहना की उनकी कहीं कोई शिकायत नहीं है यह सरासर झूठी बात है।शिकायतें विभाग के कर्मचारियों की तरफ से भी हुई हैं जो यह बताने काफी है की उनकी दोषपूर्ण कार्यप्रणाली से विभाग के लोग भी अनभिज्ञ नहीं हैं और कहां कहां उनकी तरफ से गड़बड़ी की गई है वे जानते हैं।
जांच आखिर क्यों नहीं हो पा रही है,क्या जांच अधिकारियों को अपने प्रभाव में ले चुके हैं डॉक्टर प्रिंस जायसवाल?
कोरिया जिले के पूर्व प्रभारी डीपीएम डॉक्टर प्रिंस जायसवाल की कई जांच लंबित है ऐसा हम नहीं वह पत्र बताते हैं जो उनके कार्यकाल के जांच के लिए आई हुई हैं,एन एच एम अंतर्गत कोरिया जिले में हुई गड़बडि़यों की शिकायतें हुई हैं वहीं उनकी जांच के लिए पत्र आया हुआ है और जांच में क्या हुआ अज्ञात है। क्या जांच अधिकारी को भी अपने प्रभाव में कर चुके हैं डॉक्टर प्रिंस जायसवाल यह भी सवाल खड़ा हो रहा है क्योंकि जांच होने पर बड़ा फर्जीवाड़ा पकड़ा जाएगा यह तय है। वैसे स्वास्थ्य मंत्री का भतीजा बोलकर ही वह बचते आ रहे हैं आगे भी वही उनका बचने का हथियार होगा यह माना जा रहा है।
कोरिया जिले से मोह नहीं हुआ खत्म,अभी भी कार्यालय जाना आना,जिले में घूमने के लिए अधिग्रहित वाहन में ही चलना है जारी
पूर्व डीपीएम का कोरिया जिले से अभी भी मोह भंग नही हुआ है। वह बताया जा रहा है की अभी भी कार्यालय आ जा रहे हैं और पुराने कुछ काम निपटा रहे हैं जिनमे जांच हो सकती है उनकी लीपापोती भी कर रहे हैं। वह वाहन भी वही चढ़ रहे हैं जो कोरिया जिले के डीपीएम के लिए अधिग्रहित की गई है। वह जिले के अधिकारियों के विभिन्न वॉट्सएप समूहों में भी अभी विद्यमान हैं जबकि अन्य अधिकारियों के जाते ही उन्हे रिमूव करने का रिवाज है।


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