अंबिकापुर,@7 वर्षों से जमे सरगुजा के जिला खाद्य अधिकारी की घटती-घटना की खबर के बाद हुई जिला से छुट्टी

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  • राइस मिलर संघ प्रेस विज्ञप्ति जारी कर अधिकारी को बता रहे थे पाक-साफ
  • खबर के बाद राइस मिलर व राइस मिलर संघ उनके बचाव में लिखा था कलेक्टर को पत्र और प्रेस विज्ञप्ति जारी कर आरोपों का कर रहे थे खण्डन
  • एक ही जिले में 7 वर्षों से पदस्थ खाद्य अधिकारी पर एक राइस मिलर संचालक ने लगाया था गंभीर आरोप
  • 30 रु प्रति क्विंटल के हिसाब से राशि नही देने पर राईस मिलरों के साथ नही करते एग्रिमेन्ट
  • जिला खाद्य अधिकारी के लिए अन्य राइस मिलरों से वसूली करता था एक राइस मिलर


-भूपेन्द्र सिंह-
अंबिकापुर, 16 मार्च 2024 (घटती-घटना)। पिछली सरकार में राइस मिलरों से मिलिंग के नाम पर खूब वसूली की गई थी वसूली करने के लिए भी हर जिले में अधिकारियों ने एक-एक अपने खास राइस मिलरों को इसकी जिम्मेदारी दे रखी थी, जिनके माध्यम से कमीशन की वसूली होती थी और सभी से वसूली की राशि इकट्ठा करके अधिकारी के पास पहुंचाया जाता था, उस समय प्रति किलो 1 रुपए कमीशन लिया जा रहा था, जिसमें तत्कालीन मंत्री का नाम भी सामने आ रहा था पर वही सरकार परिवर्तन होने के बाद ऐसा लगा कि राइस मिलरों को इस परेशानी से छुटकारा मिल जाएगी पर ऐसा होता नहीं दिख रहा आज भी नई सरकार में पुराने अधिकारी इस तरीके से रिश्वत की मांग कर रहे हैं जैसे पहले करते थे, जिस खबर को दैनिक घटती-घटना ने बड़ी प्रमुखता एक राइस मिलर की शिकायत पर प्रकाशित किया था जिसमें राइस मिलर ने 7 साल से जमे सरगुजा के जिला खाद्य अधिकारी पर बड़ा आरोप लगाया था इसके बाद जिला खाद्य अधिकारी को बचाने के लिए उनके चाहते राइस मिलों ने अपने-अपने लेटर पैड में पत्र व प्रेस विज्ञप्ति लिखकर आरोपों का खण्डन किया था और जिला खाद्य अधिकारी को बचाने का प्रयास किया था पर वही वर्तमान सरकार ने चुनाव से ठीक पहले सरगुजा में 7 साल से अपनी सेवा दे रहे व वसूली बाज जिला खाद्य अधिकारी को सरगुजा से स्थानांतरण कर राजनंदगांव भेज दिया, जिसके जाने से राइस मिलों में खुशी है पर वही वह राइस मिलर दुखी है जो उनके लिए वसूली करते थे और उनकी आड़ में वह खुद भी पैसा कमाया करते थे जिन्होंने खाद्य अधिकारी को बचाने के लिए पत्र लिखकर झूठा खंडन करके जिला खाद्य अधिकारी को काफी पाक साफ बता रहे थे, खबर के कुछ दिनों बाद ही सरगुजा को वसूली बाज जिला खाद्य अधिकारी से छुटकारा मिला।
ज्ञात होगी वही पिछली सरकार के कार्यकाल के दौरान राइस मिलरों के बकाया राशि निकालने के लिए भी अधिकारी खूब पैसा मांग रहे हैं जिसकी शिकायत अब सामने आई है। वहीं सरगुजा जिले के जिला खाद्य अधिकारी का सरगुजा से कुछ ऐसा मोह है की दो बार इस जिले के खाद्य अधिकारी बनाए गए और तकरीबन इस जिले में 7 साल का कार्यकाल इन्होंने पूरा कर लिया, अब इस जिला खाद्य अधिकारी को किस नेता मंत्री का संरक्षण है कि सरकार किसी की भी रहे इनका कोई कुछ नहीं कर सकता इनका, वहीं अब एक बार और इनकी शिकायत हुई थी इसके बाद राज शासन के स्थानांतरण आदेश में उनका नाम आया और उन्हें सरगुजा से मुक्ति दे दी गई। शिकायतकर्ता की शिकायत के अनुसार सरगुजा जिले के खाद्य अधिकारी रविंद्र सोनी पर अंबिकापुर के एक राइस मिलर संचालक ने 30 रु प्रति मि्ंटल के हिसाब से राशि नही देने पर धान नहीं लेने और एग्रीमेंट नहीं करने का आरोप लगाते हुए इसकी शिकायत सरगुजा कलेक्टर से की थी। राइस मिलर संचालक ने बताया था कि 2017 से लगातार 2024 आज वर्तमान तक रविंद्र सोनी जिला खाद्य अधिकारी के पद पर बने हुए है, 2019 में 6 महीने के लिए दो अधिकारी आए उसके बाद फिर से रविंद्र सोनी उक्त पद पर काबिज होकर मनमाने ढंग से राइस मिलरो से एक राइस मिल के संचालक से ही अवैध तरीके से राशि वसूली करा रहे है,जिसकी जांच कराए जाने की मांग की गई है। कलेक्टर को सौंपे ज्ञापन में राइस मिलकर संचालक ने आरोप लगाते हुए कहा कि अम्बिकापुर में 7 वर्षों से पदस्थ खाद्य अधिकारी रविन्द्र सोनी सरगुजा जिले में स्थापित लगभग 55 से 60 राईस मिल हैं जिनसे यह उगाही करते है,वह उन्ही राईस मिलरों के साथ एग्रिमेन्ट करते है, जो इन्हें 30 रु प्रति मि्ंटल के हिसाब से रिश्वत देता है, रिश्वत की राशि नही देने पर उन राईस मिलरों के साथ एग्रिमेन्ट ही नही करता है, चाहे वे कितना भी आनलाईन आवेदन भरते रहें।
अधिकारी इस राइस मिलर से कराते थे रिश्वत की राशि की उगाही
वर्तमान समय में खाद्य अधिकारी के लिए रिश्वत की राशि की उगाही दरीमा रोड के एक राईस मिल संचालक के माध्यम से कराने का आरोप है, जो रिश्वत की राशि नही दिया उसे काम ही नही देते है और न ही उसके साथ एग्रिमेन्ट करते है। शिकायतकर्ता ने बताया कि यह घटना उसके साथ स्वयं हो चुका है,उसका श्याम फुड प्रोडक्ट एवं श्याम एग्रो प्रोडक्ट के नाम पर राईस मिल है, वर्ष 2021-22 उसे काम दिए जाने का एग्रिमेन्ट किया गया था, जिसके पश्चात दो लाख चौदह हजार मि्ंटल धान का काम आवेदक के द्वारा किया गया,ततपश्चात बिलिंग होने पर खाद्य अधिकारी रविन्द्र सोनी के एजेंट के द्वारा कमिशन की राशि बतौर चौंसठ लाख बीस हजार रूपये की मांग की गई, तब आवेदक के द्वारा बड़ी मुश्किल से छः लाख रूपये दिया गया।आरोप है कि कम राशि दिए जाने से रविंद्र सोनी नाराज हो गए और आगामि वर्षों से काम देना बंद कर दिया, जबकि आवेदक के द्वारा वर्ष 2023-24 में कस्टम मिल के पंजीयन हेतु आवेदन अरवा चावल हेतु आनलाईन आवेदन कमांक 63426 दिनांक 21 अक्टूबर 2023 को एवं कस्टम मिल के पंजीयन हेतु आवेदन अरवा चावल हेतु आनलाईन आवेदन कमांक 63575 दिनांक 25 अक्टूबर 2023 को एवं उसना चावल हेतु कस्टम मिल के पंजीयन हेतु आवेदन आनलाईन आवेदन कमांक 67416 दिनांक को जमा किया गया है। परन्तु आवेदक का पंजीयन नही किया गया है। राइस मिल संचालक जयशंकर साहू ने खाद्य आधिकारी रविन्द्र सोनी के विरूद्ध निष्पक्ष जाँच करते हुए समुचित कार्यवाही किये जाने की मांग की है।
कई कलेक्टर आए-गए पर खाद्य अधिकारी का नहीं हुआ ट्रांसफर
सरगुजा जिले में 2017 से आज तक कई 3 कलेक्टर आए और चले गए लेकिन पदस्थ खाद्य अधिकारी रविंद्र सोनी 2017 से इस जिले में अपनी सेवाएं दे रहे हैं। 2019 में इनका स्थानांतरण हुआ लेकिन इस बीच सरगुजा जिले के खाद्य अधिकारी के पद पर दो अधिकारियों ने जॉइनिंग ली,लेकिन दोनों तीन-तीन महीने से ज्यादा टिक नहीं सके।अंततः रविंद्र सोनी पुनः 6 महीने बाद जिला खाद्य अधिकारी के पद पर पदस्थ हो गए और आज दिनांक तक बने हुए हैं।
पूर्व खाद्य मंत्री के काफी करीबी रहे हैं रविंद्र सोनी
मौजूदा जिला खाद्य अधिकारी रविंद्र सोनी पूर्व खाद्य मंत्री अमरजीत भगत के काफी करीबी रहे है।उन्ही के समय ट्रांसफर के बाद भी रविंद्र सोनी को पुनः 6 महीने बाद सरगुजा जिले का खाद्य अधिकारी बना दिया गया था, 2019 से लेकर 2024 तक कई शिकायतें इनके विरूध हो चुकी है लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं हो पाई है। रविंद्र सोनी भाजपा के साा में वापसी के बाद भी पद पर जमे हुए हैं और जिसके बाद समझा जा सकता है की सरकार किसी की हो उनकी मर्जी चलती रहने वाली है।


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