अंबिकापुर@सरगुजा के बहुचर्चित शासकीय भूमि गबन का मामला…कलेक्टर न्यायालय पहुंचे फर्जीवाड़ा करने वालों के वकील

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भूपेन्द्र सिंह –
अंबिकापुर, 14 मार्च 2024 (घटती-घटना)। बहुत चर्चित राजमोहिनी भवन शासकीय जमीन जो निजी हाथों में चला गया था, जिसे लेकर सरगुजा कलेक्टर ने प्रदेश में शुरू हुआ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग न्यायालय के प्रथम दिन ही इस मामले को अपने न्यायालय में रखा और बंशु लोहार सहित आठ अन्य को 14 मार्च 2024 को अपने न्यायालय बुलाया था, जिसमें जवाब के साथ दस्तावेज प्रस्तुत करना था यह न्यायालय 14 मार्च २०२४ को पूरी तरीके से ऑनलाइन था और कोई भी इस न्यायालय कार्यवाही को देख सकता था,सभी की निगाहें कलेक्टर कार्यालय के न्यायालय में थी जहां पर राजमोहिनी भवन के शासकीय भूमि के निजी होने का मामला चल रहा था, जितने भी अनावेदकों को बुलाया गया था वह ना पहुंच कर अपने अधिवक्ताओं को उपस्थित किया,जहां पर मुख्य अभियुक्त बंशु का पहुंचना काफी जरूरी था पर वंशु के अधिवक्ता ने न्यायालय को बताया कि वंशु की तबीयत काफी खराब है और वह रायपुर के अस्पताल में भर्ती है जिस वजह से वह न्यायालय में उपस्थित नहीं हो सकता है, ऐसा क्या इसलिए किया गया की कही बंशु उपस्थित होकर सब कुछ बता दिया तो भू-माफिया की पोल खुल जाएगी? क्या बंशु का न्यायालय न पहुंचना भू-माफिया की ही चाल थी? ऐसा इसलिए संदेह उत्पन्न हो रहा है क्योंकि भू-माफि या का पिता वंशु लोहार के नाती को लेकर पूरे दिन भर न्यायालय के इर्द-गिर्द घूमते दिखे। क्या न्यायालय को गुमराह करने का प्रयास किया गया जिस वजह से न्यायालय ने अगली तिथि पर निर्णय को टालते हुए फिर से अनेवादकों को बुलाया। अब देखना यह है कि अगली तिथि में भू-माफिया अब कौन सी चाल चलकर कलेक्टर न्यायालय से बचने का प्रयास करेंगे?
कई और नाम शामिल होंगे एफआईआर में…
राजमोहिनी भवन शासकीय भूमि के फर्जीवाडें मामले में अभी तक चार नाम के विरुद्ध मामला पंजीबद्ध हुआ बाकी अभी अन्य में है सूत्रों का कहना है कि अभी कई ऐसे नाम आएंगे जिनका नाम भी इस अपराध में जुड़ेगा और उन पर भी इन धाराओं के तहत बड़ी कार्यवाही होगी, बहुत जल्द वह नाम भी इसमें शामिल होंगे जिसका खुलासा किया जाएगा।
बंसू नही उसका नाती पहुंचा कलेक्टर के न्यायालय
बंशु की जगह उसका नाती कलेक्टर न्यायालय पहुंचा,कलेक्टर न्यायालय में उसके नाती को लोगों ने कलेक्टर न्यायालय में देखा।14 मार्च को मामले की पहली तारीख थी माना जा रहा था की आठ लोग जिन्हे मामले में दोषी पाया गया है सभी उपस्थित होंगे मुख्य बन्शू लोहार भी उपस्थित होगा लेकिन उसकी जगह उसका आवेदन पहुंचा साथ ही उसके नाती की उपस्थिति न्यायालय परिसर में चर्चा का विषय रही।
लोगों की अपेक्षा है सरगुजा कलेक्टर से बड़ी कार्यवाही करें नजीर पेश करें कलेक्टर
कलेक्टर सरगुजा विलास भोस्कर संदीपान मामले में बड़ी कार्यवाही करें। कलेक्टर सरगुजा काफी कड़क मिजाज साथ ही नियम कायदों के पक्के माने जाते हैं वहीं हाल ही में प्रदेश के मुख्यमंत्री ने भी सभी कलेक्टरों को साफ निर्देशित कर दिया है की वह सुशासन कायम करें जिले में भ्रष्टाचार समाप्त करें । ऐसे में कलेक्टर सरगुजा से जिले के लोगों की अपेक्षा है की वह मामले में कड़ी कार्यवाही करें और पूरी खरीद बिक्री निरस्त करें साथ ही कजा खाली करवाकर दोषियों को जेल भेजें। कलेक्टर से जिले के लोगों की अपेक्षा अब उन्हे पूरी करनी है और देखना है की वह उन्हे पूरी करते हैं की नहीं।
कलेक्टर न्यायालय में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग की पहली कार्यवाही थी इस मामले को लेकर लोग ऑनलाइन पूरी कार्यवाही देख रहे थे…
जिले के इतिहास में कोई कार्यवाही कलेक्टर न्यायालय की पहली बार ऑनलाइन थी,पहली बार लोग ऑनलाइन कार्यवाही देख सकते थे। वैसे कार्यवाही में ज्यादा कुछ पहले दिन हुआ नहीं फिर भी लोगों की उत्सुकता मामले में देखने को मिली जिसमे लोग ऑनलाइन कार्यवाही देखने दिनभर जुड़े रहे लिंक से।
क्या शासकीय जमीन फिर से शासकीय होगी?
अब पूरे मामले में वहीं कलेक्टर सरगुजा की सक्रियता साथ ही प्रदेश के मुख्यमंत्री की भ्रष्टाचार को लेकर साफ-साफ निर्देश जिसमे कड़ाई से कार्यवाही का निर्देश है के बाद यह देखना है की क्या अब पुनः वह जमीन शासकीय हो पाएगी। अक्सर देखा गया है की जमीन मामलों में राजनीतिक दखलंदाजी हो जाती और फिर मामला बड़ा हो या छोटा निपटा दिया जाता है लेकिन इस मामले में क्या कार्यवाही होती है शासकीय जमीन फिर से शासकीय होगी या राजनीति फिर मामले में देखने को मिलेगी यह देखने वाली बात होगी।
शासकीय जमीन निजी हाथों में देने के मामले में राजस्व कर्मचारी व अधिकारी पर अपराध दर्ज
अंबिकापुर शहर की बेश कीमती राजमोहिनी भवन के पीछे की शासकीय जमीन को अधिकारी कर्मचारियों के मिलीभगत से निजी हाथों में दे दिया गया था, इतने बड़े फर्जी वाले मामले में दैनिक घटती-घटना के खबर प्रकाशन के बाद मामला उजागर हुआ और अधिकारी सहित कर्मचारियों के विरुद्ध कार्यवाही की गई, अभी तक कई जमीन फर्जीवडा मामला आया होगा पर अभी तक कर्मचारी व अधिकारी बच निकलते थे, पहली बार निष्पक्ष तरीके से कार्यवाही की गई जिसमें अधिकारी व कर्मचारियों पर भी अपराध दर्ज किया गया, ऐसा इसलिए संभव हो पाया क्योंकि स्वच्छ छभी वाले सरगुजा कलेक्टर ने इतनी बड़ी कार्यवाही करने की हिम्मत दिखाई और अपना स्वच्छ छभी लोगों के सामने रखा, सरगुजा कलेक्टर की यह कार्रवाई ने आने वाले समय के लिए राजस्व विभाग के अधिकारियों को बहुत बड़ी सीख दे दी है यदि ऐसे फर्जी वाले होंगे तो कार्यवाही भी ऐसी ही होगी।
बंसू के अधिवक्ता ने कहा कि बंसू की है तबीयत खराब अस्पताल में है भर्ती
सूत्रों की माने तो बंशु लोहार के अधिवक्ता ने बंशु लोहार के बारे में न्यायालय को अवगत कराया की वह बीमार है और अस्पताल में भर्ती है और इलाज करा रहा है। राजधानी के अस्पताल में इलाज कराने की बात अधिवक्ता ने न्यायालय को बताई। बताया जा रहा है की बंशू लोहार को न्यायालय लाने से पूरे मामले में सच्चाई तत्काल सामने आने का भय भूमाफियाओं को है इसलिए उसे उपस्थित होने नहीं दिया जा रहा है उसका बीमारी का बहाना वाला आवेदन न्यायालय में प्रस्तुत किया जा रहा है। वैसे आज नही कल बंशू लोहार को उपस्थित होना पड़ेगा न्यायालय और तब सच्चाई सामने आनी तय है।
बंसू के नाती को लेकर घूम रहे थे भू- माफिया
बंशु लोहार के साथ भूमाफियाओं को न्यायालय के देखा गया जैसा बताया जा रहा है। मुख्य भूमाफिया के पिता उसके नाती को लेकर पूरे समय तक न्यायालय में उपस्थित रहे। भूमाफियाओं के साथ उसके नाती को देखने के बाद यह तय हो गया की मामले में फर्जीवाड़ा निश्चित हुआ है और बन्शु लोहार के नाती को साथ रखकर भूमाफिया यह सुनिश्चित रखना चाहते हैं की वह जैसा चाहेंगे वैसा ही होगा आगे। बन्शु लोहार चाहकर भी सच्चाई का बयान न कर सके इसलिए भी उसके नाती को साथ लेकर भूमाफिया घूम रहे हैं यह सूत्रों का कहना है।
नजूल अधिकारी निलम टोप्पो एवं आरआई नारायण सिंह के अगिम्र जमानत का लगा अर्जी
बहुचर्चित जमीन फर्जीवाड़ा मामले के दो आरोपी पूर्व नजूल अधिकारी निलम टोप्पों एवं आरआई नारायण सिंह के अग्रिम जमानत हेतु अम्बिकापुर सेशन न्यायालय में याचिका लगाया है। जबकि मामले में चारों आरोपी पुलिस के गिरफ्त से बाहर हैं।
घटती घटना ने प्रमुखता से उठाया मुद्दा
बता दें जनहित के इस मुद्दे को आवेदक कमल सिंह के जानकारी के आधार पर घटती-घटना ने कई बार खबर को प्रमुखता से उठाया है। शहर के राजमोहिनी देवी भवन के पीछे करोड़ो की शासकीय जमीन फर्जीवाड़े में प्रशासन ने आज सोमवार से कार्रवाई शुरू कर दी है। नियमविरुद्ध तरीके से नामांतरण और बिक्री के इस मामले में दोषियों के विरुद्ध कार्यवाही शुरू होने से लोगों में अब न्याय की आस जगी गई है। शहर में भूमाफियाओं के विरुद्ध की जा रही यह कार्यवाही अब तक की सबसे बड़ी कार्यवाही है।

अब से हर गुरुवार को यूट्यूब पर न्यायालय की कार्यवाही का होगा ऑनलाइन प्रसारण
न्यायलयीन कार्यवाही में पारदर्शिता लाने कलेक्टर की अभिनव पहल
सुप्रीम और हाई कोर्ट की तर्ज पर कलेक्टर कोर्ट के लाइव प्रसारण की शुरुआत…
अंबिकापुर, 14 मार्च 2024 (घटती-घटना)। कलेक्टर विलास भोस्कर संदीपान ने न्यायलयीन कार्यवाही में पारदर्शिता लाने सुप्रीम और हाई कोर्ट की तर्ज पर एक अभिनव पहल की है। जिसके तहत अब से हर गुरुवार को 3 बजे से कलेक्टर न्यायालय की कार्यवाही का ऑनलाइन प्रसारण जिले के आधिकारिक यूट्यूब चैनल पर किया जाएगा। सरगुजा जिला प्रदेश का पहला जिला होगा, जहां कलेक्टर कोर्ट की कार्यवाही के ऑनलाइन प्रसारण की शुरुआत की गई है। कलेक्टर ने बताया कि कई बार आवश्यक कारणों से कोर्ट ना आने पर आवेदक अपने केस पर हुई कार्यवाही को देखने से वंचित रह जाते हैं। इस सुविधा से आवेदक घर बैठे भी अपने केस पर कार्यवाही एवं निर्णय देख सकते हैं। साथ ही सामान्य जन भी न्यायालय की कार्यवाही से रूबरू हो सकते हैं। उन्होंने कहा कि इस ऑनलाइन सुविधा से आवेदक अथवा उनके परिजन वकीलों द्वारा प्रस्तुत साक्ष्यों, गवाहों और न्यायालय में हुए फैसले से तुरंत अवगत हो सकेंगे।
त्वरित रख सकेंगे अपना पक्ष
कलेक्टर ने कहा कि कई बार आवेदक के बाहर रहने पर, उनके स्थान पर अन्य प्रार्थी उपस्थित होते हैं। इस बात की तस्दीक करने के लिए कि उक्त व्यक्ति आवेदक की पहचान का ही है, यह सुविधा काम आयेगी। साथ ही न्यायलयीन कार्यवाही को देखकर अपना जरूरी पक्ष रखने में भी लोगों को सहूलियत होगी। कलेक्टर भोस्कर संदीपान ने इस नई व्यवस्था के गांव-गांव में मुनादी कराने के भी निर्देश दिए हैं जिससे ज्यादा से ज्यादा लोगों तक इसकी जानकारी पहुंचे और ऑनलाइन प्रसारण सुविधा का लोग लाभ उठा सकें।
भूमि संबंधित मामलों पर लिया जा रहा विशेष संज्ञान
कलेक्टर ने कहा कि न्यायालय में ज्यादातर दर्ज मामले भूमि से संबंधित हैं, जो काफी संवेदनशील मामला है। जिला प्रशासन द्वारा इन प्रकरणों पर विशेष संज्ञान लिया जा रहा है जिससे शासकीय भूमि क्षति के साथ ही आदिवासी जन एवं आम जन के भी भूमि से जुड़े प्रकरणों को समय पर निराकृत किया जाए।


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