- क्या पुलिस के मुखबिर भी अशफ़ाक उल्लाह के कारोबार की जानकारी पुलिस को नहीं दे पा रहे?
- सरकार के पास इतनी सारी एजेंसियां है जो सरकार को जानकारी देती हैं,क्या अशफ़ाक उल्लाह के कारोबार की जानकारी नहीं दे पा रही हैं एजेंसियां?
- पूरे प्रदेश में अशफ ाक उल्लाह का नाम व उसके कारोबार की चर्चा…फिर भी जांच एजेंसियां खामोश क्यों?
- पुलिस को शिकायत का इंतजार लेकिन स्वतंत्र जांच एजेंसी को किसका इंतजार?
- यदि पुलिस शिकायत पर ही कार्यवाही करेगी तो फिर अवैध कारोबार पर कार्यवाही कैसे होगी,क्या पुलिस के मुखबिर अब नहीं रह गए सक्रिय?
- अशफ़ाक उल्लाह अपने पास पैसे निवेश करने वाले लोगों को अभी तक दर्जनों कार व सैकड़ो बाइक गिफ्ट कर चुका हैःसूत्र
- सूरजपुर के मोबाइल दुकान संचालक,हार्डवेयर दुकान संचालक व जनरल स्टोर संचालक लगा चुके हैं उनके पास करोड़ों रुपएःसूत्र
-भूपेन्द्र सिंह-
अंबिकापुर/सूरजपुर/एमसीबी/रायपुर 11 मार्च 2024 (घटती-घटना)। अशफाक उल्लाह का कारोबार सिर्फ एक जिले में ही नहीं सरगुजा संभाग के सभी जिले सहित प्रदेश के कई जिलों में संचालित है जहां लोग अपने पैसे को इसके पास देकर अत्यधिक लाभ अर्जित करने में लगे हुए हैं पर यह पैसा कहां लगता है यह अनसुलझी पहेली बनी हुई है…वहीं सूत्रों का मानना है कि अशफ़ाक उल्लाह लोगों का पैसा किसी सट्टा वाले ऐप में लगा रहा है जो काफी जोखिम भरा है जानकारों की मानें तो हर जिले से लगभग 10-10 करोड़ रुपए लोगों के अशफ़ाक उल्लाह के पास लगे हुए हैं धनाढ्य लोगों के साथ-साथ उन व्यक्तियों के भी पैसे लगे हैं जो अपने पैसे को दुगना करने की चाह रखते हैं। वही यह कारोबार किसी जोखिम से भरा नहीं है पर सवाल यह है कि जहां इस पूरे कारोबार को जानकार अवैध कारोबार मान रहे हैं पर वहीं इस कारोबार की असलियत जांच एजेंसियां क्यों नहीं खोल पा रही हैं क्या पुलिस के पास भी ऐसे मुखबिर नहीं बचे जो इस मामले का भंडाफोड़ कर सके? क्या पुलिस इस मामले का भंडाफोड़ करने के लिए शिकायत का इंतजार कर रही है कि कब किसका पैसा डूब जाए और वह पुलिस के पास शिकायत आए तब पुलिस इस मामले में संज्ञान लेगी? वैसे पुलिस को पहले ही मामले में संज्ञान लेना चाहिए ताकि समय रहते धन हानि से लोगों को बचाया जा सके। सूरजपुर कोरिया,एमसीबी,बलरामपुर,सरगुजा,जशपुर सहित प्रदेश के कई जिलों के लोग अधिक आय अर्जित करने के चक्कर में अशफाक के पास बिना दस्तावेज के व बिना गारंटी के अपना पैसा आंख मूंद कर लगा रहे हैं। इसके पीछे की सच्चाई क्या है यह भी वह नहीं जानते बस उन्हें यह बताया जा रहा है कि यह शेयर मार्केट में लग रहा है और वह ट्रेडिंग का काम कर रहे हैं। सूरजपुर से मोबाइल दुकान संचालक,हार्डवेयर दुकान संचालक व एक जनरल स्टोर के संचालक सहित कई प्रतिष्ठित व्यापारियों ने अपने करोड़ों रुपए इसके पास लगा चुके हैं। जिसके एवज में उन्हें महंगी महंगी कार भी गिफ्ट हो चुकी है। पैसे लगाने वालों के पास सिर्फ जुबान की सिक्योरिटी है कि उनका पैसा मिल जाएगा बाकी दस्तावेज में उनका पैसा लगा है इसकी उनके पास कोई भी दस्तावेज नहीं है ऐसा सूत्रों का कहना है।
क्या फर्जी इन्वेस्टमेंट कंपनी के संचालन में आयकर विभाग की भूमिका है संदिग्ध?
करोड़ों रुपए का महीना में आदान-प्रदान इन लोगों के द्वारा किया जा रहा है जिला स्तरीय कार्यालय के साथ-साथ संभाग में भी आयकर विभाग के अधिकारी मौजूद हैं लेकिन उनके द्वारा इन पर किसी भी तरह की कार्यवाही नहीं की जा रही है और ना ही आज तक यह जानने का प्रयास किया गया कि आखिर यह पंजीकृत हैं या नहीं या फिर इनके द्वारा किस तरह से 1 साल में पैसा डबल करके दिया जा रहा है यदि डबल करके दिया जा रहा है तो जिस व्यक्ति को मिला है पैसा उसने इनकम टैक्स पटाया है या नहीं किसी भी तरह की पड़ताल नहीं की जा रही है सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार इन लोगों ने सरकार की विभिन्न जांच करने वाली एजेंसी का भी महीना बांध रखा है,यही वजह है कि प्रशासन इसे आज तक किसी तरह का जांच पड़ताल नहीं कर रहा है और धड़ल्ले से जनता के पैसे में यह डाका डाल रहे हैं।
खबर छापने से अशफ़ाक उल्लाह के रहमो-करम पर पलने वाले में मायूसी, खोया उन्होंने आपा,अनाप-सनाप बकते सुने जा रहे हैं उसके भरोसे जी रहे लोग
घटती-घटना में खबर प्रकाशित होने के बाद अब असफाक उल्लाह के रहमो-करम पर पलने वाले मायूसी में नजर आ रहे हैं,वह अब अनाप-शनाप बकने लगे हैं। यह वह लोग हैं जिनके घरों का चूल्हा भी असफाक उल्लाह के लिए बड़ाई करने के बाद जल पाता है। यह लोग खबर प्रकाशन के बाद यह भी कहते सुने जा रहे हैं की असफाक उल्लाह खतरनाक भी है। वैसे खबर का प्रकाशन आम लोगों के लिए सतर्कता के उद्देश्य से किया जा रहा है। शासकीय जिम्मेदार विभाग को जगाने और सजग करने के लिए किया जा रहा है। लोग सतर्क हुए हों न हुए हों,शासकीय जिम्मेदार विभाग नींद से जागे हों न जागे हों लेकिन असफाक का गैंग अब खबर को लेकर अक्रोशीत है और जो सुना जा रहा है। सबसे ज्यादा आक्रोश में वह लोग हैं जिन्हे एक तरह से पालने का काम असफाक उल्लाह कर रहा है जो कहीं न कहीं अपने घरों से सक्षम नहीं अपना पेट पाल पाने में…एक कथित धर्म गुरु को दिया कार…सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार क्षेत्र के बाहर से आए एक धर्मगुरु जिसको हवाई जहाज से आने का टिकट करवाया था और बड़े लग्जरी कार के साथ रायपुर से यहां तक लेकर आया गया था उसने अपने धार्मिक तकरीर में उसके धंधे को धर्म से जोड़कर लोगों को अधिक से अधिक निवेश करने की बात कहे जाने पर या व्यक्ति उसे अपने निर्धारित दर से 50000 अतिरिक्त देकर एक हुंडई की क्रेटा कार गिफ्ट किया है जो पूरे क्षेत्र में चर्चा का विषय बना हुआ है कहने को तो यह भी कहा जा रहा है की वह बाहर से करोड़ों रुपए का इन्वेस्टमेंट यहां पर भेज रहा है,दूसरे शब्दों में या कहें कि वह इसका एजेंट बन बैठा है और अपने चेलों का कई करोड़ रूपया जो काला धन था निवेश करवाया है जो जांच का विषय है किसी ने भी अपनी इनकम टैक्स रिटर्न में इस तरह का इन्वेस्टमेंट नहीं दर्शाया है कुल मिलाकर सरकार की कर चोरी करने वाले लोग इन लोगों के गिरफ्त में है।
आय से ज्यादा संपत्ति का मामला भी जांच का विषय
असफाक उल्लाह कम समय में ही अत्यधिक आय अर्जित करने वाले व्यवसाई बन चुके हैं,सूत्रों के अनुसार उनकी संपत्ति आय से अधिक मामले में जांच का विषय हो सकती है। महंगी विदेशी गाड़ी आलीशान ऑफिस और घर साथ ही महंगी शानो शौकत देखते हुए उनके आय की जांच जरूरी हो जाती है। वैसे सब कुछ देखकर भी मौन हैं सभी जिम्मेदार विभाग और देखना है की क्या वह मौन ही रहने वाले ही विभाग बने रहेंगे या वह मामलो की जांच भी कर अपनी उपस्थिति उपयोगिता साबित करेंगे…वैसे शासकीय जिम्मेदार विभाग क्यों मौन हैं…क्या वह जब लोगों का पैसा डूब जायेगा तब जागेंगे यह बड़ा सवाल है।
एसईसीएल कर्मियों ने भी लगाया है रिटायरमेंट का पैसा
सूत्रों के अनुसार असफाक उल्लाह से जहां पैसे वाले प्रभावित हैं और अपना पैसा जल्द से जल्द वह दुगना करने में अशफाक के सहारे लगे हुए हैं वहीं अब एस ई सी एल से सेवानिवृत्त होने वाले लोग भी अपनी जीवन भर की कमाई लालच में असफाक के पास लगानी शुरू कर दी है। सेवानिवृत्त होने पर मिलने वाली बड़ी राशि वह ब्याज के लालच में असफाक उल्लाह के पास निवेश कर रहे हैं वहीं फिलहाल तो उन्हे ब्याज मिल रहा है लेकिन कब उनका पैसा डूब जाए कोई नहीं जानता। लोगों के बीच असफाक की एक ऐसी छवि बन चुकी है की लोग यह मानकर चल रहे हैं की असफाक उनके पैसे डबल करके ही लौटाएंगे और इसी लालच के सभी फंसते जा रहे हैं और अपनी गाढ़ी कमाई उन्हे सौंपते जा रहे हैं।
अचानक अशफाक उल्लाह के पास क्या अलादीन का चिराग लग गया की धन वर्षा होने लगी?
असफाक उल्लाह को लेकर सूत्रों की माने तो वह कम समय में इतनी तरक्की करने वाले एक इंसान साबित हो गया हैं। कम समय में वह भी स्थानीय स्तर पर लोगों का पैसा वह उन्हे फायदा देने के नाम पर लेते हैं और उसी पैसे में फायदा देकर वह काफी धनाढ्य हो गए। वैसे लोग कहते हैं उनके हांथ अलादीन का चिराग लग गया है लेकिन जहां तक उनके कारोबार के बारे में सूत्रों का कहना है वह चिटफंड जैसा ही साबित होने वाला है और जल्द ही एक महादेव ऐप जैसा घोटाला सामने आने वाला है,जिसे रोका जा सकता है लेकिन जिम्मेदार रोकने में दिलचस्पी नहीं दिखा रहे हैं और चिटफंड जैसा कारोबार फलफूल रहा है। वैसे जिस तरह का कारोबार असफाक उल्लाह कर रहे हैं और जिस तरह लोग उनके झांसे में आ रहे हैं ऐसा ही एक समय कोरिया जिले में होता नज़र आया था,तब कुछ समय तक लोगों को निश्चित ब्याज मिलता रहा और फिर एकाएक सबका पैसा डूब गया जो आज तक लोगों को नहीं मिल सका क्योंकि पूरा लेनदेन केवल चेक पर आधारित था और सामने वाले ने खुद को दिवालिया बना लिया और फिर मामला ही समाप्त हो गया।
लोगों को लुभाने और दिखाने के लिए करोड़ों रुपए का घर एवं दफ्तर बनाया है इन लोगों ने…
लोगों को मीठी-मीठी बातों में फंसा कर और भ्रमित कर पैसे निकलने में माहिर ये शातिर लोग छोटे से गांव में करोड़ों रुपए के दफ्तर और आलीशान मकान बनाकर लोगों को भ्रमित कर लुभाने का काम कर रहे है जब लोग इसे या कहते हैं कि आप लोग 1 साल में डबल पैसा कैसे देंगे आप लोग भाग सकते हैं तो यह लोग अपने दफ्तर और घर एवं महंगी गाडि़यों का हवाला देकर कहते हैं कि इसको छोड़कर हम कैसे जाएंगे आप तो हमें 50 लाख दे रहे हैं और हम कई करोड़ रुपए का घर ऑफिस कैसे छोड़ सकते हैं लोग इनकी मीठी-मीठी बातों में फंस जाते हैं और इस तरह उसे घर को दिखाकर लगातार या क्षेत्र में गरीबों से लूट का कार्य लगातार कर रहे हैं।
जांच एजेंसियों सहित पुलिस को मामले में लेना चाहिए संज्ञान,क्या पता विदेशी कोई षड्यंत्र ही न हो पूरे मामले में
जांच एजेंसियों सहित पुलिस को असफाक उल्लाह के मामले में गंभीरता से ध्यान देना चाहिए और जांच कर यह तय जरूर करना चाहिए की पूरा लेनदेन सुरक्षित है और जिस व्यवसाय के लिए या एवज में पैसा लिया जा रहा है वह व्यवसाय जायज है गैर कानूनी नहीं है। मामले में विदेशी कोई षड्यंत्र भी इस तरह के लाभ की वजह हो सकता है जिसकी जांच भी करनी चाहिए। कुल मिलाकर असफाक के आय के जरिए क्या हैं यह एजेंसियों सहित पुलिस को जानने की कोशिश करनी चाहिए जिससे भविष्य के किसी बड़े मामले को टाला जा सकें।
चिरमिरी क्षेत्र से भी लगभग 5 करोड़ रूपया निवेश कराए जाने की खबर…
इस इन्वेस्टर ने चिरमिरी के लोगों को भी भ्रमित कर अपने मकड़ जाल में फंसा रखा है मिली जानकारी के अनुसार पौंडी थाना के अंतर्गत बाजार पारा मैं कुछ चर्चित छुटभैया नेता भी उसके एजेंट बताए जाते हैं जो पिछले कई दिनों से क्षेत्र से फरार भी हैं इन लोगों ने अपनी रिश्तेदारी का हवाला देकर पूरे चिरमिरी क्षेत्र से लगभग 5 करोड़ रूपया यहां पर जमा करवाया है मिली जानकारी के अनुसार इन्वेस्टर और उसके गुर्गे कभी इस स्थान पर किसी किराना दुकान में काम किया करते थे काम करते-करते उन्होंने कुछ इलाके में एक किराना दुकान का व्यवसाय शुरू किया था और धीरे-धीरे आज कई करोड़ रुपए के आसामी बन बैठे हैं…बताने वाले ने यह भी बताया कि कई करोड़ रुपए की कारें यह अपने ऐसो आराम और घूमने में इस्तेमाल करते हैं ग्राहकों को प्रभावित करने के लिए यह उनके घरों में इन महंगी कारों में जाते हैं और वहां से नगद पैसा इन्हीं कारों में लाते हैं बातचीत काफी लच्छेदार होती है कुछ को लुभाने के लिए इन्होंने साल में डबल करके भी पैसा दिया है जिनका पैसा दिया है उनकी रिकॉर्डिंग मोबाइल में रख करके सबको दिखाते हैं और सबको अपने जाल में फसाते हैं इस तरह का सिलसिला बदलते दूर पूरे कोयला अंचल क्षेत्र में बेधड़क जारी है।