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सुरजपुर@क्या एसडीएम कार्यालय के बाबू अपने आपको किसी न्यायाधीश से कम नहीं समझ रहे,अधिवक्ताओं का भी वह नहीं कर रहे सम्मान?

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-ओमकार पांडेय-
सुरजपुर 08 मार्च 2024 (घटती-घटना)। राजस्व न्यायालयों में कार्यरत बाबू लिपिकीय संवर्ग कर्मचारियों से अब अधिवक्ता भी अपमानित होने लगे हैं और जिसकी एक लिखित शिकायत सूरजपुर जिले के भैयाथान राजस्व अनुविभाग के झिलमिली पुलिस थाने में एक अधिवक्ता द्वारा दी गई है जिसमें अनुविभागीय अधिकारी राजस्व भैयाथान कार्यालय में पदस्थ रीडर के द्वारा अधिवक्ता के साथ की गई अभद्रता का और दुर्व्यवहार का जिक्र है और जिसमे पुलिस से कार्यवाही की मांग की गई है। अधिवक्ता ए पी दास सूरजपुर ने झिलमिली पुलिस थाने में लिखित शिकायत प्रस्तुत करते हुए यह मांग की है की एसडीएम कार्यालय भैयाथान में पदस्थ रीडर जिनके द्वारा अधिवक्ता ए पी दास के साथ अभद्रता और दुर्व्यवहार किया गया है उनके विरुद्ध उचित कार्यवाही की जाए। अधिवक्ता ए पी दास ने शिकायत पत्र में लिखा है की रीडर का व्यवहार काफी खराब है और वह वर्षों से एक ही जगह जमे हुए हैं जबकि उनकी मूल पदस्थापना कहीं और है। रीडर के द्वारा लगातार अधिवक्तताओं से अभद्रता की जाती है साथ ही मान सम्मान को ठेंस पहुंचाया जाता है जबकि अधिवक्ता ए पी दास ने यह भी लिखा है शिकायत में की वह बार काउंसिल के नियमित सदस्य हैं और राजस्व न्यायालयों में सूरजपुर जिले में वह पैरवी करते हैं वहीं वह भैयाथान राजस्व न्यायालय में भी पैरवी करने जाते हैं जिस क्रम में ही वह दिनांक 5 मार्च को भी प्रकरण में पैरवी करने पहुंचे थे और जहां वह एस डी एम कार्यालय के रीडर धनेश्वर पैकरा से बातचीत कर रहे थे। उसी समय विष्णु पैकरा रीडर वहां पहुंचता है और पहुंचकर कार्यवाही को देखता है तब आवेदक के द्वारा रीडर विष्णु पैकरा से भी कहा जाता है की एक प्रकरण में आज पीठासीन अधिकारी के कहने पर बहस होनी है और जिसमे आप प्रकरण को निकालकर ऊपर रख लेंगे। रीडर विष्णु पैकरा को अधिवक्ता के इतने कहने पर ही गुस्सा आ गया और उसने अधिवक्ता के साथ गाली गलौज करते हुए यह कह दिया की मैं कोई काम नहीं करूंगा तुम्हारा।
रीडर विष्णु पैकरा के विरुद्ध पूर्व में भी हुई थी शिकायत द्वारा पर नहीं हुई थी कार्यवाही
अधिवक्ता ए पी दास ने अपनी शिकायत में इस बात का भी उल्लेख किया है की उनके द्वारा इसके पहले दिनांक 23 सितम्बर 2022 को भी विष्णु पैकरा से एक प्रकरण खोजने का निवेदन किया गया था जिस समय भी रीडर विष्णु पैकरा द्वारा गाली गलौज और अभद्र व्यवहार किया गया था जिसकी शिकायत भी अनुविभागीय अधिकारी राजस्व भैयाथान के समक्ष की गई थी जिसके बाद भी विष्णु पैकरा के विरुद्ध कोई कार्यवाही नहीं हुई थी। अधिवक्ता ने यह भी लिखा है शिकायत पत्र में की रीडर विष्णु पैकरा वर्षों से पैठ जमाकर भैयाथान में अपनी मनमानी कर रहा है और उसके द्वारा हर मामले में पैसे की मांग की जाती है और पैसा नहीं दिए जाने पर उसके द्वारा राजस्व प्रकरणों की फाइलें इधर उधर कर दी जाती हैं पक्षकारों को गोल मटोल घुमाया जाता हुआ और पैसा देने पर ही लोगों का काम होता है। अधिवक्ता ने यह भी लिखा है की इस बार जो अभद्रता रीडर विष्णु पैकरा ने अधिवक्ता के साथ की है उस दौरान पीठासीन अधिकारी, सभी रीडर साथ ही अन्य अधिवक्ता भी मौजूद थे वहीं सिसिटीवी से भी मामले की जांच करने की बात अधिवक्ता ने आवेदन में लिखी है। अधिवक्ता ने इसे अपने मान सम्मान के साथ ठेस मानते हुए यह बात भी शिकायत में लिखी है की मामले में जांच कर न्यायोचित कार्यवाही किए जाने की जरूरत है।
कई जगह अब राजस्व न्यायालयों में अधिवक्ता पैरवी से कतराने लगे हैं,अधिकारियों सहित बाबुओं का व्यवहार बन रहा है परेशानी का कारण
राजस्व न्यायालयों में अब अधिवक्ता किसी पक्षकार के मामले की पैरवी करने से कतराने लगे हैं। उन्हे अधिकारियों सहित बाबुओं का व्यवहार ऐसा करने से रोक रहा है क्योंकि वह उनके प्रति अच्छा प्रदर्शित नहीं हो रहा है। कुछ अधिवक्ताओं की माने तो इसके पीछे का कारण है की राजस्व न्यायालयों में कार्यरत अधिकारियों और कर्मचारियों का यह सोचना है की कोई भी मामला सीधे उनके पास ही पहुंचे और उनसे ही मेल मुलाकात कर मामला समाप्त हो जाए। अधिवक्ता या पैरवी जैसा कोई विषय सामने न आए और न ही इसकी जरूरत पड़े इसलिए अधिवक्ताओं के साथ कई बार दुर्व्यवहार की बात सामने आती है। कई अधिवक्ताओं का कहना है की उन्हे राजस्व न्यायालय जाने से अब परहेज होने लगा है क्योंकि वहां उनका सम्मान न अधिकारी कर रहे हैं न ही बाबू।
आम लोगों से कैसा होगा राजस्व अधिकारियों सहित बाबुओं का व्यवहार अधिवक्ता के साथ हुई घटना के बाद समझा जा सकता है
भैयाथान के अधिवक्ता का आरोप है की एसडीएम कार्यालय भैयाथान के बाबू के द्वारा उनके साथ दुर्व्यवहार किया गया। अब यह समझा जा सकता है की यदि एक अधिवक्ता के साथ राजस्व कार्यालयों के बाबुओं का ऐसा व्यवहार है तो आम लोगों के प्रति कैसा व्यवहार होगा राजस्व अधिकारियों और बाबुओं का यह समझा जा सकता है। वैसे अधिवक्ता का आरोप सही है और ऐसा अनुभव प्रायः लोगों का समाने आता रहता है राजस्व न्यायालयों का ऐसा सभी का अनुभव लगभग सुनने को मिलता रहता है।
क्या सच में राजस्व न्यायालयों के बाबुओं का व्यवहार सभी के प्रति है खराब,क्या वह खुद को ही न्यायाधीश समझ रहे हैं?
राजस्व न्यायालय भैयाथान की एक शिकायत झिलमिली पुलिस थाने पहुंची है जिसमे शिकायतकर्ता एक अधिवक्ता हैं और उनके द्वारा एक रीडर की शिकायत की गई है जो कि एस डी एम कार्यालय भैयाथान का रीडर है जिसने अधिवक्ता ए पी दास के साथ गाली गलौज की है और उन्हे सभी की उपस्थिति में जलील भी किया है। अधिवक्ता की लिखित शिकायत को यदि पढ़ा जाए तो यह सवाल खड़ा होता है की क्या राजस्व न्यायालयों में बाबुओं का राज है,क्या वह खुद को ही न्यायाधीश समझने लगे हैं जबकि न्यायाधीश या निर्णय या न्याय देने का काम वरिष्ठ अधिकारियों का है। अधिवक्ता के साथ दुर्व्यवहार मामला जो समाने आ रहा है उसको देखकर यही कहा जा सकता है की बाबुओं का राजस्व न्यायालयों में एक तरह से कजा है और उनके अनुसार ही वहां काम होता है। अधिकारी से भी ज्यादा उनकी चलती है मामलो में वहीं वह लोगों से दुर्व्यवहार भी करने से परहेज नहीं करते हैं।
एस डी एम सहित तहसील न्यायालयों में अधिकारी सहित बाबुओं के द्वारा क्यों किया जाता है अधिवक्तताओं का तिरस्कार?
राजस्व न्यायालयों से कई बार यह बातें सामने आती हैं की अधिकारियों सहित बाबुओं द्वारा किसी के भी मान सम्मान को सरेआम ठेस पहुंचा दिया जाता है जबकि आम इन्सान वहां न्याय की उम्मीद से जाता है। राजस्व न्यायालयों में अधिवक्ताओं के साथ भी तिरस्कार का भाव अपनाया जाता है यह भी कई बार कई अधिवक्ताओं के माध्यम से जानकारी मिलती रहती है जिसमे ताजा मामला भी शामिल है। अब सवाल यह उठता है की ऐसा आखिर क्यों किया जाता है राजस्व न्यायालयों में बैठे जिम्मेदारों द्वारा । वैसे न्यायालयों में ऐसा देखने को नहीं मिलता वहां सभी के साथ समान भाव से व्यवहार देखा जाता है ऐसी शिकायत केवल राजस्व न्यायालयों से ही सामने आती हैं।


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