रायपुर/कोरिया@क्या खुद के विशेष कर्तव्यस्थ अधिकारी के प्रमाण-पत्रों की जांच करा पाएंगे स्वास्थ्य मंत्री?

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-रवि सिंह-
रायपुर/कोरिया 04 मार्च 2024 (घटती-घटना)।
प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री श्यामबिहारी जायसवाल अपने साथ दागदार और किसी ना किसी मामले मे घिरे अधिकारियों को साथ लेकर चल रहे हैं दागी अधिकारियों के भरोसे वे छाीसगढ की बदहाल स्वास्थ्य सुविधा को कैसे पटरी पर लाएंगे यह बड़ा सवाल है। खबर प्रकाशन कर बार-बार उन्हे आगाह किया जा रहा है लेकिन उसके उलट उनके साथ दागियों की संख्या में इजाफा होता जा रहा है,राजधानी रायपुर स्थित स्वास्थ्य मंत्री के बंगले में दागी स्टॉफ की भरमार है। सूत्र बतलाते हैं कि मंत्री के निज सचिव की मुख्य भूमिका इन सभी अधिकारियों को संरक्षण देने में है मंत्री भी निज सचिव के इशारे पर नाचते हैं ऐसा सूत्रों का कहना है। विधानसभा में घोषणा करांएगे प्रमाण पत्रों की जांच,क्या दागी अधिकारी के प्रमाण पत्र की होगी जांच- छाीसगढ विधानसभा का सत्र अभी हाल ही में संपन्न हुआ है जिसमें एक सदस्य के द्वारा किए गए सवाल का जवाब देते हुए स्वास्थ्य मंत्री श्यामबिहारी जायसवाल ने घोषणा की है कि फर्जी प्रमाण पत्रों की जांच कराएंगे। स्वास्थ्य मंत्री द्वारा की गई घोषणा के बाद एक सवाल पैदा हो रहा है कि क्या स्वास्थ्य मंत्री वास्तव मे संवेदनशील हैं और अपनी घोषणा पर कायम रहेंगे। क्या अन्य प्रमाण पत्रांे की जांच के साथ ही उनके द्वारा खुद के विशेष कर्तव्यस्थ अधिकारी संजय मरकाम के दिव्यांग प्रमाण पत्र की जांच कराएंगे। या फिर उनका घोषणा महज दिखावा ही साबित होगा।


दिव्यांग प्रमाण-पत्र के आधार पर नौकरी प्राप्त करने वाले व्यक्तियों के विरूद्व संचालक स्वास्थ्य सेवांए छाीसगढ शासन ने अध्यक्ष संभागीय मेडिकल बोर्ड संयुक्त संचालक सह अधीक्षक डॉ. भीमराव अंबेडकर स्मृति चिकित्सालय रायपुर को एक पत्र के माध्यम से सूचित किया था जिसमें कार्यवाही का उल्लेख था। पत्र के अनुसार अवर सचिव छाीसगढ शासन सामान्य प्रशासन विभाग मंत्रालय महानदी भवन नया रायपुर द्वारा राज्य प्रशासनिक सेवा के 4 अधिकारियों का माननीय उच्च न्यायालय के निर्देशानुसार एवं दिव्यांग अधिकार अधिनियम 2016 की धारा 91 के प्रावधानानुसार निर्धारित प्रमाण पत्र में दिव्यांगता प्रमाण पत्र का परीक्षण एवं समक्ष में जांच मेडिकल बोर्ड शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय रायपुर मे कराने हेतु एक निश्चित तिथि एवं समय निर्धारित करने हेतु लिखा गया है। राज्य प्रशासनिक सेवा में डिप्टी कलेक्टर पद पर चयनित सुश्री रेखा चंद्रा,सुश्री अकांक्षा पांडेय,संजय कुमार मरकाम एवं अभिषेक तिवारी का दिव्यांगता का परीक्षण एवं जांच एक निश्चित तिथि एवं समय निर्धारित कर निर्धारित तिथि समय पर संबंधित अधिकारियों को संभागीय मेडिकल बोर्ड के समक्ष उपस्थित होने हेतु सूचित करने कहा गया था एवं प्राप्त निष्कर्ष से अवगत कराने हेतु कहा गया था। लेकिन लंबा समय व्यतीत होने के बाद भी उक्त पत्र पर किसी प्रकार की कार्यवाही नही हुई जिससे माना जा सकता है कि यह पत्र रद्दी की टोकरी में पद और प्रभाव के गलत इस्तेमाल के कारण फेंका जा चुका है।


प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री श्यामबिहारी जायसवाल ने राज्य प्रशासनिक सेवा के अधिकारी संजय मरकाम को विशेष कर्तव्यस्थ अधिकारी के पद पर नियुक्त किया है, उन पर फर्जी दिव्यांग प्रमाण-पत्र के आधार पर नौकरी पाने का आरोप है। बतलाया जाता कि श्री मरकाम द्वारा अपने प्रभाव का इस्तेमाल करते हुए जांच को दबवा दिया जाता है जिससे वे शासकीय सेवा में बने हुए हैं। घटती-घटना के पास जो दस्तावेज मौजूद हैं उसके अनुसार राज्य प्रशासनिक सेवा में डिप्टी कलेक्टर के पद पर चयनित संजय कुमार मरकाम पिता रामचंद्र मरकाम निवासी कॉलेज रोड नवापारा सूरजपुर ने हेमुनगर बिलासपुर का पता बतलाते हुए जिला चिकित्सालय बिलासपुर से अपना दिव्यांग प्रमाण पत्र बनवाया था और खुद को श्रवण (सुनने) में दिव्यांग बतलाकर प्रमाण पत्र बनवाया था। शिकायत के बाद जांच भी हुई कार्यवाही लंबित है लेकिन जांच को बाधित किया जाता है। हलांकि घटती-घटना के सूत्र ने खुद श्री मरकाम से स्वास्थ्य मंत्री के शासकीय आवास में काफी मंद गति से बात किया और यह महसूस किया कि उन्हे सुनने में किसी प्रकार की परेशानी नही है।


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