जशपुर@ग्राम पंचायत बहेरना में देर रात तक 29 फरवरी 2024 को बांटी गया राशन

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क्या खाद्य विभाग दे रखी है राशन संचालक को खुली छूट ? क्या इसीलिए बाटा जा रहा है ग्राम पंचायत बहेरना में मांह के अंतिम दिनों में देर रात तक राशन

-सुदामा राजवाड़े-
जशपुर,02 मार्च 2024 (घटती-घटना)। केंद्र सरकार के निर्देश पर राज्य सरकारो द्वारा शहरी एवं ग्राम पंचायत को उचित मूल्य की दुकानों से गरीबों को पात्रता अनुसार समय पर प्रत्येक माह राशन वितरण करना सुनिश्चित किया गया है लेकिन मनोरं जनपद के ग्राम पंचायत बहेरना में माह के अंतिम दिनों तक बाटी जारही है विगत चार माह से राशन जो सन्देह के घेरे में है क्योंकी अक्सर देखा गया है माह के 29 तारीख तक दूसरे आने वाले माह का राशन पंचायत में पहुंच जाता है जैसा कि ग्रामीणों ने बताया की 4 माह से बहेरन पंचायत में राशन वितरण किया जा रहा है तो राशन की अफरा तफरी होना स्वाभाविक होजता है।
आपको बता दे कि खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत शासन के सकत निर्देश पर देश में शहरी एवं पंचायत को निर्देशित है की समय पर हितग्राहियों को राशन वितरण करना किया जाना है।
लेकिन ग्राम पंचायत बहेरन के सरपंच को मदहोश कर पच के द्वारा विगत चार माह से इसी तरह से प्रतयेक माह में हितग्राहियों को राशन दिया जा रहा है इससे सवाल उठना लाजिमी हो जाता है कहीं ना कहीं राशन की कालाबाजारी हो रही है और राशन वितरक के ऊपर जनपद में पदस्थ खाद्य निरीक्षक का वादहस्थ प्राप्त है द्य आपको बता दें कि चावल की कालाबाजारी करने के मामले प्रदेश में चाहे सरकार किसी की भी रही हो उनके दामन पर दाग जरूर परतें हैं ऐसा इसलिए दावे के साथ किया जा सकता है कि पूर्ववर्ती भाजपा सरकार में भी ननकी राम कंवर के द्वारा कुनकुरी चावल घोटाले को लेकर विधानसभा में मामला उठाया था कमोबेश वही स्थिति कांग्रेस की भूपेश सरकार के खाद्य मंत्री के विरुद्ध भी चुनाओ वक्त राशन की करोड़ों की कालाबाजारी का मामला भाजपाइयों के द्वारा भी उठाया गया द्य इससे साफ जाहिर होता है कि इससे साफ जाहिर होता है कि विष्णु देव साय सरकार में भी राशन घोटाले का मामला सामने न आ जाए क्योंकि जशपुर के दुर्गम ग्रामीण क्षेत्र के पंचायत में खाद्य निरीक्षक दूरस्थ पंचायत में भ्रमण करना उचित नहीं समझते इससे जाहिर होता है की कहीं उच्च अधिकारी का वधहस्त प्राप्त प्राप्त है इसलिए बेखौफ होकर संचालक अपनी मर्जी से राशन वितरण करते हैं जिसका जिसका खामजीया ग्राम के गरीब ग्रामीण पुरुष महिलाएं भुगतते हैं इसका प्रमाण सबके सामने है।खाद्य निरीक्षक का मोबाइल संपर्क न होने के पर जिला खाद्य अधिकारी के मोबाइल नंबर पर पर संपर्क कर उनसे इस बारे में जानकारी चाहिए गई तो उनके द्वारा कहा गया कि जनपद मनोरा में पदस्थ खाद्य निरीक्षक से संपर्क कर बात कर लेने में पत्थलगांव में हूं।


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