अंबिकापुर@ये नव नियुक्त बड़े गुरूजीयों की काउंसलिंग थी कि कुछ और?

Share


-आदित्य गुप्ता (पिंटू)-
अंबिकापुर 02 मार्च 2024 (घटती-घटना)। प्रदेश मे सरकार क्या बदली प्रशासनिक,चाटुकार अफसरों के पौ बारह हो गए ऐसा पूर्व सरकार मे भी होता रहा। विभाग में बैठे मलाई छानने वाले अफसरों कर परों की लंबाई दोगुनी हो गई,ये लोग जो कभी हल्की सी हवा के झोंको से ही घोंसले में दुबक जाते थे अब वह आकाश की अनंत विशाल कक्ष में विचरण करने लगे हैं। कुल मिलाकर पांचो उंगली घी में और सर काढहे पर वाली कहावत सरगुजा जिला के मुख्यालय अंबिकापुर के जिला शिक्षा विभाग की कार्यशैली को दर्शाता नज़र आ रहा है। ?हम यहां पर बता देना चाहते हैं कि पूर्व में काउंसलिंग 28 दिसंबर 2022 को और दूसरी काउंसिल 23 मार्च 2023 को नियम अनुसार हुआ था ।लेकिन वर्तमान में जो काउंसलिंग 2 मार्च 2024 को हुआ यह काउंसलिंग पूर्व के सभी नियमों को दर किनार रखते हुए किया गया । जिला ग्रंथालय के सभागार में हुई नव नियुक्त प्राथमिक शालाओं के प्रधान पाठकों के लिए आयोजित किया गया था। जिसमें एलबी( लोकल् बॉडी) टीई(ट्रियवल्स एजुकेशन) 84 पदों के लिए था। सबसे बड़ी बात तो यह है कि जिला ग्रंथालय के सभागार में यह कार्यक्रम के आयोजन को लेकर सूचना पटल पर कोई सूचना पट्टी नहीं थी ।जबकि नियम अनुसार सूचना पटल पर जिला शिक्षा अधिकारी के द्वारा कार्यक्रम की सूचना के साथ नव नियुक्त प्रधान पाठकों के रिक्त स्थान की जानकारी वहां मौजूद होनी चाहिए थी लेकिन ऐसा नहीं हुआ शासन के नियमानुसार पहले क्रम में विकलांग महिला,दूसरे क्रम में विकलांग पुरुष ,तीसरे क्रम में विधवा परित्यक्ता ,एवं चौथे क्रम में वरिष्ठता के आधार पर महिला ,व पांचवें क्रम में वरिष्ठता के आधार पर पुरुष वर्ग का होना चाहिए था ।लेकिन यहां कुछ ऐसा नहीं दिखा लोकल बॉडी शिक्षा कर्मी जो की 2018 में नियमित हुए तथा ट्राईबल्स एजुकेशन की काउंसलिंग जिला शिक्षा अधिकारी डॉ.संजय गुहे के द्वारा किया जाना था । लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ हम यहां पर बता देना चाहते हैं कि यह कार्यक्रम का आयोजन पर तय समय से 2 घंटे विलंब में शुरू हुआ जिला शिक्षा अधिकारी डॉक्टर संजय गुहे सभागार पहुंचे और अपने कुर्सी पर विराजमान हो गए । ना वहां काउंसलिंग किए जाने के लिए लाउडस्पीकर की व्यवस्था थी नहीं वहां पीने की पानी की व्यवस्था थी कार्यक्रम की शुरुआत में जिला शिक्षा अधिकारी के द्वारा नव नियुक्त प्रधान पाठकों को किसी तरह से कोई काउंसलिंग नहीं करना व एक बाबू के द्वारा काउंसलिंग में आए नव नियुक्त प्रधान पाठकों का नाम ले लेकर बुलाना वह एक रजिस्टर पर हस्ताक्षर कर सोमवार को शिक्षा विभाग के कार्यालय में ऑफिस बुलाकर अपने नियुक्ति पत्र लेने के बात कहीं गई । लेकिन डॉक्टर गुहे खामोश बैठे रहे 84 नव नियुक्त प्रधान पाठकों की नियुक्ति कार्यक्रम में महज 58 लोग ही मौजूद रहे।
नियुक्ति में किया गया है बड़ा खेल
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार काउंसलिंग में आए 58 नवनियुक्त प्रधान पाठकों को लेकर बड़ा खेल होने की सूचना की खबर सामने आ रही है । इस पूरे खेल में तीन तिलंगों की भूमिका भी बताई जा रही है काउंसलिंग हाल के बाहर इन तीन तिलंगों की भूमिका रहस्यमई रही है । यह ही नहीं यह तीनों महानुभव ग्रंथालय सभागृह में जिला शिक्षा अधिकारी के इर्द-गिर्द मंडराते नजर आए।
आयोजन को लेकर नहीं बरती गई पारदर्शिता
हमारे संवाददाता के द्वारा इस विषय वस्तु को लेकर जिला शिक्षा अधिकारी से कुछ संवाद किए जाने पर जिला शिक्षा अधिकारी हमारे सवालों का कुछ और जवाब देने लगे ऐसा प्रतीत होता है कि कार्यक्रम क्या आयोजन को लेकर पारदर्शिता नहीं बरती गई । कुल मिलाकर चोरी-चोरी,चुपके-चुपके वाली कहानी को प्रयोग में लाया गया ।अगर यह कार्यक्रम जिला स्तर का था तो डॉक्टर संजय गुहे के सामने मौजूद टेबल में किसी तरह का कोई दस्तावेज क्यों नहीं था ?आखिरकार लुण्ड्रा तहसील में पदस्थ भारत नामक बाबू की इस कार्यक्रम या इस मामले में क्या भूमिका रही ? इस तरह के कई एक प्रश्न इस कार्यक्रम को रहस्यमय बनते हैं इससे एक बात साफ जाहिर होता है कि जिन-जिन को जिन-जिन स्थानों की अपेक्षा थी वह उन्हें पूर्व में ही मुहैया करवा दी गई थी,काउंसलिंग कार्यक्रम तो एक महज औपचरिकता के साथ प्रायोजित कार्यक्रम की तरह जान पड़ता है। देखना यह है कि और अब आगे-आगे होता क्या है।


Share

Check Also

रायपुर,@ निगम-मंडल और स्वशासी संस्थाओं को मिलने वाली अतिरिक्त सुविधाओं पर लगी रोक

Share @ वित्त विभाग ने जारी किया आदेश…रायपुर,26 अक्टूबर 2024 (ए)। वित्त विभाग ने तमाम …

Leave a Reply