बैकुण्ठपुर@विधानसभा चुनाव के दौरान लगा था आदर्श आचार संहिता…अवकाश पर अधिकारियों कर्मचारियों के था प्रतिबंध…तब प्रभारी डीपीएम मुंबई के ताज होटल में क्या कर रहे थे?

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रवि सिंह –
बैकुण्ठपुर 01 मार्च 2024 (घटती-घटना)। कोरिया जिले के प्रभारी डीपीएम स्वास्थ्य विभाग डॉक्टर प्रिंस जायसवाल अपनी कार्यप्रणालियों को लेकर हमेशा सुर्खियों में बने रहते हैं वह कोरिया जिले के स्वास्थ्य विभाग में तो सुर्खियों में हैं ही वहीं वह एक अन्य मामले में भी दोषी साबित हो सकते हैं जो मामला है विधानसभा चुनाव के दौरान लगी हुई आदर्श आचार संहिता के दौरान उनका मुंबई भ्रमण। विधानसभा निर्वाचन 2023 के दौरान जब प्रदेश में आदर्श आचार संहिता लागू थी और शासकीय अधिकारियों सहित कर्मचारियों के अवकाश पर प्रतिबंध लगा हुआ था तब वह मुंबई भ्रमण पर थे ऐसा हम नहीं उन्ही की सोशल मिडिया पोस्ट कहती है जिसमे उन्होंने मुंबई के होटल ताज के भीतर की तस्वीर सोशल मीडिया में साझा की है।
होटल ताज की तस्वीर उन्होंने 28 अक्टूबर 2023 की डाली है और जिसके अनुसार उस दौरान वह वहीं थे जबकि शासकीय पद पर कार्य करते हुए उन्हें इस दौरान जिले से या राज्य से बाहर जाने की अनुमति प्राप्त शायद नहीं रही होगी। अब उन्हे स्वास्थ्य विभाग ने जिले के या राज्य के मुंबई भेजा था उस दौरान तभी ऐसा संभव हो सकता है वरना ऐसा करना नियमानुसार गलत है और यह अनुशासन हीनता की श्रेणी का मामला है। स्वास्थ्य विभाग के जिम्मेदार लोगों को इस विषय पर जानकारी देना चाहिए की डीपीएम के पद पर कोरिया जिले में पदस्थ डॉक्टर प्रिंस जायसवाल को किस काम से मुंबई भेजा गया था वह भी आदर्श आचार संहिता के दौरान?
वैसे डीपीएम डॉक्टर प्रिंस जायसवाल ने ताज होटल की तस्वीर साझा करते समय यह भी जाहिर किया है की वह ताज के मेहमान हैं जो मुंबई सहित देश के सबसे महंगे होटलों में से एक है, वैसे डीपीएम स्वास्थ्य विभाग कोरिया जब विधानसभा निर्वाचन 2023 के दौरान मुंबई गए रहे होंगे तब उनको तत्कालीन कांग्रेस सरकार के नेताओं का संरक्षण प्राप्त रहा होगा वहीं ऐसा कोई अन्य छोटा कर्मचारी करता उसके विरुद्ध कठोर अनुशासनात्मक कार्यवाही हो चुकी होती निलंबन जैसी स्थिति से वह गुजरा जरूर होता। वैसे डीपीएम स्वास्थ्य विभाग कोरिया संविदा कर्मचारी हैं और संविदा कर्मचारियों पर आदर्श आचार संहिता का कितना प्रभाव या उनके लिए यह कितना पालन करने योग्य विषय रहता है यह तो विभाग जाने लेकिन जानकारों के अनुसार यदि उन्होंने आदर्श आचार संहिता के दौरान प्रदेश से बाहर का दौरा बिना अनुमति किया है या वह बगैर किसी शासकीय कार्य वहां पहुंचे थे टी यह गलत ही होगा। आदर्श आचार संहिता के दौरान प्रायः देखा गया है की कर्मचारियों को तनिक विलंब जो किसी कारणवश भी हुई होती है के लिए निलंबित कर दिया जाता है,आवश्यक अति आवश्यक अवकाश आवेदनों पर भी कई बार विचार होता है,गंभीर बीमारी सहित अन्य बीमारी मामलों में मेडिकल बोर्ड से भी जांच कराई जाती है तब जाकर अवकाश की स्वीकृति प्रदान की जाती है जबकि यदि स्वास्थ्य विभाग के डीपीएम आदर्श आचार संहिता के दौरान राज्य से बाहर हैं जबकि मुख्यालय भी नहीं छोड़ना है तो उनके ऊपर कोई कार्यवाही क्यों नहीं हुई यह बड़ा प्रश्न है जबकि वह स्वयं सोशल मिडिया में तस्वीरें साझा कर यह साबित भी कर रहे हैं की वह मुंबई में हैं।


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