अंबिकापुर@छात्रावास में छात्र की आत्महत्या,कलेक्टर ने तत्काल अधीक्षक को किया निलंबित

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एसडीएम अंबिकापुर को विस्तृत मजिस्टि्रयल जांच का मिला आदेश
अंबिकापुर,29 फरवरी 2024 (घटती-घटना)। प्रीमैट्रिक अनुसूचित जनजाति बालक छात्रावास दरिमा में बुधवार को कक्षा 8 वीं के एक छात्र ने आत्महत्या कर ली थी। कलेक्टर विलास भोस्कर संदीपान एवं पुलिस अधीक्षक विजय अग्रवाल ने तत्काल मामले को संज्ञान में लिया और स्वयं जिला चिकित्सालय पहुंचे जहां शव का पोस्टमार्टम कराया गया। प्रशासन द्वारा संवेदनशीलता बरतते हुए त्वरित कार्रवाई हेतु तीन डॉक्टरों की टीम द्वारा पोस्टमार्टम कराया गया। वहीं कलेक्टर ने लापरवाही पर छात्रावास अधीक्षक को तत्काल प्रभाव से निलंबित किया है। इसके साथ ही मामले की जांच में कोई बिंदु ना छूटे, इसके लिए एसडीएम अंबिकापुर को मजिस्टि्रयल जांच हेतु अधिकृत किया गया है। एसडीएम अंबिकापुर को तीन दिन में विधिवत जांच कर जांच प्रतिवेदन प्रस्तुत करना होगा।
अंबिकापुर मुकेश तिर्की पिता रामजीत तिर्की उम्र 14 वर्ष सीतापुर थाना क्षेत्र के ग्राम किशुनपुर का रहने वाला था। प्रीमैट्रिक अनुसूचित जनजाति बालक छात्रावास दरिमा में रहकर कक्षा 8वीं में पढ़ाई करता था। बुधवार की सुबह वह खाना नहीं खाया था और स्कूल भी नहीं गया था। छात्रावास के अन्य बच्चे स्कूल चले गए थे। शाम चार बजे जब बच्चे स्कूल से छात्रावास लौटे तो मुकेश तिर्की का कमरा बंद था। उक्त कमरे में और भी बच्चे रहते थे। बच्चे दरवाजा खुलवाने की कोशिश किए तो अंदर से कोई जवाब नहीं मिला। इस दौरान बच्चों ने खिडक¸ी से झांक कर देखा तो वह फांसी पर लेटका था। हालांकि उसका शरीर मजन से सटा था। बच्चों ने मामले की जानकारी छात्रावास के चौकीदार को दी। रोशनदान से कमरे के अंदर घुसकर दरवाजा को खोला गया। इस दौरान चौकीदार ने बच्चों की मदद से उसके शव को उतरवाकर बेड पर रख दिया। इसके बाद लोगों ने मामले की जानकारी दरिमा पुलिस को दी। सूचना पर तहसीलदार व पुलिस मौके पर पहुंचकर मामले की जांच की और शव का पीएम के लिए अस्पताल भिजवाया।
परिजन ने छात्रावास अधीक्षक पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए तत्काल एफआईआर दर्ज कराए जाने की मांग कर रहे थे। विरोध के कारण गुरुवार की दोपहर दो बजे तक शव का पीएम नहीं हो सका था। जानकारी पर कलेक्टर व एसपी अस्पताल पहुंचे और छात्रावास अधीक्षक भूपेश सिंह कश्यप को अपने कर्तव्यों के प्रति घोर लापरवाही बरते जाने स्वरूप तत्काल प्रभाव से निलंबित किया गया है। उक्त अधीक्षक का कृत्य छाीसगढ़ सिविल सेवा आचरण नियम 1965 के नियम एक एवं दो के विपरीत होने के कारण छाीसगढ़ सिविल सेवा वर्गीकरण नियंत्रण एवं अपील नियम 1966 के नियम 9 (एक) (क) के तहत निलंबित किया गया है। निलंबन अवधि में इनका मुख्यालय कार्यालय सहायक आयुक्त, आदिवासी विकास विभाग अंबिकापुर निर्धारित किया गया है। मुकेश तिर्की पिछले कई दिनों से बीमार था। परिजन उसका इलाज करा रहे थे। जांच में पथरी की पुष्टी हुई थी। परिजन जड़ी बुटी व अन्य दवा देकर उसे 22 फरवारी को छात्रावास भेज दिए थे। वहीं बुधवार की सुबह वह अपनी मां से बात की थी। वह बताया था कि सीने के पास दर्द हो रहा है। मां पूछी की क्या ज्यादा दर्द हो रहा है। पर वह हल्का दर्द रहने की बात बताई थी। मां बोली थी कि ज्यादा दर्द होगा तो वापस घर आ जाना पर वह बोला की परीक्षा का समय है। घर नहीं आ पाएंगे। इसके बाद वह स्कूल भी नहीं गया और छात्रावास में ही थे। इसके बाद सुबह 9 से शाम 4 बजे के बीच वह आत्महत्या कर ली।
एसडीएम अबिकापुरको मजिस्टि्रयल जांच के निर्देश
कलेक्टर एवं जिला दंडाधिकारी सरगुजा द्वारा घटना की मजिस्टि्रयल जांच हेतु एसडीएम अंबिकापुर फागेश सिन्हा को विस्तृत जांच करने अधिकृत किया गया है। एसडीएम अंबिकापुर मृत्यु के दृश्यमान कारणों की विधिवत जांचकर तीन दिनों के भीतर जांच प्रतिवेदन प्रस्तुत करना सुनिश्चित करेंगे।
विभागीय जांच हेतु टीम गठित
सहायक आयुक्त आदिवासी विकास विभाग ने बताया कि उक्त घटना की जांच हेतु दो सदस्यीय समिति गठित की गई है जिसमें सहायक संचालक अंकिता मरकाम और सहायक संचालक महेंद्र पाल खांडेकर शामिल हैं, जो घटना की सूक्ष्म जांचकर जांच प्रतिवेदन तीन दिवस के भीतर उपलध कराना सुनिश्चित करेंगे।


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