नई दिल्ली,@बाबा रामदेव की पतंजलि पर सुप्रीम कोर्ट हुआ सख्त

Share


नई दिल्ली, 27 फरवरी 2024 (ए)।
योग गुरू बाबा रामदेव की पतंजलि आयुर्वेद के भ्रामक विज्ञापन से जुड़े मामले की आज फिर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। मामले की सुनवाई जस्टिस अहसानुद्दीन अमानुल्लाह और जस्टिस प्रशांत कुमार मिश्रा की खंडपीठ ने की। इस दौरान जस्टिस अमानुल्लाह भड़क गए और उन्होंने पतंजलि आयुर्वेद की तरफ से मामले की पैरवी कर रहे वकील से पूछ डाला कि कोर्ट के आदेश के बावजूद आपने भ्रामक विज्ञापन छपवाने की हिम्मत कैसे की? बार एंड बेंच के मुताबिक, जस्टिस अहसानुद्दीन ने कहा,हमारे आदेश के बाद भी आपमें यह विज्ञापन लाने की हिम्मत की है। आप कोर्ट को लुभा रहे हैं क्या! जस्टिस अहसानुद्दीन अमानुल्लाह ने आगे कहा, मैं प्रिंटआउट और अनुलग्नक लेकर आया हूं। हम आज बहुत सख्त आदेश पारित करने जा रहे हैं। इस विज्ञापन को देखिए। आप कैसे कह सकते हैं कि आप सब ठीक कर देंगे? हमारी चेतावनी के बावजूद आप विज्ञापन जारी कर कह रहे हैं कि हमारी चीज़ें रसायन आधारित दवाओं से बेहतर हैं?
पतंजलि आयुर्वेद के भ्रामक विज्ञापनों के खिलाफ इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने याचिका दायर की थी। याचिका में साक्ष्य-आधारित दवा को बदनाम करने के लिए बाबा रामदेव और पतंजलि आयुर्वेद के खिलाफ कार्रवाई की मांग की गई है। पिछली सुनवाई में कोर्ट ने पतंजलि से ऐसे विज्ञापनों को प्रकाशित नहीं करने का आदेश दिया था। कोर्ट ने चेतावनी दी थी कि ऐसा करने पर एक करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया जा सकता है। आरोप है कि बाबा रामदेव की कंपनी पतंजलि आयुर्वेद ने साक्ष्य आधारित आधुनिक चिकित्सा प्रणाली के खिलाफ अखबारों में भ्रामक विज्ञापन छपवाया था और अपनी दवा से मरीजों के ठीक होने का दावा किया था। पिछले साल भी इंडियन मेडिकल एसोसिएशन की याचिका पर कोर्ट ने नोटिस जारी करते हुए एलोपैथी जैसी आधुनिक चिकित्सा प्रणालियों के खिलाफ बयान देने के लिए बाबा रामदेव को फटकार लगाई थी। कोर्ट ने तब कहा था कि वह इसे एलोपैथी बनाम आयुर्वेद की लड़ाई नहीं बनने दे सकते।


Share

Check Also

बरेली@ गूगल मैप के भरोसे चलना जानलेवा साबित हुआ,3 युवकों की मौत

Share @ अधूरे पुल से नदी में गिरी कार…बरेली,24 नवम्बर 2024 (ए)। बरेली में जीएसपी …

Leave a Reply