- पिछले कांग्रेस सरकार में जिन अधिकारियों से परेशान होती थी जनता उन्हे ही क्या विधायक ने अपने आंखो पर बैठाया?
- कैसे होगी सुशासन की परिकल्पना पूरी,सवालिया निशान…क्या पूराने जनप्रतिनिधियों से भी संबंध निभा रहे हैं अधिकारी?
-रवि सिंह-
बैकुण्ठपुर,27 फरवरी 2024 (घटती-घटना)। प्रदेश में सत्ता बदली,विधायक बदले लेकिन कोरिया जिले में नही बदला तो प्रशासन का चेहरा और ना ही काम करने का तरीका,जिससे आम जनमानस एक बार फिर मायुश दिखलाई दे रहा है,हमने पहले ही लिखा था कि किसी भी शासन के लिए प्रशासन अति महत्वपूर्ण अंग है,प्रशासन जैसा काम करेगा वैसी ही छवि शासन की बनेगी और इसका नफा नुकसान सिर्फ और सिर्फ शासन का ही होना है। पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार में प्रशासन ने जैसा हाल जिले का कर रखा था वह किसी से छिपा नही है,और इसी का खामियाजा भूपेश सरकार को भी अविभाजित कोरिया जिले से भुगतना पड़ा है। पूर्व शासनकाल में कोरिया जिले में भी अराजकता की स्थिति निर्मित थी जिससे जनता त्रस्त थी। अब एक बार फिर भाजपा सरकार में वही अधिकारी प्रमुख प्रशासनिक पदों पर बैठे हुए हैं स्थानीय विधायक से लेकर गिनती के भाजपा नेताओं की जी हुजुरी कर प्रशासनिक अधिकारी जिले में ही पैर जमा कर रखे हुए हैं जिससे कि उनके हौसले बुलंद हैं और वे अपनी पुरानी चाल को दोहरा रहे हैं। आम जन मानस की उम्मीद पर सरकार और सत्ताधारी दल कैसे खरे उतरेंगे यह सोचनीय विषय है।
जो थे कांग्रेसियों के खासमखास उन्हे ही भाजपाईयों का सहारा मिला
यह बात किसी से छिपी नही है कि वर्तमान में कोरिया जिले में विभिन्न प्रशासनिक पदों पर बैठे अधिकारियों से कांग्रेसियों का संबंध कैसा है,यही वजह है कि आज भी भाजपाईयों की तुलना में कांग्रेसी अपना कोई भी काम करा लेने में आगे हैं। जिले में बैठे प्रशासनिक अधिकारी भी कांग्रेसियों से अपना संबंध पूर्व की भांति ही निभा रहे हैं। जबकि भाजपाई दूर दूर तक नजर नही आ रहे हैं। तीन माह बीत जाने के बाद भी प्रमख अधिकारियों का ना बदला जाना विफलता एवं कमजोर राजनैतिक इच्छा शक्ति का परिचायक है। कांग्रेसी अधिकारियों के खासमखास रहे अधिकारियों को भाजपाई अब सहारा दे रहे हैं यह बात आम जन मानस को भी समझ नही आ रहा है।
दो तबादला लिस्ट हुई जारी पर नहीं था उसमें एसडीएम का नाम
लगातार चुनाव से पहले तबादला हो रहा है और कयास लगाई जा रही थी कि कोई बदले चाहे ना बदले पर आने वाली तबादला सूची में एसडीएम बैकुंठपुर का नाम जरूर होगा पर दो सूची आकर चली गई पर इन दोनों सूची में लोग एसडीएम का नाम खोजने रहेगा पर उसे सूची में इनका नाम नहीं था, पूरा जिला इस बात का कयास लगाए बैठा था कि अब जो सूची आएगी उसमें बैकुंठपुर एसडीएम का तबादला होना तय है पर सिर्फ कायस,कायस तक ही रह गया ऐसा बताया जा रहा है कि संरक्षण ही उन्हें बचा रहा है।
कई कलेक्टर बदले पर कोरिया कलेक्टर को मिला वरदान
प्रदेश में विष्णुदेव सरकार बनने के बाद कोरिया जिले में भी प्रशासन का चेहरा बदलने की उम्मीद की जा रही थी,कई प्रशासनिक अधिकारियों से आम जनता त्रस्त थी,विधायक बदलने के बाद लोग यह उम्मीद लगाकर बैठे थे कि अब वास्तव में प्रशासनिक अधिकारी बदल दिए जांएगे लेकिन अब तक के कार्यकाल में ऐसा कुछ नही हो सका है। सूत्र बतलाते हैं कि प्रशासनिक अधिकारियों को विधायक और भाजपा संगठन का साथ मिलने के कारण उन्हे नही बदला जा सका है,जबकि वे अधिकारी कांग्रेस शासन काल में बिठाए गए हैं। ज्ञात हो कि पूर्व में हुए फेरबदल में प्रदेश में लगभग दो दर्जन कलेक्टर एवं बड़ी संख्या में डिप्टी कलेक्टर,संयुक्त कलेक्टर एवं अपर कलेक्टर बदले गए हैं कोरिया में भी कुछ डिप्टी कलेक्टर एवं अपर कलेक्टर बदले तो गए लेकिन जिस संयुक्त कलेक्टर से आम जनता त्रस्त है उसे नही बदला जाना एक सवालिया निशान है। वर्तमान कलेक्टर भी कांग्रेस सरकार में लाए गए हैं उनके कार्यकाल में भी कुछ विशेष उपलब्धि नजर नही आती लेकिन उन्हे अभयदान मिलना समझ से परे है।
एसडीएम अंकिता सोम से त्रस्त थी जनता,लेकिन उनका भी तबादला नही करा सके विधायक भईयालाल
जब कांग्रेस की सरकार और स्थानीय विधायक अंबिका सिंहदेव थी तभी संयुक्त कलेक्टर अंकिता सोम को जिला मुख्यालय का एसडीएम बनाया गया है। उन्हे एक समय और अधिक जिम्मेदारी दे दी गई थी। पूर्व शासन काल में उनके द्वारा अपने कार्यालय में ना बैठा जाना आम बात हो चुकी थी,उनके कार्यालय में कोई भी काम करा पाना आसान नही था और आज भी आसान नही है। एसडीएम की कार्यशैली एवं उनके कार्यालय में फैली अव्यवस्था को लेकर कई बार खुद भैयालाल राजवाड़े द्वारा विरोध किया जाता रहा है लेकिन अब उनके विधायक बनने के बाद तीन माह बीत जाने के बाद भी अंकिता सोम ही एसडीएम पद पर बनी हुई हैं यह बात समझ से परे है। एसडीएम अंकिता से स्थानीय जनता त्रस्त थी लेकिन उनका भी स्थानांतरण ना करा पाना एक बड़ा सवाल है।
कम से कम मुख्यालय से हटाया जा सकता था एसडीएम अंकिता सोम को
जिले में मुख्यालय एसडीएम महत्वपूर्ण स्थान रखता है,संयुक्त कलेक्टर अंकिता सोम पिछले एक वर्ष से अधिक समय से मुख्यालय एसडीएम पद पर काबिज हैं उनकी कार्यशैली किस प्रकार की है यह किसी से छिपी नही है। मनमुताबिक चहेते पटवारियों की पदस्थापना का मामला हो या फिर कार्यालय से नदारद रहने की बात इन सब में वे माहिर हैं यही नही उनकी कार्यशैली भी आम जन मानस के हिसाब से सही नही है। भाजपा सरकार आने के बाद लोगो को उम्मीद थी कि अब यहां से एसडीएम अंकिता सोम को हटा दिया जाएगा लेकिन ऐसा अभी तक नही हो सका है। विधायक भैयालाल रजवाड़े से भी लोग उम्मीद लगाकर बैठे हैं कि ऐसे अधिकारियों को कम से कम मुख्यालय एसडीएम ना बना कर रखें।
जिले में कई डिप्टी,संयुक्त कलेक्टर लेकिन अंकिता सोम पर ही क्यों मेहरबान हैं कलेक्टर कोरिया
बतलाया जाता है कि जिले में फिलहाल प्रशासनिक अधिकारियों की कमी नही है,अनुभवी मिलनसार एवं कार्य के प्रति जवाबदेह अधिकारी भी मौजूद हैं लेकिन एसडीएम अंकिता सोम जैसी अधिकारी को मुख्यालय का एसडीएम बना कर रखा जाना कलेक्टर कोरिया की कौन सी मजबूरी का हिस्सा है यह समझ से परे है। वर्तमान में कोरिया में डिप्टी कलेक्टर,संयुक्त कलेक्टर एवं अपर कलेक्टर के पद भी भरे हुए हैं,एसडीएम अंकिता सोम को मुख्यालय से हटाकर कहीं भी बैठाया जा सकता है लेकिन कलेक्टर कोरिया के द्वारा ऐसा ना किया जाना हास्याप्रद है।
क्या एक महिला अधिकारी सब पर हैं भारी,क्या उन्ही के हिसाब से चल रहा कोरिया जिला प्रशासन?
बतलाया जाता है कि एसडीएम अंकिता सोम इन दिनों कोरिया जिला प्रशासन को चला रही हैं,ऐसा कोई भी काम नही जो उनकी मर्जी के खिलाफ हो। कई अधिकारी भी उन्हे सुपर कलेक्टर की संज्ञा देते फिरते हैं,कलेक्टर कार्यालय में आयोजित होने वाली बैठकों में भी उनका हाव भाव देखकर लोग भयभीत रहते हैं। इस महीने के पूर्व में झुमका महोत्सव संपन्न हुआ है,महोत्सव के नाम पर किस प्रकार वसूली हुई है उससे अभी तक कई प्रशासनिक अधिकारी नही उभर पाए हैं। महोत्सव का सारा जिम्मा एसडीएम के उपर ही था बाकि अधिकारी सिर्फ उनके ईशारे पर नाच रहे थे। सूत्रो ने बतलाया कि जिले में एक महिला अधिकारी ने अपना टार्गेट पूरा नही किया उसे लेकर भी एसडीएम द्वारा काफी धमकी चमकी की गई थी,यह सभी बाते अधिकारियों के बीच ही तैरती रहती हैं लेकिन उनका इतना भय है कि कोई कुछ बोलना नही चाहता।
लोकसभा चुनाव में रिटर्निंग आफिसर नही होंगी अंकिता सोम
संपन्न हुए विधानसभा के चुनाव में एसडीएम अंकिता सोम को ही बैकुंठपुर विधानसभा का रिटर्निंग आफिसर बनाया गया था,कलेक्टर सिर्फ जिला निर्वाचन अधिकारी की जिम्मेदारी निभा रहे थे। चुनाव की पूरी जिम्मेदारी भी अंकिता सोम को ही दी गई थी किस अव्यवस्था के साथ भगवान भरोसे चुनाव संपन्न हुआ यह सिर्फ अधिकारी कर्मचारी ही बता सकते हैं। इस बार चुनाव आयोग ने संबंधित लोकसभा के मुख्यालय कलेक्टर को ही रिटर्निंग आफिसर बनाया है यानि की अंकिता सोम इस जवाबदेही से मुक्त हो गई हैं इसके बाद इस बात की अड़चन भी समाप्त हो गई है कि उन्हे रिटर्निंग आफिसर होने के कारण नही हटाया जा सकता है। यदि आम जनता में वर्तमान सरकार को अपनी छवि बरकरार रखनी है तो अतिशीघ्र अंकिता सोम को एसडीएम बैकुंठपुर से हटाया जाना चाहिए जो कि त्रस्त जनता की मांग है।