नई दिल्ली@सुप्रीमकोर्ट ने केंद्र को चेतावनी दी

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नई दिल्ली,26 फरवरी 2024(ए)।
भारतीय तटरक्षक बल यानी इंडियन कोस्ट गार्ड महिला अधिकारियों के परमानेंट कमीशन को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को एक बार फिर फटकार लगाई है। सुप्रीम कोर्ट ने याचिका पर सोमवार को सुनवाई करते हुए कहा केंद्र को कड़ी चेतावनी दी। अदालत ने कहा- आप महिला अधिकारियों को या तो परमानेंट कमीशन दीजिए वरना हम आदेश जारी करेंगे। अब इस मामले में 1 मार्च को सुनवाई होगी।सुप्रीम कोर्ट ने इंडियन कोस्ट गार्ड की एक महिला अधिकारी की याचिका पर सुनवाई की, जिसमें आईसीजी के लिए योग्य महिला शॉर्ट-सर्विस कमीशन अधिकारियों को परमानेंट कमीशन देने की मांग की गई है। अटॉर्नी जनरल आर वेंकटरमणी ने कहा कि कोस्ट गार्ड नेवी और आर्मी से बिल्कुल अलग है। इस मामले में एक बोर्ड बनाई जा चुकी है.। इसमें स्ट्रख्रल चेंजेस की जरूरत है।
सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा, इन सभी कार्यक्षमता आदि तर्कों में 2024 में कोई दम नहीं है। महिलाओं को छोड़ा नहीं जा सकता। अगर आप ऐसा नहीं करेंगे, तो हम ऐसा करेंगे। आप परमानेंट कमीशन दीजिए वरना हम आदेश पारित करेंगे।


याचिकाकर्ता प्रियंका त्यागी ने खुद को कोस्ट गार्ड के ऑल विमेन क्रू का सदस्य बताया है, जो तटरक्षक बेड़े पर डोमियर विमानों की देखभाल के लिए तैनात किया गया था। यह याचिका एओआर सिद्धांत शर्मा के हवाले से दाखिल की गई है। याचिकाकर्ता ने अपनी रिट में 10 वर्षों की शॉर्ट सर्विस नियुक्ति को आधार बनाते हुए एनी नागराज और बबिता पूनिया के मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले का हवाला दिया है और न्याय की गुहार लगाई है।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा, आप सभी ने अभी तक हमारा बबीता पुनिया जजमेंट नहीं पढ़ा है। आप इतने पितृसत्तात्मक क्यों हैं कि आप महिलाओं को कोस्ट गार्ड क्षेत्र में नहीं देखना चाहते? आपके पास नौसेना में महिलाएं हैं, तो कोस्ट गार्ड में ऐसा क्या खास है, जो महिलाएं नहीं हो सकतीं? हम पूरा कैनवास खोल देंगे. वह समय गया जब हम कहते थे कि महिलाएं कोस्ट गार्ड में नहीं हो सकतीं. महिलाएं सीमाओं की रक्षा कर सकती हैं, तो महिलाएं तटों की भी रक्षा कर सकती हैं।


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