क्या भाजपा की सरकार प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र खड़गवां में हुए प्रोत्साहन राशि में भ्रष्टाचार की जांच कराकर दूध का दूध और पानी का पानी करेगी?
-राजेन्द्र शर्मा-
खड़गवां,25 फरवरी 2024 (घटती-घटना)। प्रोत्साहन राशि में हुए फर्जीवाड़े की जांच को आच नहीं आई है जिस चूल्हे में ये मामला पका रहा था उस चूल्हे को ही बुझा दिया गया क्यों एक कहावत बहुत प्रचलित है सईयां भय कोतवाल तो अब डर काहे का इस तर्ज में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र खड़गवां में प्रोत्साहन राशि में खुलेआम भ्रष्टाचार किया गया है। प्रोत्साहन राशि की जांच अब भी अधूरी है, हालांकि जांच के नाम पर खाना पूर्ती करते हुए एचआरएमआईएस पोर्टल में वास्तविक पदनाम से भिन्न पद नाम कर प्रोत्साहन राशि का लाभ दिया गया था । इस प्रोत्साहन राशि में हुए भ्रष्टाचार में राजनीतिक संरक्षण होने के कारण जांच में आए अधिकारियों पर दबाव देकर जांच को कई बार प्रभावित किया गया है।
इधर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र खड़गवां में पदस्थ अधिकारी का कहना है कि प्रोत्साहन राशि में किसी प्रकार का कोई भ्रष्टाचार नहीं किया गया है। तो इस प्रोत्साहन राशि जांच मामले को निष्पक्ष जांच होने देना चाहिए जिससे दूध का दूध और पानी का पानी हो जाए। इस प्रोत्साहन राशि के मामले में वर्तमान सरकार से पुनः शिकायत की गई है कि प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र खड़गवां में हुए करोड़ों रुपए की प्रोत्साहन राशि में भ्रष्टाचार की निष्पक्ष जांच की मांग कर भ्रष्टाचार में लिप्त पर कार्यवाही करने की मांग भाजपा सरकार से की है? प्रोत्साहन राशि में हुए फर्जी वाडे की पूर्व सरकार ने जांच महज खानापूर्ति के लिए कराई गई थी। प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र खडगवां के सूत्रों से जानकारी प्राप्त हुई है कि इस प्रोत्साहन राशि के बंदरबांट में 6 कर्मचारीयों से 3,52,547/- वसूली की गई, और अनुशासनात्मक कार्यवाही के संबंध में नियमित सेवा में कार्यरत 6 कर्मचारियों को छ. ग. सिविल सेवा नियम 10 (4) के तहत आगामी वार्षिक वेतन वृद्धि असंचई प्रभाव से 01 माह का वेतन अस्थाई रूप से रोके जाने की कार्यवाही कर स्वास्थ्य विभाग ने इस मुद्दे पर मिट्टी डालकर दफ़न करना चाहती थी। मगर यह प्रोत्साहन राशि का मामला हमेशा कही ना कही चर्चा का विषय बना रहता है, दरअसल यह घोटाला प्रदेश स्तर का होने के कारण बडा सुर्खियों में रहा और कांग्रेस सरकार में राजनीतिक संरक्षण का शिकार हो कर रह गया। इस प्रोत्साहन राशि मामले में राज्य स्तरीय निष्पक्ष जांच होतो ज्यादातर स्वास्थ्य केद्रों में जांच उपरांत करोड़ों रुपए के घोटाले सामने आ सकते हैं।
उक्त प्रकरण समाचार पत्रों में प्रकाशित होने के बाद जांच हेतु चार सदस्सदस्यीय जांच समिति का गठन 11/1/23 को किया गया , जिसके द्वारा 13/1/23 को प्रा.स्वा.केन्द्र का भ्रमण कर जांच की गई 7 जांच तो महज एक खानापूर्ति ही की गई थी जांच में आए अधिकारियों बंद ए सी कमरे में बैठाकर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र खड़गवां में उनकी इतनी आओ भगत की गई और वहीं एसी कमरे में बैठकर ही शिकायत की जांच पूरी कर खानापूर्ति कर दिया गया था। इस प्रोत्साहन राशि में भ्रष्टाचार की गूंज राज्य स्तर तक होने के बाद भी मामले को बड़ी ही सहजता से जमींदोज कर दिया गया क्या भाजपा सरकार के द्वारा इस प्रोत्साहन राशि में हुए भ्रष्टाचार की जांच कराएगी?