बैकुण्ठपुर/पटना,@क्या डॉक्टर प्रियंका की वापसी सिर्फ आदेशों और पटनासामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के सूचना बोर्ड व केबिन नेम प्लेट में हुई?

Share


-रवि सिंह-
बैकुण्ठपुर/पटना,25 फरवरी 2024 (घटती-घटना)। पटना सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र की व्यवस्था भी अब समझ से परे नजर आने लगी है, खंड चिकित्सा अधिकारी भी अब परेशान नजर आ रहे हैं क्योंकि उन्हे ही यह पता नहीं चल पा रहा है की उनके ही अधीनस्थ पदस्थ एक महिला चिकित्सक अभी कहां हैं और वह बिना कार्य पर उपस्थित हुए ही कैसे वेतन प्राप्त कर रही हैं। निश्चेतना विभाग की डिप्लोमाधारी महिला चिकित्सक को निश्चेतना मामलों के लिए खासकर शल्य चिकित्सा मामलों में सहयोग के लिए जिला चिकित्सालय में पहले संलग्न किया गया था या उनकी सेवा वहां ली जा रही थी लेकिन जनवरी माह से उन्हे वहां से पटना सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के लिए मुक्त कर दिया गया है जैसा सूत्रों का कहना है वहीं वह जनवरी माह से ही लगातार अनुपस्थित हैं और फिर भी उन्हे वेतन मिल रहा है जो सूत्रों का ही कहना है।
अब महिला चिकित्सक के नदारद रहने के मामले में खंड चिकित्सा अधिकारी को निर्णय लेते देखा जा रहा है और उन्होंने इस आशय की सूचना की महिला चिकित्सक माह जनवरी से लगातार कार्य से अनुपस्थित हैं मुख्य चिकित्सा एवम स्वास्थ्य अधिकारी को प्रेषित लिखित की है वहीं उन्होंने संबंधित महिला चिकित्सक को भी एक पत्र भेजकर पूछा है की आप जनवरी माह से नदारद हैं जिसके लिए आपने मात्र एक अवकाश पत्र प्रेषित किया था जिसमे अवकाश स्वीकृति तो की गई थी लेकिन तभी से आप कार्य से अनुपस्थित हैं और चूंकि विधानसभा सत्र में अवकाश स्वीकृति की मनाही है ऐसे में आप अविलंब कार्य पर उपस्थित होवे। खंड चिकित्सा अधिकारी का दो पत्र यह बताता है की वह कितने मजबूर हैं कितने असहाय हैं अपने ही अधीनस्थ चिकित्सकों के मामले में क्योंकि उन्हे ही यह जानकारी नहीं की महिला चिकित्सक कार्य से अनुपस्थित हैं और उन्हे याद आते आते इतना विलंब हो गया की दो माह का लंबा समय व्यतीत हो गया और महिला चिकित्सक इस दौरान बिना कार्य पर उपस्थित हुए ही वेतन प्राप्त करती रहीं। अब खंड चिकित्सा अधिकारी के पत्र के बाद क्या महिला चिकित्सक कार्य पर उपस्थित होती हैं यह देखने वाली बात होगी क्योंकि खंड चिकित्सा अधिकारी ने दो अलग अलग पत्र लिखा है जिसमे एक पत्र उन्होंने महिला चिकित्सक को लिखा है कार्य पर उपस्थित होने को लेकर वहीं उन्होंने दूसरा पत्र लिखा है मुख्य चिकित्सा अधिकारी जिला कोरिया को। महिला चिकित्सक को बिना कार्य पर उपस्थित हुए ही यदि वेतन मिलता रहा तो इसमें कौन जिम्मेदार है यदि सूत्रों की अनुपस्थिति की बात सही है यह भी जांच का विषय है क्योंकि पटना सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में लिपिकीय कार्य देख रहे जिम्मेदार कैसे वेतन आहरण करते चले आ रहे थे बिना कार्य पर उपस्थित हुए ही किसी चिकित्सक का यह जांच जरूर होनी चाहिए।
सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में लगा है महिला चिकित्सक के नाम का बोर्ड पता करने पर कभी कार्य पर नहीं मिलती महिला चिकित्सक
सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में महिला चिकित्सक के नाम का बोर्ड बड़े बड़े अक्षरों वाला लगा हुआ है लेकिन पता करने पर वह हमेशा नदारद मिलती हैं। जब उन्हे कार्य के बिना ही वेतन लेना है तो उनके नाम का बोर्ड क्यों लगा है यह भी लोग जानना चाहते हैं।वहीं बताया जाता है की एम एल सी या पीएम मामले में भी वह कोई काम नहीं करना चाहती हैं। कुल मिलाकर वह घर बैठे वेतन लेना मात्र चाहती हैं। उनके नाम से शासकीय आवास भी दिया गया है जो बंद रहता है वैसे सूत्रों का कहना है की वह गृह भाड़ा भत्ता नहीं लेती लेकिन बिना रहे ही आवास उन्होंने आबंटित कराया हुआ है जबकि उनका घर जहां वह निवासरत हैं वह पटना में ही है।
जिला चिकित्सालय में नवंबर माह में अंतिम बार शामिल हुईं थीं किसी शल्य मामले में,उसके बाद नहीं ली गई महिला चिकित्सक की सेवा
महिला चिकित्सक एवम निश्चेतना मामले में डिप्लोमाधारी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र की महिला चिकित्सक की सेवा अंतिम बार नवम्बर माह में ली गई थी जिला चिकित्सालय में। उसके बाद उनकी कोई सेवा जिला चिकित्सालय में नही ली गई यह सूत्रों का कहना है। सूत्रों की ही माने तो सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र की महिला चिकित्सक जिन्हे निश्चेतना मामलों में डिप्लोमा प्राप्त है से शल्य मामलों में कोई चिकित्सक शामिल भी नहीं करना चाहता। उन्हे या उनकी सेवा या उनकी कुशलता पर जिला चिकित्सालय के चिकित्सक भरोसा नहीं करते हैं ऐसा सूत्र बताते हैं इसलिए ही वह नवंबर माह के बाद किसी शल्य क्रिया में शामिल नहीं की गई। वैसे उसके बाद भी वह जिला चिकित्सालय जाया करती थीं और वहां बैठकर वापस आया करती थीं जिसके बाद उन्हें पुनः मूल पदस्थापना के लिए वापस भेज दिया गया क्योंकि उनकी सेवाएं ली जानी बंद कर दी गई थीं।
निश्चेतना मामलों में डिप्लोमाधारी हैं महिला चिकित्सक
पटना सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में पदस्थ महिला चिकित्सक निश्चेतना मामलों में डिलोमा धारी हैं। निश्चेतना मामलों में जानकर होना किसी चिकित्सक को इस मामले का विशेषज्ञ बनाता है की वह शल्य चिकित्सा मामलों में मरीज को या उसके उस अंग को निश्चेतना अवस्था में डाल सके दवाओं के माध्यम से जिस अंग शल्य क्रिया से इलाज किया जाना है। महिला चिकित्सक विभागीय रूप से यह योग्यता हासिल कर सकीं हैं।
कुछ दिन जिला चिकित्सालय में निश्चेतना मामलों के लिए ली जा रही थी इनकी सेवा,जनवरी माह से पुनः वापस भेजी गईं हैं मूल पदस्थापना स्थल के लिए
महिला चिकित्सक की मूल पदस्थापना सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पटना में है। उन्हे निश्चेतना विभाग का डिप्लोमा प्राप्त करने के बाद कुछ दिनों के लिए जिला चिकित्सालय बुलाया जाता रहा क्योंकि वहां निश्चेतना विशेषज्ञ का अभाव था और उन्हे जनवरी माह से ही पुनः अपनी मूल पदस्थापना के लिए रवाना कर दिया गया है ऐसा सूत्रों का कहना है। जनवरी माह में उन्होंने सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में एक आवेदन अवकाश के लिए भेजा था और तभी से वह नदारद हैं कार्य से ऐसा सूत्रों का भी कहना है वहीं खंड चिकित्सा अधिकारी का पत्र भी इसकी पुष्टि करता है। बिना कार्य पर उपस्थित होते हुए भी उनका वेतन उन्हे मिल रहा है लगातार यह सूत्रों का कहना है,ऐसा कैसे संभव हो पा रहा है यह जांच का विषय है क्योंकि जनवरी माह से जिला चिकित्सालय में उनकी कोई सेवा नहीं ली जा रही है निश्चेतना मामलों में और फिर भी वह कार्य पर उपस्थित हुए बगैर वेतन पा रही है यह हैरान करने वाली बात है जबकि अवकाश की सूचना मात्र है वह स्वीकृत कब तक के लिए है यह भी स्पष्ट नहीं है वहीं विधानसभा सत्र के दौरान अवकाश पर प्रतिबंध भी है।
मुख्य चिकित्सा स्वास्थ्य अधिकारी का है संरक्षणःसूत्र
सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में पदस्थ और बिना कार्य पर उपस्थित हुए वेतन प्राप्त कर रही महिला चिकित्सक को मुख्य चिकित्सा एवम स्वास्थ्य अधिकारी की संरक्षण प्राप्त है ऐसा सूत्रों का कहना है। इसी वजह से बिना कार्य पर उपस्थित हुए ही वेतन प्राप्त वह कर पा रही हैं ऐसा भी सूत्र बताते हैं। मुख्य चिकित्सा एवम स्वास्थ्य अधिकारी आखिर बिना कार्य वेतन प्रदान करने के लिए क्यों किसी चिकित्सक के लिए प्रयासरत हैं यह भी सवाल है।क्या वह जिले की स्वास्थ्य व्यवस्था को इसी तर्ज पर चलाना चाहते हैं जिसमे बिना कार्य के ही चिकित्सक वेतन प्राप्त करते रहें।


Share

Check Also

बिलासपुर@ मासूम बेटी की गुहार पर हाईकोर्ट ने दिए निष्पक्ष जांच के आदेश

Share बिलासपुर 08 नवम्बर 2024 (ए)।छत्तीसगढ़ की राजनीति में हलचल मचा देने वाले लोहारीडीह निवासी …

Leave a Reply