प्रदेश के स्वास्थ्य विभाग में संचालित डायलिसिस यूनिट का निजीकरण (आउटसोर्स) करने पर विभाग में वर्षों से सेवा दे रहे डायलिसिस टेक्नीशियन का भविष्य अंधकार मे
- संवाददाता –
अंबिकापुर,18 फरवरी 2024 (घटती-घटना)।प्रदेश के स्वास्थ्य विभाग एवं स्वास्थ्य चिकित्सा विभाग में बेनामी सेट अप के आधार जिला चिकित्सालयों एवं स्वास्थ्य चिकित्सा विभाग में डायलिसिस यूनिट को निजी हाथों में सौंप कर आउटसोर्स के माध्यम से संचालित किया जा रहा है, जिसके कारण समस्त डायलिसिस टेक्नीशियनो ने सरकार से अनुरोध करते हुए कहा है,कि डायलिसिस यूनिट को निजी कंपनी के हाथों में देकर आउटसोर्स न करें बल्कि जनता कि भलाई के लिए सीधे बजट प्रदाय कर नियमित सेटअप स्वीकृत करते हुए नियमित टेक्नीशियनो की भर्ती करने कि मांग को लेकर आज राजधानी रायपुर में बैठक की गई।
क्यों कि डायलिसिस जैसे गंभीर बीमारी को निजी कंपनी के हाथों में देकर गंभीर मरीजों के साथ खेलवाड़ किया जा रहा है,क्यों कि निजी कंपनी द्वारा डायलिसिस यूनिट को अपने अनुसार संचालित करते हुए प्रशिक्षित टेक्नीशियनो को छोड़कर अप्रशिक्षित टेक्नीशियनो के द्वारा कम वेतन मान देकर मरीजो को लगायें जाने वाले एक ही उपकरण का बार-बार इस्तेमाल करते हुए मरीजों के जान पर सवाल खड़ा कर रही है, और मनमर्जी पाजि़टिव मरीजों कि संख्या में लगातार वृद्धि कर रही है,जिससे वह सरकार से ज्यादा से ज्यादा लाभ कमा सके जो कि छाीसगढ़ कि जनता और डायलिसिस मरीजों के साथ छल किया जा रहा है,इस बैठक में छाीसगढ़ प्रदेश के प्रशिक्षित डायलिसिस टेक्नीशियनो और डायलिसिस प्रशिक्षित विद्यार्थीयो (बेरोजगार) द्वारा भाग लिया गया जिसमें अम्बिकापुर से टकांधर बारिक बस्तर से बाबूलाल पासवान, सुरभि मरकाम,बलरामपुर से संदीप लकड़ा, नारायणपुर आशीष कुमार, रायपुर रूपेश साहू एवं बिलासपुर से अरूण कुमार एवं समस्त डायलिसिस टेक्नीशियनो ने अपनी उपस्थिति दर्ज करवायी।