बिजुरी,@तो क्या मंत्री जी के गृहनगर की पुलिस हुई बेलगाम

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-अरविंद द्विवेदी-
बिजुरी,18 फरवरी 2024(घटती-घटना)। वैसे तो पुलिस का काम अपराधिक गतिविधियों व अवैध कार्यों पर लगाम कसते हुए अवैध कारोबारियों के खिलाफ कार्यवाही करना होता है। लेकिन इसके उलट अगर वही खाखी इन कारोबारियों को संरक्षण देने लग जाए तो भला इन पर अंकुश लगाए कौन.? कुछ ऐसा ही हाल इन दिनों नगर बिजुरी का है जहाँ पुलिस सुस्त और अवैध कारोबारी चुस्त दिखाई पड़ रहे हैं। जबकि जनचर्चा है कि खादी की आड़ में कुछ लोग पुलिस और इन अवैध कारोबारियों के बीच जुगलबंदी बनाकर आड़ में झाड़ काटकर अपना भी उल्लू सीधा कर रहे हैं।


बीते दिनों इन अवैध कारोबारी व उसके संरक्षण कर्ताओं की कारगुजारियों को लेकर खबर प्रकाशित करने वाले पत्रकार को ही सरे बाजार घेरकर ये कहते हुए जान से मारने की धमकी दे डाली कि मेरे खिलाफ खबर लिखने की तुम्हारी हिम्मत कैसे हुई। उक्त घटना के पश्चात पत्रकार द्वारा बिजुरी थाने जाकर ऐसे अपराधियों के नाम सहित लिखित आवेदन देते हुए न्याय की गुहार लगाई है। साथ ही पत्रकार द्वारा पुलिस कप्तान अनूपपुर, एडीजी शहडोल संभाग के साथ ही प्रदेश के मुखिया को पत्र लिखकर ऐसे अपराधियों व उनको संरक्षण देने वालों के खिलाफ कार्यवाही करने एवं अपने जानमाल के सुरक्षा की मांग की है।


बिजुरी नगर में इन दिनों रेत के अवैध खनन व परिवहन का काला धंधा अपने चरम पर है। डोंगरिया कला में वन विभाग की जमीन से झरझरा घाट मानो वैध खदान बन गई है। जहाँ बेखौफ़ होकर खनन माफिया बंटी बीते कई माह से लगातार रेत के अवैध काम को अंजाम दे रहा है। विदित हो कि बीते कुछ माह पहले ही खनिज विभाग की टीम द्वारा पकड़े गए ट्रैक्टर को जबरन छुड़ाकर फरार हो जाने का आरोपी बंटी को आखिर किसका अभयदान है जो खनिज अधिकारी की लिखित शिकायत के बावजूद आजतक कोई कार्यवाही नहीं हुई।


जिस प्रकार बिजुरी थाना अंतर्गत खुलेआम अवैध रेत का खनन और परिवहन हो रहा है उससे यह सवाल उठना लाजमी है कि बिजुरी थाने की पुलिस अधिकारियों की भी ना सुनते हुए अवैध रेत के मामले में अपनी मनमानी कर रहे। जनचर्चाओं में तो कई कारण है लेकिन यह बात तो साफ है कि बिजुरी थाना प्रभारी पर जिले के पुलिस कप्तान की भी पकड़ कमजोर है और भाजपा सरकार में अपनी ऊंची पहुंच के कारण थाना प्रभारी जिले के आला अधिकारियों तक को ठेंगा दिखा रहे हैं। जो इस समय विभाग से लेकर आम जनता में चर्चा का विषय बना हुआ है।


अवैध कारोबारियों में जिन लोगों के नाम के चर्चे हैं वो लोग अपने मुंह माहिर है सब को मैनेज करने में। इतना ही नही इनके संबंध नगर में कुछ सफेदपोश नेताओं व बहरूपिया कलमधारियों से भी हैं। जो दिन के उजाले में खुद को पाकसाफ बताकर रात के अंधेरे में अवैध कारोबारियों के मौसेरे भाई बनकर इन अवैध कामों को अंजाम दे कर काली कमाई कर रहे हैं। फिर काम चाहे वसूली का हो या बतौर फील्डिंग चौकीदारी का, साहब के कृपापात्र दादा भाई अपने काम को बखूबी अंजाम दे रहे हैं।


आपराधिक गतिविधियों में शामिल सैफ सिद्दीकी उर्फ बंटी जो बिजुरी,कोतमा थाने के साथ-साथ वन विभाग के कई मामलों पर पुलिस की फाइलों में एक दर्जन से ज्यादा धाराओं का आरोपी है। उसको संरक्षण देने वाले लोग अब सरेराह गुंडागर्दी पर उतारू हो रहे हैं। ये लोग अपने आकाओं के रसूख के दम पर नगर में भय का वातावरण बनाकर अपने काले कारोबार को अंजाम दे रहे हैं। पहले तो रात के अंधेरे में छुप छुपाकर हो रहे इनके काम जब अखबारों तक पहुंची तो बौखलाहट धमकियों के रूप में सामने दिखाई पड़ने लगी है।


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