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सुरजपुर@क्या बिना तैयारी के नगर पालिका सूरजपुर कर रही थी दुकानों की नीलामीजिस वजह से कलेक्टर ने कराई नीलामी निरस्त

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-ओंकार पांडेय-
सुरजपुर,17 फरवरी 2024 (घटती-घटना)।
नगर पालिका सूरजपुर में सुभाष चौक पर स्थित नगर पालिका द्वारा निर्माणाधीन दुकानों की नीलामी एक बार हो चुकी थी जिसमें 15 दुकान छोड़ दिए गए थे जिसकी नीलामी की तिथि 16 फरवरी को तय की गई, 15 दुकानों की नीलामी के लिए दो दिन पहले ही तय की गई अमानत राशि जमा कर ली गई थी ताकि प्रतिभागी नीलामी में भाग ले सकें लगभग 15 दुकानों के लिए 200 आवेदन प्राप्त हुए थे ऐसा लगा कि दुकान की नीलामी नहीं बेरोजगारी इतनी है की नौकरी के लिए आवेदन भरे जा रहे हैं 15 दुकान नहीं 15 नौकरी के पद हैं कुछ इसी तर्ज पर लाइन लगाकर लोगों ने आवेदन जमा किया सब तैयारी हो गई थी 15 फरवरी को रात के 12 बजे तक लोग सेटिंग में भी लगे रहे जिससे उनकी सेटिंग हो सके सारी चीज 15 फरवरी को हो गई पर अचानक जब सुबह प्रतिभागियों की नींद खुली तो ठीक नीलामी से एक घंटा पहले उन्हें सूचना मिली कि कलेक्टर सूरजपुर ने नीलामी प्रक्रिया को निरस्त कर दिया है वह भी यह कहकर कि दस्तावेजों की जांच पुनः कर ली जाए और सही दस्तावेज वालों को ही नीलामी की बोली प्रक्रिया में शामिल होने दिया जाए, जैसे ही यह बात प्रतिभागियों को पता चली सभी के मुंह लटक गए और उन्हें काफी अफसोस हुआ की नीलामी का दिन टल गया अब नीलामी का अगला दिन कौन सा होगा इसका तो अभी तक पता नहीं पर इसकी सूचना नगर पालिका में चस्पा कर दी गई और चस्पा की गई वहीं सूचना में दिनांक को 15 फरवरी 2024 रखा गया पर जानकारी के मुताबिक लोगों को इस बात की जानकारी 16 फरवरी को सुबह 10 बजे लगी।
क्या भाई भतीजावाद की वजह से निरस्त हुई दुकानों की नीलामी?
नगरपालिका सूरजपुर की विवादित कार्यशैली से लोग परेशान हो गए हैं।भाई भतीजावाद व भर्राशाही नगर पालिका में हावी है जिसकी वजह से लगातार किरकिरी हो रही है। दुकान लेने के लिए सपने संजोए सैकड़ों लोगो के सामने उनके मंसूबे पर पानी फिरता दिखाई पड़ रहा है। सुभाष चौक पर स्थित स्थल पर नगर पालिका सूरजपुर द्वारा करोड़ों रुपए की लागत से 45 दुकान का निर्माण किया गया था इन 45 दुकानों की नीलामी एक साथ होनी थी पर नगर पालिका की कमियों व कमजोरी की वजह से 15 दुकान छोड़कर ही नीलामी की गई थी, उस समय जब नीलामी हुई थी तो दस्तावेजों की जांच नहीं की गई पर अचानक जब इसी के पार्ट 2 की नीलामी की तिथि निर्धारित की गई तो दस्तावेज सत्यापन के नाम पर नीलामी के दिन ही नीलामी प्रक्रिया को निरस्त कर दिया गया आगामी आदेश तक के लिए यह कहकर कि दस्तावेजों के सत्यापन के बाद नीलामी प्रक्रिया की जाएगी जो दस्तावेज प्रतिभागियों ने नीलामी के लिए जमा किए हैं वह दस्तावेज सही है या नहीं यह पहले देखा जायेगा। पर सवाल यह है कि जब दस्तावेजो की ही जांच करनी थी तो उसके लिए समय रखकर तारीख को निर्धारित करना था ताकि दस्तावेजों की जांच होकर स्कुटनी की जा सके पर ऐसा क्यों नहीं किया गया यह बड़ा सवाल है? 16 तारीख को नीलामी हो जाएगी जिसके लिए लोगो ने अमानत राशि के रूप में करोड़ों राशि जमा कर रखी है। एक बार फिर शुक्रवार को होने वाली दुकानों की नीलामी नगर पालिका को निरस्त करनी पड़ी है।
दुकान नीलामी निरस्त होने से प्रतिभागी लोग हुए मायूस
10 दिन पहले ही दुकान नीलामी की तिथि तय हो गई थी और किस दिन फॉर्म भरना है और पैसा जमा करना है यह तय हो चुका था और किस दिन नीलामी होगी यह भी तय था सारी प्रक्रिया पूरी होने के बाद नीलामी के दिन ही दुकान की नीलामी निरस्त कर दी गई जिसे लेकर लोगों में काफी मायूसी रही। भले ही मौखिक यह कहा जा रहा है कि दस्तावेज के सत्यापन के लिए नीलामी प्रक्रिया निरस्त की गई है पर नीलामी निरस्त करने की वजह आज भी स्पष्ट नहीं है क्योंकि इसका कोई आदेश नहीं निकाला गया ,नीलामी की अगली तिथि भी अभी तक जारी नहीं हुई।
पहले की नीलामी में दस्तावेजों की क्यों नहीं जांच की गई ?
45 दुकानों में से 15 दुकान छोड़कर 6 फरवरी को अन्य सभी दुकानों की नीलामी कर दी गई थी उस समय भी दस्तावेज जमा किया गया था और आरक्षण रोस्टर भी दिया गया था, उस समय दस्तावेजों की जांच की मांग क्यों नहीं हुई जबकि शिकायत उस समय भी हुई थी पर किसी ने ध्यान नहीं दिया पर अचानक दूसरी बार बची हुई दुकानों की नीलामी में आखिर ऐसा क्या जरूरत आन पड़ी की दस्तावेज जांच करने की मांग उठी यह बात भले ही मौखिक है पर यही बताया जा रहा है कि दस्तावेज सत्यापन के लिए नीलामी को निरस्त किया गया है।
नगर पालिका की क्या चल रही है दादागिरी?
नगर पालिका के पास खुद की जमीन नहीं है और दूसरे की जमीन पर जबरन दुकान बनाए पड़े हैं एक दुकान स्कूल की भूमि पर बना दिया गया तो वहीं कुछ दुकान अस्पताल की भूमि पर ना तो भूमि परिवर्तन हुआ ना ही जिस विभाग की जमीन है उस विभाग को उसका पैसा दिया गया सिर्फ अनापत्ति लेकर नियम विरुद्ध तरीके से दुकान का निर्माण कर दिया गया यदि मामला न्यायालय में जाएगा तो इस मामले में पेंच फंस सकता है जो लोग दुकान पा गए हैं वह भी इन दुकानों से हाथ धो देंगे और सूत्रों का कहना है कि इस मामले में कई लोग न्यायालय जा सकते हैं।


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