बैकुण्ठपुर,@क्या कांग्रेस के गढ़ में फूट की हुई शुरुआत,रनई जमींदार परिवार के विकास ने आरआरएस के रास्ते भाजपा में प्रवेश का चुना मार्ग?

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-रवि सिंह-
बैकुण्ठपुर,15 फरवरी 2024 (घटती-घटना)। आजादी के बाद से ही कोरिया जिले के बैकुंठपुर विकासखंड का एक ग्राम कांग्रेस पार्टी के गढ़ के रूप में एक अलग ही राजनीतिक रास्ते पर चला आ रहा था जहां अन्य राजनीतिक दलों को कार्यकर्ता भी बड़ी मुश्किल से ढूढना पड़ता था वहां अब फुट की शुरुआत होने जा रही है और यह फूट उस घर से हो रही है जिसने हमेशा कांग्रेस पार्टी के लिए ही अपना समर्थन बनाए रखा था वहीं जिनके कारण ही ग्राम के भी लोग कांग्रेस पार्टी के प्रति ही आस्था रखते थे। बात रनई ग्राम पंचायत की करें तो यह ऐसा ग्राम पंचायत है जहां आज भी आजादी के बाद से जमींदार परिवार का ही दबदबा चला आ रहा है,जमींदार परिवार का निर्देश ग्राम के लोगों के लिए एक ऐसा आदेश होता है जिसे वह सहर्ष मानकर उसी अनुरूप काम करते हैं जैसा जमींदार परिवार का निर्देश होता है ग्राम में जमींदार परिवार के निर्देश का असर जानना है तो अंदाजा इसी बात से लगा लेना चाहिए की आजादी के बाद से ग्राम में पंचायत चुनाव के लिए मतदान नहीं हुए हैं। त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के लिए जिला जनपद सदस्यों के लिए तो मतदान होता है लेकिन ग्राम के लिए मतदान नहीं होता ग्राम में किसे सरपंच और उपसरपंच सहित पंच वार्डों का बनना है यह जमींदार परिवार के हिसाब से ही ग्राम जन एक जगह बैठकर तय कर लेते हैं और उन्हे ही जिम्मेदारी दी जाती है जिसपर सभी की सहमती मिल जाती है कुल मिलाकर पंचायत चुनाव के लिए मतदान न कराया जाना जमींदार परिवार का निर्देश होता है वहीं कौन ग्राम का सरपंच होगा या अन्य पद किसे मिलेगा यह ग्रामवासी तय करते हैं। कुल मिलाकर देखा जाए तो गांव पूरी तरह जमींदार परिवार के साथ साथ उनके निर्देश को मानकर ही चलता आ रहा है और इसको लेकर कभी कोई विरोध भी सामने नहीं आया और पूरा ग्राम एक तरह से प्रसन्नता से ही निर्देशों को स्वीकार करता चला आया।
क्या रनई के विकास रनई में भाजपा को दिलाएंगे चुनाव में बढ़त ?
रनई ग्राम का इतिहास रहा है की ग्राम में कांग्रेस को ही बढ़त मिलती आई है और ऐसा शायद ही कभी हुआ हो जब वहां किसी अन्य दल को बढ़त मिली हो। अब जमीदार परिवार के विकास ने भाजपा की तरफ रुख किया है,यदि वह निश्चित रूप से भाजपा से जुड़ जाते हैं तो क्या आने वाले समय में ग्राम में भाजपा कांग्रेस से आगे निकलकर बढ़त बनाएगी। अब देखने वाली बात यही होगी की विकास भाजपा को अपने ही ग्राम से कितनी बढ़त दिला पाते हैं यदि उनका भाजपा प्रवेश होता है।
क्या विकास बदलेंगे रनई ग्राम की और भी परंपराएं,क्या अब ग्राम में होगें पंचायत चुनाव के लिए मतदान?
रनई जमींदार परिवार के विकास के भाजपा प्रवेश की बातें जिस तरह लगातार सुनाई दे रही हैं उससे लगता है की बात में सच्चाई है और वह अब ग्राम की परंपरा तोड़ने वाले हैं। अब भाजपा प्रवेश करके वह एक परंपरा तो तोड़ने ही वाले हैं जो कांग्रेस का दामन छोड़ने के फलस्वरूप सामने आयेगी वहीं वह क्या अब रनई में पंचायत चुनाव में मतदान भी कराएंगे या इसके पक्ष में अपना समर्थन देंगे यह भी देखने वाली बात होगी। रनई में पंचायत चुनावों में मतदान नहीं होता अब यदि विकास भाजपा का दामन थामते हैं तो पंचायत चुनावों में भी मतदान देखने को मिलेगा ऐसा माना जा रहा है।
क्या रनई टूट सकती है राजनीतिक परंपरा?
ग्राम का जमींदार परिवार आरंभ से ही कांग्रेस पार्टी विचारधारा से जुड़ा रहा और जिसके कारण ग्राम के सभी लोग भी कांग्रेस पार्टी के लिए ही समर्पित बने रहे जिसकी बानगी तब तब देखने को मिली जब जब विधानसभा और लोकसभा चुनाव हुए और एकतरफा कांग्रेस पार्टी को ग्राम से बढ़त मिलती रही। लेकिन अब लगता है रनई ग्राम भी आजादी के बाद पहली बार अपनी परम्परा खासकर राजनीतिक परंपरा तोड़ सकती है और अब ग्राम में भाजपा का भी झंडा देखने को मिलेगा जो नजर नहीं आया करता था। रनई जमींदार परिवार के एक सदस्य अब भाजपा की तरफ रुख करते देखे जा रहे हैं। राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के रास्ते वह भाजपा में अपना भविष्य बनाना चाहते हैं प्रवेश चाहते हैं यह देखने में आने लगा है। आरएसएस के लोगों से संपर्क वहीं राम मंदिर में रामलला की मूर्ति स्थापना दिवस 22 जनवरी को जमीदार परिवार के यही सदस्य काफी सक्रिय नजर आए थे वहीं उन्होंने ऐतिसाहिक एक कार्यक्रम ग्राम में किया था । 22 जनवरी को ही यह माना जाने लगा था की अब रनई वह रनई नहीं रह गया जहां कांग्रेस या जिसे कांग्रेस का गढ़ कहा जाता था अब यहां भी भाजपा का प्रभाव देखने को मिलेगा जो अब स्पष्ट होने लगा है।
क्या रनई जमींदार परिवार के विकास परिवार से हटकर अलग ही राजनीतिक भविष्य बनाने का सोचा रहे?
रनई जमींदार परिवार के विकास ने अब परिवार से हटकर अलग ही राजनीतिक भविष्य अपना बनाने का सोचा है ऐसा लगने लगा है। हाल फिलहाल में वह कई बार भाजपा नेताओं से मिलते नजर आ रहे हैं वहीं 26 जनवरी को भी उन्होंने भाजपा नेताओं से मुलाकात की थी जिसे सार्थक बताया गया था। आजादी के बाद ऐसा पहली बार होगा जब रनई ग्राम में जमींदार परिवार का ही कोई सदस्य अलग रास्ते अलग राजनीतिक दल का दामन थामेगा। जमींदार परिवार के विकास को भाजपा की ओर प्रेरित करने का काम राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के लोग कर रहे हैं और वह प्रभावित भी हैं संघ की विचारधारा से ऐसा बताया जा रहा है। अब प्रारंभिक रुझानों में तो रनई के विकास भाजपा की तरफ कदम बढ़ा चुके हैं आगे उन्हे क्या जिम्मेदारी मिलेगी वहीं वह कितने भाजपा के लिए फायदेमंद होंगे यह आगे के चुनाव परिणामों के बाद स्पष्ट हो सकेगा।


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