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अंबिकापुर@युवा खेती से जुड़ेगा तभी देश खुशहाल होगा:चुरेंद्र

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अंबिकापुर,15 फरवरी 2024 (घटती-घटना)। रेडियो किसान दिवस पर आकाशवाणी अंबिकापुर द्वारा अंबिकापुर विकासखंड के ग्राम पंचायत सरगंवा में किसान सम्मेलन का आयोजन किया गया। सम्मेलन में बड़ी संख्या में कृषि विज्ञानी, कृषि अधिकारी, जनप्रतिनिधि, प्रगतिशील कृषक, नवाचारी महिला कृषक, पशुपालन विभाग के अधिकारी, पशु चिकित्सक शामिल हुए। सभी ने विभिन्न योजनाओं की जानकारी दी और खेती को बढ़ावा देने अपनी अपनी बातें रखी। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि सरगुजा के आयुक्त जीआर चुरेंद्र थे। कार्यक्रम की अध्यक्षता यूनाइटेड इंडिया इंश्योरेंस के राष्ट्रीय निदेशक व भाजपा जिला उपाध्यक्ष अंबिकेश केसरी ने की।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए संभाग आयुक्त जीआर चुरेंद्र ने कहा कि रेडियो ने वर्षों से जनमानस में चेतना जागृत करने का काम किया है। रेडियो के माध्यम से कृषि वैज्ञानिकों ने जो तकनीक खेती की शुरू की वह आम किसानों तक पहुंची है। रेडियो का प्रसार क्षेत्र आज भी सबसे अधिक है। उन्होंने कहा कि देश के प्रधानमंत्री ने भारत को विकसित करने का सपना देखा है। इस दिशा में देश में खेती पर नवाचार चल रहे हैं जिसमें सफलता भी मिल रही है। इस संकल्पना को और भी आगे बढ़ाने की जरूरत है।इसमें युवा किसान, नवाचार करने वाले किसान, महिला किसान, कृषि विज्ञानी, अधिकारी, कर्मचारी, छात्र सभी को संकल्पित होने की जरूरत है ताकि हमारा देश विकसित हो सके। हर युवा खेती से जुड़ेगा तभी देश खुशहाल होगा। देश की तरक्की का द्वार खोलने वाला किसान ही है।किसान तरक्की करेगा तो देश तरक्की करेगा।उन्होंने कहा कि विकसित भारत को सफल बनाने आप सभी अपना योगदान दें। देश व प्रदेश के मुखिया जब 18-18 घंटे काम करते हैं तो आप हम यह काम क्यों नहीं करते। आज हर व्यक्ति में कर्मठता की जरूरत है जिसमें कर्मठता होगी वह आगे बढ़ेगा। उन्होंने कहा कि जागरूक रहने, प्रगतिशील रहने से ही हर क्षेत्र में विकास होगा।उन्होंने कहा कि खेती को बढ़ावा देने भारत सरकार कई कार्य योजना संचालित कर रहा है।एक समय था जब किसान कर्ज के तले मर जाता था पर आज ऐसी स्थिति नहीं है। आधुनिक खेती ने किसानों को खुशहाल बनाया है। सरकारी योजनाओं ने किसानों को मदद की है। उन्होंने कहा कि अब जैविक खेती की ओर आगे बढ़ने की जरूरत है। जैविक खेती, प्राकृतिक खेती से न सिर्फ मिट्टी स्वस्थ होगी बल्कि उससे उपजने वाला अनाज भी स्वस्थ और गुणवाायुक्त होगा।हम भौतिकवादी जीवन में प्राकृतिक चीजों को भूल चुके हैं। हमें जंगल बचाने होंगे,हमें प्राकृतिक खेती के तरीके को फिर से वापस लाना होगा।एक गाय पाल कर हम एक एकड़ खेत को जैविक उर्वरता से भरपूर बना सकते हैं। उन्होंने सलाह दी की डांड़ जमीन को छोटी छोटी क्यारी बनाकर खेती करें। समूह में खेती करें।साग सजी व हर तरह की खेती करने से किसान मालामाल होगा।उन्होंने आकाशवाणी अंबिकापुर के द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम की प्रशंसा की।
यूनाइटेड इंडिया इंश्योरेंस के निदेशक भाजपा जिला उपाध्यक्ष अंबिकेश केसरी ने कहा कि रेडियो सबसे पुराना इंटरनेट मीडिया है। आकाशवाणी केंद्र द्वारा उन्नत कृषि की नई तकनीक की जानकारी रेडियो से ही मिलती है। प्रधानमंत्री ने लाल किला से प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने कहा है। हमें इस दिशा में काम करने की जरूरत है। हम हाइब्रिड अनाज प्रति एकड़ 35 मि्ंटल पैदा कर रहे हैं पर हमें इस बात पर भी ध्यान देना चाहिए कि हमारे पोशक और मोटे अनाज कोदो, कुटकी विलुप्त न हो जाएं। उसकी गुणवाा को बनाए रखना, विलुप्त होने से बचाने का काम किसान ही कर सकता है। उन्होंने महिलाओं को कृषि की ओर कदम बढ़ाने पर प्रसन्नता जाहिर की है। उन्होंने कहा कि कृषि की ओर हम आगे बढ़ रहे हैं। कृषि सबसे बड़ा रोजगार देने वाला साधन है। हम अधिक से अधिक महिलाओं को खेती से जोड़े, इससे सबका भला होगा। उन्होंने कहा कि हम अपने लिए बीमा करते हैं पर अपनी खेती, अपने कृषि उपकरण के बारे में नहीं सोचते।हमें अपने कृषि उपकरण, अपनी खेती का बीमा जरूर करना चाहिए ताकि हमें क्षतिपूर्ति मिल सके। कार्यक्रम को आकाशवाणी अंबिकापुर के कार्यक्रम प्रमुख प्रमेंद्र कुमार ने संबोधित किया और रेडियो किसान दिवस के साथ आकाशवाणी अंबिकापुर द्वारा कृषि एवं कृषक कल्याण मंत्रालय भारत सरकार द्वारा प्रायोजित कार्यक्रम किसानवाणी के संबंध में विस्तार से जानकारी दी।
जैविक और प्राकृतिक खेती पर दिया जोर
रेडियो किसान दिवस पर जुटे कृषि विज्ञानियों, प्रगतिशील किसानों ,अधिकारियों ने जैविक और प्राकृतिक खेती पर जोर दिया है। सभी ने चिंता जताई कि वर्तमान समय में जिस तरह रासायनिक दवा, रासायनिक उर्वरकों का उपयोग हो रहा है उससे मानव का स्वास्थ्य बिगड़ रहा है। अधिक उत्पादन तो हो रहा है पर उसकी गुणवाा गायब है, इसलिए सभी ने जोर दिया कि अब समय पुनः प्राकृतिक और जैविक खेती की ओर लौटने का है।


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