अंबिकापुर,15 फरवरी 2024 (घटती-घटना)। पति की मौत के बाद एक महिला बीमा की राशि पाने ढाई साल से दर-दर भटक रही थी। बीमा कंपनी ने यह कहकर बीमा की राशि देने से इनकार कर दिया था कि बीमाधारक की मौत शराब सेवन से हुई बीमारी के कारण हुई थी। गौरतलब है कि महिला के पति ने 30 नवंबर 2018 को आदित्य बिड़ला सन लाइफ इंश्योरेंस कंपनी से 1 करोड़ का बीमा कराया था। वर्ष 2021 में उसकी मौत हो गई थी। बीमाधारक की पत्नी ने बीमा राशि के लिए कंपनी को आवेदन किया था। पीडि़ता ने बीमा राशि के लिए बीमा कंपनी के केन्द्रीय कार्यालय महाराष्ट्र व बीमा लोकपाल भोपाल तक का दरवाजा खटखटाया था। इसके बावजूद उसे राशि नहीं मिली। इससे परेशान महिला ने मार्च 2023 में न्यायालय स्थायी लोक अदालत अंबिकापुर में बीमा कंपनी के खिलाफ परिवाद दायर किया था। अदालत ने 11 माह बाद बीमा कंपनी के खिलाफ फैसला सुनाते हुए पीडि़ता को एक माह के भीतर बीमे की राशि 1 करोड़ रुपए व मार्च 2023 से अब तक 7 प्रतिशत याज की दर से बीमा की राशि का भुगतान करने का निर्देश दिया है। भुगतान नहीं करने पर याज की दर 9 प्रतिशत कर दी जाएगी।
गौरतलब है कि शहर के दर्रीपारा निवासी गणेश कश्यप ने 30 नवंबर 2018 को आदित्य बिड़ला सन लाइफ इंश्योरेंस कंपनी में अपना 1 करोड़ का बीमा कराया था। उसने बीमा के दस्तावेज में पत्नी, पिता व मां को नॉमनी बनाया था। 11 नवंबर 2021 को किसी बीमारी से उसकी मौत हो गई। गणेश की मौत से पूर्व उसके पिता की भी मौत हो गई थी। ऐसे में नॉमनी में केवल पत्नी व मां ही बची थीं। इधर पत्नी सविता कश्यप ने बीमा राशि के लिए आदित्य बिड़ला सन लाइफ इंश्योरेंस कंपनी की शाखा अंबिकापुर में दस्तावेज जमा किए। इसके कुछ दिन बाद कंपनी ने बीमा की राशि देने से इनकार कर दिया। बीमा कंपनी ने तर्क दिया कि बीमाधारक की मौत शराब सेवन से हुई बीमारी के कारण हुई है। इसलिए बीमा राशि का भुगातन कंपनी द्वारा नहीं किया जा सकता है। जबकि डॉक्टर की रिपोर्ट में बीमाधारक की मौत का कारण शराब सेवन से नहीं बताया गया था। इधर बीमाधारक की पत्नी बीमा राशि के लिए बीमा कंपनी के चक्कर लगाती रही, लेकिन उसे रुपए का भुगतान नहीं किया गया।
केन्द्रीय कार्यालय व
बीमा लोकपाल तक गुहार
आदित्य बिड़ला सन लाइफ इंश्योरेंस कंपनी की शाखा अंबिकापुर द्वारा बीमा क्लेम रिजेक्ट किए जाने के बाद पीडि़ता ने बीमा कंपनी के केन्द्रीय कार्यालय महाराष्ट्र व बीमा लोकपाल भोपाल में भी आवेदन दिया, लेकिन वहां भी उसे मायूसी मिली। बीमा लोकपाल ने यह कहकर पल्ला झाड़ लिया कि उनका अधिकार केवल 30 लाख की बीमा राशि तक ही है।
स्थायी लोक अदालत
में पेश किया परिवाद
अंत में बीमाधारक की पत्नी ने 2 मार्च 2023 को स्थायी लोक अदालत में मामला दायर किया था। मामले की सुनवाई लगभग 11 माह तक चली। अंत में न्यायालय स्थायी लोक अदालत (जनोपयोगी सेवाएं) अंबिकापुर की अध्यक्ष उर्मिला गुप्ता ने बुधवार को फैसला सुनाया। उन्होंने बीमा कंपनी द्वारा बीमाधारक की पत्नी को 1 करोड़ रुपए की बीमा राशि देने के आदेश दिए हैं। इस दौरान सदस्य संतोष शर्मा भी उपस्थित रहे।
7 प्रतिशत याज भी देने होंगे
न्यायालय स्थायी लोक अदालत (जनोपयोगी सेवाएं) अंबिकापुर की अध्यक्ष उर्मिला गुप्ता ने बीमा कंपनी को 30 दिन के भीतर पीडि़ता को 1 करोड़ रुपए व मार्च 2023 से 1 करोड़ रुपए का 7 प्रतिशत याज देने के निर्देश दिए हैं। वहीं इसी समय में 20 हजार रुपए मानसिक क्षति व 5 हजार रुपए वाद व्यय भी देने कहा है। 30 दिन में ये राशि नहीं देने पर याज की राशि 9 प्रतिशत बढ़ाए जाने की बात कही गई है।
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