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रायपुर@कोटवारी जमीनों की बिक्री का मामला सदन में गरमाया

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रायपुर,14 फरवरी 2024 (ए)।
छत्तीसगढ़ में कोटवारों को दी जाने वाली सेवा भूमि बड़े पैमाने पर बेच दी गई है। विधानसभा में कांग्रेस के विधायक ने यह मामला उठाया तब राजस्व मंत्री ने पहले तो क्रेता-विक्रेता को जिम्मेदार ठहराया, मगर जब विधायक ने विरोध जताया तब मंत्री ने कहा कि जो भी दोषी होगा उसके खिलाफ कार्यवाही की जाएगी


विधायक द्वारिकाधीश यादव ने पूछा कि छतीसगढ़ में कोटवारों को प्रदत्त भूमि को किस वर्ग में रखा गया है ? उन्हें किस भूमि का भूस्वामित्व प्रदान किया गया है? क्या कोटवारों को प्राप्त भूमि का विक्रय हस्तान्तरण का नियम है? यदि हां तो किस वर्ग/प्रकार की भूमि का ? क्या खल्लारी विधान सभा क्षेत्रान्तर्गत कोटवारों द्वारा शासन से प्राप्त भूमि का विक्रय- हस्तान्तरण किया गया है ? यदि हां, तो संख्या व रकबा बतायें?


राजस्व मंत्री ने टंकराम वर्मा ने बताया कि प्रदेश में कोटवारों को प्रदत्त भूमि को सेवा भूमि (शासकीय भूमि) वर्ग में रखा गया है। कोटवारों को सेवा भूमि का भूमि स्वामित्व प्रदान नहीं किया गया है।


मंत्री ने बताया कि खल्लारी विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत तहसील बागबाहरा में कुल खसरा 123 कुल रकबा 48.26 हेक्टेयर एवं तहसील कोमाखान में कुल खसरा 33 कुल रकबा 19.93 हेक्टेयर इस प्रकार कुल खसरा 156 कुल रकबा 68.19 हेक्टेयर का विक्रय हस्तांतरण किया गया है अर्थात इसकी बिक्री कर दी गई है।


विधानसभा में प्रश्नकाल में विधायक राम कुमार अग्रवाल ने उठाया गाय तस्करी मामला। विधायक अग्रवाल ने कहा रायपुर में 100 गायों को कंटेनर से ले जाते हुए राजधानी की सड़क से कंटेनर गुजर रही है। 13 गौ माता की हत्या की गई है। छत्तीसगढ़ बनने के बाद यह राजधानी में पहली घटना है।
विधायक उमेश पटेल ने कहा जब हमने गौठान की व्यवस्था बनाई थी तो सवाल उठाया जाता था। लेकिन इनके पास अब कोई व्यवस्था नहीं है। कंटेनर में 100 गायों को लेकर तस्करी किया जा रहा था लेकिन 13 गायों की मौत हुई। सदन में विपक्ष का जमकर हंगामा हो गया। विपक्ष ने गौ हत्या बंद करो के नारे लगाए।
विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह ने हिदायत दी की गंभीर विषय पर आप लोगों ने ध्यान आकर्षित कराया है। सरकार के ध्यान में बात आ गई है। अब ध्यानाकर्षण पर चर्चा होगी।
विधायक जनकाराम धु्रव ने गरियाबंद जिले के किसानों को फसल बीमा राशि का भुगतान नहीं किए जाने की ओर कृषि विकास एवं किसान कल्याण कल्याण मंत्री का ध्यान आकर्षित कराया।
किसानों को बीमा राशि कब तक मिल जाएगी
मंत्री बृजमोहन अग्रवाल जो बीमा राशि है जिन किसानों द्वारा बीमा कराया जाता है। उन्हे ही बीमा की राशि उपलब्ध कराई जाती है। इसका निराकरण किया जा रहा है जिसके बाद उन्हें फसल की राशि उपलब्ध कराई जाएगी। लेकिन जिन किसानों का बीमा नही है उन्हे राशि नही दी जा सकती है। अगर बैंको द्वार उन्हे कोई नोटिस दिया जा रहा है जिससे किसान परेशान हो रहे है। हम तब तक उन्हें रोकने के निर्देश दे देंगे जब तक उनकी बीमा संबंधी परेशानी नहीं होगी।


विधानसभा में आज प्रश्नकाल के दौरान प्रबोध मिंज ने सरगुजा वन वृत्त में कैंपा से मजदूरों को नकद भुगतान का मुद्दा उठाया। वहीं विधायक मिंज ने कहा- 75 हजार मजदूरों को भुगतान नकद कर दिया गया। वहीं मिंज ने कहा कि इसकी जांच होगी। यह आपदा में अवसर ढूंढने का प्रयास किया गया है।विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री की मंशा के अनुरूप सभी मजदूरों को बैंक खातों में भुगतान होना चाहिए। वहीं जवाब में मंत्री केदार कश्यप ने कहा वर्तमान में नकद भुगतान देना बंद कर दिया है। जिन स्थानों में बैंक नहीं वहां नकद भुगतान किया गया।


छत्तीसगढ़ विधानसभा के बजट सत्र के आठवें दिन तत्कालीन सरकार की योजना ‘राजीव मितान क्लब’ को लेकर जमकर हंगामा देखने को मिला। इससे पहले आज सदन में अलग-अलग मुद्दों को लेकर हंगामे की आशंका पहले से ही थी। सत्र की शुरुआत में ही राजीव मितान क्लब को लेकर सत्ताधारी दल के सदस्य मुखर नजर आएं। विधायक धरमजीत सिंह ने राजीव मितान क्लब पर सवाल उठाते हुए इसे कांग्रेस की ‘खाओ-पीयों योजना’ कह दिया।
इसी तरह भाजपा के विधायक धरमलाल कौशिक, अजय चंद्रकार और राजेश मूणत ने भी राजीव मितान क्लबों के खर्च पर गंभीर सवाल खड़े किये। इस स्कीम में पैसे के दुरुपयोग को लेकर पक्ष और विपक्ष के बीच तीखी नोंकझोंक देखने को मिली।
इस बारें में विभागीय मंत्री द्वारा बताया गया कि पूर्व में क्लब को 126 करोड़ रुपए की राशि दी गई थी जिसकी जाँच कराई जाएगी। वही यह भी बताया गया कि पूर्व में कुल 132 करोड़ की राशि का प्रावधान किया गया था। चर्चा के दौरान धरमजीत सिंह ने तंज कसते हुए इसे खाओ पीओ योजना तक कह दिया।
भारतीय जनता पार्टी के सदस्यों ने इस योजना को भंग करने की मांग करते हुए सदन में जमकर नारेबाजी भी की। इस हंगामे के बीच विभागीय मंत्री टंकराम वर्मा ने ऐलान किया कि इसका ऑडिट कराया जाएगा, युवा मितान क्लब को भंग किया जाएगा।


इस पर विधायक यादव ने कहा कि सरकार स्वीकार कर रही है कि सेवा भूमि बेची गई है। उन्होंने पूछा कि यह काम पटवारी आरआई और तहसीलदार की जानकारी के बिना नहीं हो सकता, तो इन लोगों पर क्या कार्यवाही होगी।
विधायक के सवाल पर मंत्री ने बताया कि भूमि वापसी के निर्देश दिए गए हैं। उन्‍होंने कहा कि क्रेता-विक्रेता दोनों की महत्वपूर्ण भूमिका रहती है। इसमें अधिकारी-कर्मचारी पर जांच का कोई विषय नहीं रहता है। यादव ने कहा कि यदि ऐसे ही सरकार दोषियों को बचाएगी तो आगे भी ऐसा होता रहेगा। इस पर मंत्री ने कहा कि जो भी जिम्मेदार होगा उस पर कार्यवाही करेंगे।


ग्रामीण इलाकों में शासन द्वारा नियुक्त कोटवारों को सेवा भूमि के रूप में शासकीय भूमि इसलिए दी जाती है, ताकि वह उसका उपयोग करके परिवार का भरण-पोषण कर सके, मगर प्रदेश भर में ऐसे अनेक मामले आये हैं, जहां राजस्व अमले की मिलीभगत से कोटवारों को फर्जी तरीके से सेवा भूमि का भूस्वामी हक़ प्रदान करते हुए उनकी जमीन बिकवा दी गई है। ऐसे मामले उजागर होने के बाद कई जिलों में कार्रवाई हुई, वहीं कई जिलों में कार्रवाई अभी भी लंबित है।
çफ़लहाल शासन ने विधानसभा में कोटवारी भूमि की अफरा-तफरी करने वालों के खिलाफ कार्यवाही करने की बात कही है, यह कार्यवाही केवल खल्लारी विधानसभा तक सिमित रहेगी या फिर पूरे प्रदेश में, यह तो शासन की सक्रियता से ही पता चलेगा।


विधानसभा में आज शराब दुकान का मामला छाया रहा। सच तो यह है कि प्रदेश की दुकानों से विधिवत रूप से प्रतिदिन की बिक्री की राशि कोषालय में जमा की जा रही है या नहीं, इस तरफ किसी जिम्मेदार का ध्यान नहीं है। सिर्फ औचक निरीक्षण की आड़ में सभी दुकानों से मोटी रकम उगाही हो रही है।
शराब दुकानों को लेकर बीजेपी विधायक धर्मजीत सिंह ने कहा , प्रदेश में देशी/विदेशी शराब की लगभग 700 दुकानें संचालित है, जिनके संचालन के लिए प्लेसमेंट एजेंसियां कार्यरत हैं। दुकानों की सुरक्षा के लिए निजी सुरक्षा एजेंसी तैनात की गयी है, मगर विभागीय अधिकारियों की मॉनीटरिंग के अभाव में तैनात एजेंसियां अमानत में खयानत करने लगी हैं। छत्तीसगढ़ विधानसभा का बजट सत्र जारी है।
शराब दुकानों के संचालन के लिए बाकायदा शासन के दिशा-निर्देश हैं, पर पालन कराने वाले कोई नही हैं। प्लेसमेंट एजेंसियां दुकान के संचालन के नियम-कानूनों की धज्जियां उड़ा रही हैं। प्रदेश के 700 दुकानों में आज तक कभी न तो स्टॉक का मिलान किया गया, न बिक्री राशि का हिसाब । जितना मनचाहे कोषालय में जमा और मनमर्जी खर्च कर रहे हैं। 31/12/2023 की स्थिति में ही कांकेर, सूरजपुर, दंतेवाड़ा की . दुकानों में लगभग 25 लाख से अधिक की नगद राशि की चोरी की रिपोर्ट उजागर हुई है।


शासन से प्राप्त भूमि का अनियमित रूप से कोटवारों द्वारा विक्रय किये जाने पर छ.ग. शासन, राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग, मंत्रालय के पत्र क्रमांक एफ 10-11/2000/आ.प्र./पार्ट-2, दिनांक 10 मार्च 2014 एवं पत्र क्रमांक एफ 10-11/ 2020/ 7-4, दिनांक 27. 02. 2021 द्वारा समस्त कलेक्टरों को कोटवारों द्वारा विक्रय की गई भूमि संबंधी प्रकरणों का परीक्षण किया जाकर कोटवारों को प्रदान की गई भूमि के अभिलेखों में अहस्तांतरणीय शब्द लिखे जाने तथा कोटवारों द्वारा अवैधानिक रूप से विक्रय की गई भूमि के विक्रय विलेख (रजिस्ट्री) को भी व्यवहार न्यायालय में वाद दायर कर निरस्त कराये जाने का निर्देश प्रसारित किया गया है।


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