बैकुण्ठपुर@क्या सीएमएचओ के लिए उनके वाहन का नंबर प्लेट पीला होना उनके शान के खिलाफ?

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-रवि सिंह-
बैकुण्ठपुर,14 फरवरी 2024 (घटती-घटना)। स्वास्थ्य विभाग में अधिग्रहित वाहनों में भी भ्रष्टाचार का खेल चरम पर है जांच होती नहीं और सूचना का अधिकार में जानकारी मिलती नहीं, दस्तावेज चोरी से उपलध करना ही जरूरी है क्योंकि सही तरीके से दस्तावेज स्वास्थ्य विभाग से मिलना नामुमकिन है, सीएमएचओ साहब को पीले नंबर प्लेट से परहेज है तो वहीं प्रभारी डीपीएम साहब की तो गाड़ी एक महीने में 5000 किलोमीटर चल जाती है ना जाने एक छोटे से जिले में आखिर इतना दौरा यह कहां करते हैं? पर वहीं सूत्रों का कहना है कि अपने निजी कार्यों से लगातार इनका रायपुर दौर होता है और उसे दौर में शासकीय वाहन का उपयोग होता है उनके निजी कार्यों के लिए शासकीय वाहन का इंधन भी खर्च होता है और भुगतान भी उनके निजी कार्यों के लिए विभाग करता है? इतने लंबे समय में पहली बार कोई ऐसा प्रभारी डीपीएम मिला है जिसकी गाड़ी इतना ज्यादा चल जाती है अब यह भ्रष्टाचार नहीं तो क्या है? यह तो विभाग के लिए ही जांच का विषय है। सूत्रों की माने तो यदि दस्तावेज की जांच सही तरीके से हो गई तो वाहन अधिग्रहित में हुए भ्रष्टाचार की पोल खुल जाएगी, स्वास्थ्य विभाग में भ्रष्टाचार इतना ज्यादा है पर यहां पर जांच होने की संभावना उतनी ही कम दिख रही है, जबकि इसी जिला के स्वास्थ्य मंत्री भी हैं चाहते तो पूरे स्वास्थ्य विभाग को स्वच्छ बना सकते थे भ्रष्टाचार मुक्त कर सकते थे और भ्रष्टाचार करने वाले पर कार्यवाही कर सकते थे पर ऐसा हो पाएगा या नहीं हो पाएगा यह तो समय ही बताएगा।
सूत्रों के अनुसार कोरिया जिले के स्वास्थ्य विभाग के किराए के वाहनों के बिलों में अनाप शनाप किमी चलने की जानकारी सामने आ रही है वही दूसरी ओर स्वास्थ्य विभाग के सीएमएचओ जिस नई नवेली वेन्यू कार को खुद ड्राइव करके चला रहे है वो एमपी पासिंग है। कोरिया जिले के स्वास्थ्य विभाग में वाहनो के बिलों को लेकर आम चर्चा है, सूत्रों की माने तो किराए पर लगे वाहनो को निजी कार्य मे ज्यादा उपयोग किया जा रहा है, एक एक वाहन 5 हजार किमी से ज्यादा एक महीने में दौड़ चुकी है, जिनके एक से डेढ़ लाख रुपये प्रति माह के बिल होने की जानकारी सूत्र बता रहे है, इन वाहनों का उपयोग प्रभारी डीपीएम और सीएमएचओ कर रहे है, गाड़ी मालिक का कहना स्याफ़ है गाड़ी जितना चलवाओगे बिल तो उतना आएगा ही। अब गाड़ी कहा कहा चली ये तो जांच में ही पता चल पाएगा, पर सूत्र यही बता रहे है कि एक महीने में किराए के लग्जरी वाहन साढ़े पांच हजार किमी तक चल चुकी है।
खबर का हो रहा है असर
घटती-घटना स्वास्थ्य विभाग में हुए जारी अनियमितताओं को लेकर लगातार खबर का प्रकाशन कर रहा है, लगातार आ रही खबरों से स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मचा हुआ है, बताया जा रहा है कि दो दो संविदा कर्मी इन दिनों रायपुर में डेरा डाले हुए है, कार्यवाही से बचने कर लिए स्वास्थ्य विभाग के मंत्रालय में मंत्री से मिलकर खुद को साफ बताने में पूरा जोर लगा दिये है, एक संविदा कर्मी खुद को चिरमिरी का बता कर स्वास्थ्य मंत्री को वोटर बता कर अपनी कुर्सी बचाने की कोशिश में है,जबकि वो ही बीते दो साल से प्रभारी डीपीएम का साथ दे रहा है।
सीएमएचओ को पीली नंबर प्लेट से दिक्कत
स्वास्थ्य विभाग कोरिया के सीएमएचओ इन दिनों एमपी 65 जेड ए 9294 नंबर की वेन्यू कार में चल रहे है इस कार को वो खुद ड्राइव करते है, कार उनके निवास पर खड़ी रहती है, सूत्र बताते है कि भाजपा सरकार बनते ही उन्हें ये कार किराए पर चलाए जाने के लिए दी गई है, अब सवाल ये खड़ा हो रहा है कि यदि ये कार टैक्सी परमिट है तो पीली नंबर प्लेट क्यों नही लगी है, दूसरा सवाल यह है कि वाहन मालिक ने एमपी 65 याने अनूपपुर से वाहन की खरीदी क्यो की? और उसे छाीसगढ़ में क्यों सीएमएचओ को दी? तीसरा सवाल यह है कि एमपी पासिंग कार को छाीसगढ़ में लगाने की अनुमति ली गई है कि नही? चौथा सवाल यह कि स्वास्थ्य विभाग का सरकारी वाहन कहाँ है कि एकदम नई लग्जरी वाहन जिसे 3 महीने पहले ही खरीदा गया है सीएमएचओ को किस लालच में दे दी गई है, बताया ये भी जा रहा है सीएमएचओ का पुस्तैनी घर मप्र में ही है।
यदि 5 हजार से ज्यादा चली तो
आपको बता दे 9 सितंबर 2022 को कोरिया से अलग नया जिला एमसीबी का निर्माण हुआ है, ऐसे में कोरिया सिर्फ दो लॉक का जिला रह गया है जिसकी सीमाएं जिला मुख्यालय बैकुंठपुर से सोनहत के रामगढ़ गोईनी लगभग 80 किमी और जिला मुख्यालय से लेकर बचरा पौड़ी गेजी तक है तीसरी ओर डुमरिया तक है यदि व्यक्ति वाहन से पूरे जिले को घूम लेता है तो भी एक जगह से जाकर लौटने से 200 किमी पूरा नही होता है। यही कारण है स्वास्थ्य विभाग में किराए से चल रहे वाहनो की यदि निष्पक्ष जांच हुई तो तय है कई बड़े भ्रष्टाचार के खुलासे होंगे। पर ये भी तय है कि वर्तमान जिला प्रशासन के रहते ये मुमकिन नही है।
महीने में 30 दिन काम
स्वास्थ्य विभाग में हम कह सकते है कि पूरे 30 दिन काम हो रहा है, शनिवार रविवार छुट्टी के दिन डीपीएम के साथ कुछ संविदा कर्मी पूरे दिन काम मे लगे रहते है अब ऐसा कौन सा काम होता है जी सिर्फ छुट्टी के दिन ही होता है बताया जा रहा है एक सविदा कर्मी वही स्वास्थ्य विभाग के पास अपने ही काम करने वाले साथी का मकान बनवा रहा है, हम काम की बात इसलिए कर रहे है क्योंकि यदि वाहन 30 दिन चलेंगे तभी साढ़े 5 हजार किमी चल सकते है अब फिर अगला सवाल खड़ा हो रहा है कि यदि डीपीएम और दूसरे अधिकारी शनिवार रविवार छुट्टी के दिन काम कर रहे है तो उन वाहनो में घूम कौन रहा है।


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