सुरजपुर@क्या दुकान नीलामी के लॉटरी प्रक्रिया में पूंजी पतियों का ही किस्मत चमका?

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-ओंकार पाण्डेय-
सुरजपुर,13 फरवरी 2024 (घटती-घटना)। स्वावलंबन योजना के तहत व्यावसायिक दुकानों का निर्माण इसलिए किया गया था ताकि दुकान आवंटन लाटरी पद्धति से किया जाए और सभी को यह दुकान उनकी किस्मत के आधार पर मिल सके, जिसमें मध्य, गरीब व पूंजीपती वर्ग रह सके और लोगो को एक कमाई का जरिया मिल सके, पर जब लॉटरी खुली और लॉटरी के नाम को देखा गया तो ऐसा लगा कि मध्यम वर्ग व गरीब तबके के लोग तो इसमें शामिल नहीं हुए सिर्फ दिखे तो पूंजीपति लोग और कहीं ना कहीं लॉटरी होने के बाद भी इसमें सेटिंग देखी गई। क्या दुकान नीलामी के लॉटरी प्रक्रिया में पूंजी पतियों का ही किस्मत चमका? आम आदमी व गरीबों की किस्मत निकली खराब पूंजीपति किस्मत के निकले धनी? आम आदमी व गरीबों की किस्मत निकली खराब पूंजीपति किस्मत के निकले धनी? सबसे गजब की बात तो यह है की हाईटेक बस स्टैंड में तंबू लगाकर गरीब तपके के लोग अपना छोटा-मोटा व्यापार करते हैं और इस निर्मित निमित्त दुकान के सामने करते हैं पर उनकी किस्मत इतनी खराब है कि इन्हें लकी ड्रा में भी यह सस्ती दुकान नहीं मिल पाई, कहा जाए तो लकी ड्रा गरीबों के लिए नहीं अमीरों व पूंजी पत्तियों के लिए ही खोला गया, गरीबों को पूरा उम्मीद था कि लकी ड्रा पद्धति से उन्हें गुजर बसर करने के लिए निर्मित हुई दुकान मिल जाएगी और बस स्टैंड में तंबू लगाकर दुकान नहीं करना पड़ेगा पर ऐसा होता नहीं दिखा जब लकी ड्रा खोली गई तो तंबू लगाकर चना मूंगफली बेचने वाले की किस्मत खराब निकली उनका नाम लकी ड्रा में नहीं आया।
सूरजपुर के जिला मुख्यालय के हाईटेक बस स्टैंड में जो की रिंग रोड पर स्थित है में नगर पालिका स्वावलंबन योजना अंतर्गत व्यवसायिक दुकानों का निर्माण किया गया है का आबंटन प्रक्रिया जो लाटरी पद्धति से किया गया को लेकर शिकायत सामने आई है, जिसमे पूरी प्रक्रिया को ही दोषपूर्ण बताते हुए आबंटन प्रक्रिया निरस्त करने की मांग की गई है जिसके लिए प्रेमनगर विधायक को शिकायत पत्र सौंपा गया है। शिकायतकर्ता ने शिकायत में लिखा है की दुकान आबंटन की पूरी प्रकिया दोषपूर्ण बताते हुए यह भी शिकायत पत्र में उल्लेखित किया गया है की लाटरी पद्धति में जिन दुकानों का आबंटन किया गया वह सभी पहले से ही तय कर ली गई थी की किसे कौन सी दुकान मिलनी है और कैसे दिखावे के लिए लाटरी पद्धति अपनाई जाएगी। शिकायत में नायब तहसीलदार सहित मुख्य नगर पालिका अधिकारी की भूमिका को लेकर सवाल उठाया गया है और कहा गया है की आबंटन निष्पक्ष तरीके से हो इसका ध्यान रखने की बजाए आबंटन के लिए नियुक्त अधिकारी मूक दर्शक बने रहे और उन्होंने दोषपूर्ण आबंटन प्रक्रिया में कोई रोक लगाने की बजाए उसे पूर्ण होने दिया। दुकान आबंटन में अनियमितता आबंटन सूची देखकर भी समझ में आती है आबंटन में गरीबों की किस्मत खराब नजर आई वहीं पूंजीपतियों को आबंटन के लिए अपनाई गई लाटरी पद्धति में फायदा हुआ यह कहना गलत नहीं होगा। कुल मिलाकर गरीबों की किस्मत फूटी ही नजर आई और दुकान उन्हे आबंटित हुई जिनके पास सिफारिश थी या जो नेताओं और नगर पालिका के अधिकारियों और कर्मचारियों के करीबी थे। शिकायतकर्ता ने शिकायत करते हुए मांग की है की आबंटन निरस्त किया जाए।

आबंटन हेतु लाटरी प्रकिया निष्पक्ष तरीके से संपन्न कराने नियुक्त अधिकारियों पर शिकायतकर्ता ने लगाए गंभीर आरोप
शिकायतकर्ता ने दुकान आबंटन हेतु आयोजित लाटरी पद्धति को निष्पक्ष तरीके से संपन्न कराने की जिम्मेदारी निभाने आए अधिकारियों पर भी आरोप लगाए हैं। शिकायत के अनुसार आबंटन में भारी अनियमितता अपनाई गई है। पी एस सी परीक्षा की तर्ज पर इसे एक घोटाला भी बताया है शिकायतकर्ता ने। शिकायत में कहा गया है की लाटरी पद्धति पुराना नगर पालिका परिषद परिसर में आयोजित की गई,शासन से नियुक्त नायब तहसीलदार, हिना टंडन, प्रियंका रवि एवम मुख्य नगर पालिका अधिकारी मुक्ता सिंह चौहान निष्पक्ष लाटरी कराने की बजाए मूक दर्शक बने रहे। लाटरी पद्धति केवल दिखावा थी और दुकान पहले से जिसे दी जानी थी वह तय कर लिया गया था यह भी आरोप लगाया गया है। नियुक्त अधिकारी केवल दिखावे के लिए खड़े थे यह लिखित आरोप लगाया गया है।
एक ही परिवार के कई सदस्यों को उनके संबंधित लोगों को मिली दुकान
शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया है की एक ही परिवार के कई सदस्यों को दुकान आबंटित की गई है वहीं कुछ लोगों से संबद्ध लोगों को भी दुकान दी गई है जो अन्य के नाम से उन्होंने ही ली है जिसने वह संबद्ध हैं शिकायत कर्ता ने शिकायत में लिखा है की यदि निष्पक्ष जांच हुई तो एक बड़ा भ्रष्टाचार सामने आयेगा।
लाटरी प्रक्रिया में पर्ची निकालने का काम न तो बच्चों ने किया न शासकीय कर्मचारियों ने,राजनीतिक लोगों ने निकाली पर्ची,इशारे भी होते रहे
शिकायत में यह भी कहा गया है की लाटरी पद्धति किस तरह दोषपूर्ण थी वह इस बात से समझा जा सकता है की लाटरी की पर्ची किसी बच्चे से न ही निकलवाई गई न ही शासन से नियुक्त अधिकारियों या कर्मचारियों से ही पर्ची निकलवाई गई। पर्ची राजनीतिक संबंध रखने वाले लोगों ने निकाली जिन्हे इशारा भी किया जाता रहा की किधर से वह पर्ची निकालें। राजनीतिक संबंध रखने वाले ने लाटरी की पर्ची निकाली जिससे प्रक्रिया दोषपूर्ण मानी जानी चाहिए यह भी मांग शिकायत में की गई है।चिन्हित और तय व्यक्ति ही पर्ची निकालने बुलाए गए वहीं जिन्हे दुकान आबंटन करना था उनकी पर्ची अलग खुले ट्रे में रखी गई थी यह भी शिकायत में उल्लेखित है।
वीडियो फुटेज देखकर समझा जा सकता है कि कैसे दोषपूर्ण तरीके से लाटरी प्रक्रिया संपन्न हुई
शिकायतकर्ता ने शिकायत में लिखा है की लाटरी की पूरी प्रकिया वीडियो ग्राफी के दौरान रिकॉर्ड हुई है जिसे देखकर समझा जा सकता है कि कैसे पूरी प्रक्रिया में अनियमितता हुई है। वीडियो की जांच कर कार्यवाही और आबंटन निरस्त करने की मांग भी की गई है। नए तरीके से और निष्पक्ष आबंटन दुकानों का हो इसके लिए वर्तमान आबंटन निरस्त कर नई तिथि को नियम अनुसार लाटरी प्रक्रिया अपनाई जाए यह भी मांग की गई है।


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