सुरजपुर,@कलेक्टर सूरजपुर का कड़ा रूख जिला चिकित्सालय में ही हो जांच,बाहर जांच करने के लिए लिखने वाले डॉक्टर पर होगी कार्यवाही

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सुरजपुर,13 फरवरी 2024 (घटती-घटना)। स्वास्थ्य सुविधा बेहतर हो इसके लिए तरह-तरह के प्रयास किए जाते हैं हर जिले में जिला अस्पताल बृहद रूप से बनाया गया है ताकि गरीबों को निशुल्क स्वास्थ्य सुविधा मिल सके पर कुछ डॉक्टर को अधिक कमाई की लालसा है जिस वजह से निजी लबों व दवाई दुकानों से उनका कमीशन बंधा हुआ है जिस वजह से वह अपने प्रिस्कि्रप्शन पर उन्हें लैब व दवाई दुकान जाने को मरीज को कहते हैं, जहां पर मरीज का पैसा ज्यादा खर्च हो जाए, पर उन्हें यह समझ में नहीं आता कि गरीब मरीज आखिर इतने पैसे क्यों देगा? जब सारी सुविधाएं अस्पताल में मौजूद हैं, इस पर सूरजपुर कलेक्टर ने एक महिला की शिकायत पर संज्ञान ले लिया और कहा कि जिला अस्पताल में ही सारे जांच उपलब्ध हैं फिर भी डॉक्टर गरीब मरीजों को बाहर का जांच लिखते हैं जो उनके लिए आर्थिक संकट है जिस पर सूरजपुर कलेक्टर ने साफ निर्देश दिया है कि सभी जांच अस्पताल में ही कराया जाए, बेवजह मरीज को आर्थिक बोझ पर ना डालें।
मिली जानकारी के अनुसार जिला चिकित्सालय में जीवन दीप समिति के बैठक लेने कलेक्टर रोहित व्यास पहुंचे थे तभी जिला चिकित्सालय में जांच का सुविधा न मिलने निजी क्लिनिको में भेजने की शिकायत एक मरीज के द्वारा कलेक्टर को किया गया जिस पर कलेक्टर ने गंभीरता से लेते हो उन्होंने तत्काल पदस्थ एक डॉक्टर को बुलाकर कड़ी फटकार लगाते हुए उन्होंने अस्पताल प्रबंधक को मरीज का पैसा वापस करवाने का निर्देश दिए, जिसके बाद पैसा वापस करवाया और कलेक्टर ने सख्त निर्देश दिए हैं किसी भी सूरत पर जिला चिकित्सालय के पास दलाली अगर करते पाए गए डॉक्टर तो बक्शा नहीं जाएगा सख्त कार्रवाई की जाएगी अस्पताल में सुधार के लिए सख्त निर्देश दिए हैं वही सूरजपुर कलेक्टर के निर्देश पर सी एम एच ओ डॉक्टर आर एस सिंह ने नोटिस जारी कर जिला चिकित्सालय के आसपास के सभी जांच सेंटरों को निर्देश दिए हैं की दोबारा ऐसी गलती पाई गई तो सख्त कार्रवाई की जाएगी जारी नोटिस संचालकों को दी गई है हिदायत उल्लेख किया गया है जिला चिकित्सालय में आकर ब्लड सैम्पल लेने एवं जांच के संबंध में नोटिस जारी किया गया है कि कलेक्टर सूरजपुर के द्वारा जिला चिकित्सालय के निरीक्षण पाया गया है कि जिला चिकित्सालय के आस-पास स्थित पैथोलॉजी लैब / कलेक्शन सेन्टर के द्वारा चिकित्सालय में आकर भर्ती मरीजों का ब्लड सैम्पल लिया जा रहा है एवं मरीजों को अपने संस्थान जॉच किया जा रहा है, जो कि पूर्णतः गलत है, एवं इससे मरीजों का अधिक हानि हो रही है। जांच सेंटर के संचालकों को निर्देर्शित किया जाता है कि ऐसी किसी प्रकार की आव्यवहारीक कृत्य नहीं अन्यथा सभी संस्थानों के विरुद्ध नर्सिंग होम एक्ट अधिनियम के तहत अनुशासनात्मक कार्यवाही को कहा गया है, जिला चिकित्सालय में पहुंचे बैठक में भाग लेने कलेक्टर मरीज ने किया शिकायत कि सर जिला चिकित्सालय में सुविधा होने के बाद भी दूसरे की लिख में भेज कराके जिला चिकित्सालय पदस्थ डॉक्टरों की द्वारा मनमानी थी जारी और भाई भरकम पैसा लिया गया है जिस पर कलेक्टर में तत्काल संज्ञान लिया पैसे और उन्होंने तत्काल मरीज का पैसा वापस कर आए मरीज ने कलेक्टर का आभार जताया मरीज ने चर्चा के दौरान कहा कि ऐसे कलेक्टर हर जिले में होनी चाहिए।


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