कोरिया/एमसीबी@आईपीएस चंद्रमोहन की सरगुजा संभाग में वापसी…नवीन जिले एमसीबी के होंगे नए पुलिस अधीक्षक…सूरज सिंह होंगे कोरिया जिले के नए पुलिस अधीक्षक

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-रवि सिंह-
कोरिया/एमसीबी,05 फरवरी 2024 (घटती-घटना)। रविवार देर रात पुलिस मुख्यालय रायपुर छत्तीसगढ़ से 46 आईपीएस अधिकारियों की तबादला सूची जारी की गई जिसमें आईजी स्तर के अधिकारियों सहित कई जिलों के पुलिस अधीक्षकों को वर्तमान पदस्थ पदस्थापना से स्थानांतरित कर दिया गया है और अब वह नई नई जगह आगे जिम्मेदारी संभालेंगे। आईपीएस अधिकारियों की तबादला सूची में कोरिया जिले सहित कोरिया जिले से अलग होकर नवीन बने जिले एमसीबी जिले के भी पुलिस अधिक्षक का नाम शामिल है जिनकी जगह अब कोरिया जिले की कमान चौथी वांहिनी माना छत्तीसगढ़ में पदस्थ सूरज सिंह परिहार कोरिया जिले की कमान सम्हालेंगें साथ ही नवीन जिले एमसीबी की कमान चंद्रमोहन सिंह सम्हालेंगे जो पहले कोरिया जिले में पुलिस अधीक्षक रह चुके हैं। चंद्रमोहन सिंह कोरिया जिले के विभाजन से पूर्व जिले में पदस्थ थे और वह सम्पूर्ण कोरिया जिले के पुलिस अधीक्षक बतौर काम कर चुके हैं लेकिन इस बार वह विभाजन के बाद बने नए एमसीबी जिले के पुलिस अधीक्षक पद की जिम्मेदारी संभालेंगे जिनमे पुलिस थाने भी अब कम हैं पूर्व की अपेक्षा साथ ही क्षेत्रफल की दृष्टि से भी जिला छोटा होगा।
कोरिया जिले के पुलिस अधीक्षक त्रिलोक बंसल को नवीन जिले बिलाईगढ़ छुई खदान की जिम्मेदारी मिली है और अब वह नवीन जिले के पुलिस अधीक्षक बतौर काम करने रवाना होंगे। आईपीएस अधिकारियों की तबादला सूची में एमसीबी भेजे गए चंद्रमोहन सिंह का नाम सबसे चौंकाने वाला है क्योंकि यह वही चंद्रमोहन सिंह हैं जो कोरिया जिले में पुलिस अधीक्षक रह चुके हैं और जिन्होंने बैकुंठपुर के एक बिल्डर में ऊपर कार्यवाही करने की हिम्मत दिखाई थी और बिल्डर को कानून का पाठ पढ़ाया था यह इनकी एक बड़ी उपलब्धि जिले में उनके कार्यकाल के दौरान दर्ज हुई थी। वहीं जिस समय चंद्रमोहन सिंह कोरिया जिले के पुलिस कप्तान थे तबका उनका कार्यकाल अवैध कारोबार मामले में बेहतर नहीं रहा बशर्ते उनके कार्यकाल में अवैध कारोबार जमकर जिले में फलता फूलता रहा जिसपर अंकुश लगाने को लेकर उन्होंने कोई तत्परता तब नहीं दिखाई थी। माना यह जा रहा है की एमसीबी जिले में चंद्रमोहन सिंह की पदस्थापना उनके खुद के प्रयास से हुई है जिसके लिए उन्होंने मनेंद्रगढ़ विधायक स्वास्थ्य मंत्री का सहारा लिया है और तब जाकर उन्हे एमसीबी नवीन जिले में नई पदस्थापना मिल सकी है। वही कोरिया जिले में उनका कार्यकाल बिल्डर पर कार्यवाही को लेकर उपलब्धि भरा कहा जा सकता है लेकिन अवैध कारोबार मामले में उनका कार्यकाल कहीं न कहीं ऐसा नहीं रहा जिससे अवैध कारोबारियों में पुलिस या कानून को लेकर भय देखा गया हो। अब जब उन्हे नवीन जिले एमसीबी की जिम्मेदारी मिली है और वह भी उस नवीन जिले की जो कोरिया जिले से ही अलग हुआ है और अब नवीन जिला है जिसको वह पहले से भलीभांति जानते हैं पहचानते हैं क्या वह इस बार अवैध कारोबार पर अंकुश लगाएंगे या फिर उनका इस मामले में मौन ही देखने को मिलेगा?
कोरिया जिले के पुलिस अधीक्षक होंगे सूरज सिंह,राष्ट्रपति से मिल चुका है इन्हे अवार्ड
कोरिया जिले के नए पुलिस अधीक्षक सूरज सिंह मूलतःउत्तरप्रदेश के निवासी हैं जिनकी प्राथमिक शिक्षा जहां जौनपुर से हुई है और जिसके बाद उन्होंने आगे अध्ययन करने के लिए कानपुर का रुख किया था जहां से उन्होंने आगे की पढ़ाई की है। बैंक ऑफ महाराष्ट्र,स्टेट बैंक ऑफ इंडिया,सहित राज्य प्रशासनिक सेवा में काम कर चुके सूरज सिंह ने अपनी प्रतिभा के बल पर आईपीएस की भी परीक्षा पास की और वर्ष 2015 में वह आईपीएस बन सके। हिंदी माध्यम स्कूलों में पढ़कर उन्होंने यह मुकाम हासिल किया वहीं उन्होंने कुछ समय तक अंग्रेजी विषय की खुद कोचिंग भी चलाई। सरस्वती शिशु मंदिर के छात्र भी रह चुके हैं सूरज सिंह। सूरज सिंह परिहार राष्ट्रपति के हाथों भी अवॉर्ड पा चुके हैं जो उनके कविता के लिए उन्हे मिला है । वर्तमान में वह चौथी वाहिनी माना में सेवा प्रदान कर रहे थे और जिसके बाद उन्हें कोरिया जिले की कमान सौंपी गई है पुलिस विभाग की। सूरज सिंह परिहार आईपीएस सबसे पहले गौरेला पेंड्रा मरवाही के पुलिस अधीक्षक बनाए गए थे बाद में उन्हें छाीसगढ़ राज्य के राज्यपाल का एडीसी बनाया गया था वह दंतेवाड़ा में एएसपी भी रह चुके हैं। सूरज सिंह परिहार सोशल मिडिया में भी एक्टिव रहते हैं जहां उनके एक लाख से ज्यादा फालोवर हैं। वह काफी तेज तर्रार पुलिस अधीक्षक माने जाते हैं जब उन्हे गौरेला पेंड्रा मरवाही जिले की कमान मिली थी उन्होंने पहले दिन से ही अवैध कार्यों पर अंकुश लगाना शुरू किया था और अवैध कारोबार मामले में तीन मामले पहले ही दिन जिले में दर्ज हुए थे। कोरिया जिले में भी अवैध कारोबार होता आया है। अब नए पुलिस अधीक्षक से लोगों को उम्मीद है की वह जिले में कानून व्यवस्था को लेकर अपना तेज तर्रार रुख अपनाएंगे और जिले में इसपर पूरी तरह रोक लगाएंगे। बता दें की 30 वर्ष की उम्र में ही सूरज सिंह परिहार आईपीएस के लिए चयनित हुए थे।
रात 12 बजे आया तबादला आदेश,46 आईपीएस हुए इधर से उधर
प्रदेश के 46 आईपीएस अधिकारियों का तबादला रविवार देर रात किया गया। रात 12 बजे आदेश जारी हुआ और रात से ही यह खबर भी प्रकाशित होने लगी की कौन आईपीएस कहां से कहां भेजा गया। आईजी सहित कई जिले के पुलिस अधिक्षक इस तबादला आदेश से प्रभावित हुए हैं जिन्हे अब नई पदस्थापना पर कार्यभार करना है।
लंबे इंतजार के बाद जारी हुई तबादला सूची
प्रदेश में सत्ता परिवर्तन के बाद आईएएस अधिकारियों का तबादला जल्द ही कर दिया गया था वहीं आई पी एस अधिकारियों का तबादला कब होगा इसको लेकर लगातार इंतजार हो रहा था। माना जा रहा था की पुरवर्ती कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में पदस्थ किए गए कई पुलिस अधीक्षक अब नई जगह नई जिम्मेदारी निभाने भेजे जाएंगे लेकिन आईपीएस अधिकारियों की तबादला सूची जारी होने में विलंब हो रहा था। अब जब तबादला सूची जारी हो गया है लोगों का इंतजार खत्म हो गया है और अब नए पुलिस अधीक्षकों के स्वागत के लिए लोग उत्साहित हैं। कई जिलों में भाजपा नेताओं की मांग थी की उनके जिले के पुलिस अधीक्षक को हटाया जाए जिसे मानकर यह तबादला किया गया है ऐसा माना जा रहा है।
चंद्रमोहन सिंह पूर्व में संयुक्त कोरिया में निभा चुके हैं 12 थानों के कप्तान की जिम्मेदारी,अब निभाएंगे विभाजित कोरिया के 8 पुलिस थानों की जिम्मेदारी
चंद्रमोहन सिंह पूर्व में संयुक्त कोरिया जिले के पुलिस कप्तान रह चुके हैं। उस समय जिले में 12 पुलिस थाने हुआ करते थे,अब उन्हे विभाजित कोरिया जिले का वह हिस्सा तबादले पश्चात मिला है जो नवीन जिले के रूप में 8 पुलिस थानों के साथ एमसीबी जिला बना है। अब देखना यह है की वह 8 थाना क्षेत्रों के नए जिले में कितनी सफलता अपने खाते में दर्ज करते हैं। एमसीबी जिले में भी अवैध कारोबार उनके लिए बड़ी चुनौती है। कोयला कबाड़ जैसा अवैध कारोबार वहां अनवरत जारी रहने वाला कारोबार है। अब देखना यह है की वह 8 थानों के जिले में अवैध कारोबार रोककर कानून व्यवस्था की स्थिति बेहतर कर पाते हैं अवैध कारोबारियों में भय उत्पन्न कर पाते हैं या नहीं। वहीं कोरिया जिले के पुलिस अधीक्षक के पास अब कुल 4 पुलिस थाने होंगे और देखना यह है की वह किस तरह की पुलिसिंग साबित करते हैं जिससे जिले के अवैध कारोबारी भयभीत रहें और जिले में कानून व्यवस्था कायम रह सके।
बिल्डर पर हुई थी कार्यवाही पर राजस्व अधिकारी बच निकले थे…
चंद्रमोहन सिंह जब कोरिया जिले के पुलिस कप्तान थे तब उन्होंने कोरिया जिले में जारी जमीन फर्जीवाड़े पर बड़ी कार्यवाही की थी,एक बड़े बिल्डर को उन्होंने जेल तक भेजा था कई जमीन उसकी जो अवैध रूप से उसके द्वारा हथियाई गई थी उसे उन्होंने भू स्वामियों को वापस दिलाया था लेकिन उसी मामले में कई राजस्व अधिकारियों का भी नाम समाने आया था जिनके ऊपर कोई कार्यवाही नहीं हुई थी और वह बच निकले थे। राजस्व अधिकारियों पर कार्यवाही न होना पूरी कार्यवाही को सवालिया बनाता है क्योंकि जमीन फर्जीवाड़ा अकेले बिल्डर के भरोसे संभव नहीं हुआ होगा उसमे राजस्व अधिकारियों कर्मचारियों की संलिप्तता निश्चित रही होगी।
चंद्रमोहन सिंह का रूप बदला हुआ होगा या फिर पहले की तरह ही होगा कार्यकाल?
चंद्रमोहन सिंह पुनःसरगुजा संभाग के नवीन जिले एमसीबी में पुलिस अधीक्षक बनकर पहुंचे हैं। पहले वह संयुक्त कोरिया जिले के पुलिस अधीक्षक रह चुके हैं जिसके अंतर्गत ही पहले एमसीबी का क्षेत्र आता था। उनके पूर्व के कार्यकाल में अवैध कारोबार रुक नहीं सका था यह देखा गया था। अब चूंकि उन्हे पुनः मौका मिला है देखना है की उनका रूप पहले वाला ही रहता है या वह अवैध कारोबार रोकने पूरी ताकत लगाएंगे। वैसे एमसीबी जिले में अवैध कारोबार रोकना उनके लिए बड़ी चुनौती है क्योंकि एमसीबी जिले में अवैध कारोबारी जड़ जमा चुके हैं।
क्या मंत्री के पसंद से एमसीबी के एसपी बनाए गए हैं चंद्रमोहन सिंह?
एमसीबी पुलिस कप्तान बनाए गए पुलिस अधीक्षक चंद्रमोहन सिंह कोरिया जिले संयुक्त कोरिया जिले में पदस्थ रह चुके हैं। उनका जिले खासकर संयुक्त कोरिया जिले के सभी राजनीतिक दलों के नेताओं जनप्रतिनिधियों से संपर्क पहले से ही कायम रहा है। एमसीबी जिला पहले कोरिया जिले का ही अंग था जहां यह पुलिस अधीक्षक थे। मनेंद्रगढ़ विधायक साथ ही मंत्री से उनके विपक्ष में रहने के दौरान उनका परिचय रहा होगा इससे इंकार नहीं किया जा सकता वहीं यही उनको नवीन जिले की कमान मिलने का कारण है यह माना जा सकता है। वैसे स्वास्थ्य मंत्री के विशेष सलाहकार भी चंद्रमोहन सिंह को एमसीबी जिला दिलाने में मददगार साबित हुए होगें यह भी माना जा सकता है। मंत्री जी के विशेष सलाहकार वही हैं जिनका नाम चंद्रमोहन सिंह के कोरिया जिले के कार्यकाल के दौरान जमीन के फर्जीवाड़ा मामले से जुड़ा था जिसमे वह हस्ताक्षर को फर्जी बताकर बच सके थे और उन्हे मामले में निर्दोष माना गया था।


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