कोरबा @1320 मेगावाट प्लांट के विस्तार होने से गरीबों को सताने लगा आशियाना खोने का भय

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कोरबा 04 फरवरी 2024 (घटती-घटना)। जिले के पश्चिम क्षेत्र दर्री में सीएसईबी प्लांट की उत्पादन क्षमता बढ़ाने के लिए विस्तार करते हुए संयंत्र परिसर के आसपास 1320 मेगावाट पावर प्लांट की नई परियोजना स्थापित की जाएगी, जिसके लिए 30 जनवरी मंगलवार को लाल मैदान में जनसुनवाई पूरी हुई। संयंत्र के लिए लू प्रिंट तैयार हो चुका है,एवं मैदानी स्तर पर सर्वे भी शुरू हो चुका है। बताया जा रहा है के संयंत्र के लिए दर्री थाना के सामने स्थित सिंचाई कालोनी की जमीन को अधिग्रहण की जाएगी इसलिए यहां निवासरत दो सौ परिवार के बीच हड़कंप मच गया है । आपको बता दें सिंचाई विभाग की जिस जमीन पर सैकड़ों परिवारों ने बेजा कजा कर मकान बनाकर दशकों से काबिज है उसे नई परियोजना के लिए अधिग्रहित किया जाना है। सिंचाई विभाग के अधिकारियों ने ऐसे सभी निवासरत परिवारों को इस संबंध में जानकारी देते हुए स्पष्ट तौर पर यहां से दूसरे स्थानों पर जाने की व्यवस्था जल्द करने का निर्देश दे दिया है। अधिकारियों के निर्देश मिलने से आशियाना टूटने की संभावना ने लोगों की चिंता बढ़ा दी है। मकान उजड़ने की खबर से घबराए लोगों ने शनिवार को उद्योग मंत्री लखनलाल देवांगन से मिलकर अपनी व्यथा सुनाने उनके निवास स्थान कोहडि़या पहुंचकर उनसे मुलाकात की और कालोनी में बने मकानों को टूटने से बचाने की गुहार लगाई है।
मंत्री श्री देवांगन से गुहार लगाने पहुंची महिला निशा बाल्मिकी ने बताया कि उनके जीवन के चार दशक सिंचाई कालोनी में ही गुजर गया, अब बच्चे भी बड़े हो गए हैं। अब उन्ही मकानों को तोड़े जाने की एकाएक मिली सूचना से परिवार भविष्य को लेकर काफी चिंतित हैं । इस संबंध में सुनीति साहू ने बताया कि कई दशक से हम लोग यहां मकान बनाकर निवासरत हैं, इस बीच सिंचाई विभाग ने जमीन की तरफ देखा तक नहीं, सभी लोगों ने लाखों रुपए खर्च कर अपना अपना मकान बनाये हैं। इन मकानों के टूट जाने से कैसे गुजर बसर करेंगे । बता दें की जिस जमीन को लेकर लोगों में अपने आशियाना टूटने का भाई सताने लगा है वह सीएसईबी दर्री प्लांट के जमीन से लगकर दर्री थाना के आसपास सिंचाई विभाग की जमीन है। पूर्व में थाना के सामने हिस्से में सिंचाई विभाग का लेबर हॉट कालोनी था। वर्ष करीब चार दशक पहले उक्त कालोनी के दर्जनों मकान खाली पड़ी थी और मकान खंडहर जैसे होने लगे थे। तब लोगों ने अनाधिकृत रूप से उन मकानों में रहना शुरू किया। देखते ही देखते चार दशक में आसपास सैकड़ों मकान भी बन गए। अब लेबर हॉट कालोनी बड़ी बस्ती बन चुकी है। हालांकि अब भी कालोनी के कुछ हिस्से के मकानों में अब भी सिंचाई विभाग के अधिकारी व कर्मचारी भी निवासरत है । बताया जा रहा है के बिजली उत्पादन कंपनी के 1320 मेगावाट प्लांट के लिए प्लांट के पुराने रेलवे लाइन के पास ब्रिज से लेकर दर्री थाना के सामने बाजार तक की जमीन अधिग्रहित होगी। उक्त जमीन पर वर्तमान में सिंचाई विभाग के 79 मकान है। जिसमें से अधिकांश में विभागीय अधिकारी कर्मचारी निवासरत है। उनके बसाहट के लिए कंपनी पहले फ्लैट सिस्टम से 100 से अधिक मकान बनाकर देगी। जिसमें आधे मकान दर्री थाना के आसपास सिंचाई विभाग की खाली जमीन पर और आधे मकान शहर रामपुर में रिक्त विभाग की जमीन पर बनाए जाएंगे वहीं विभागीय जमीन पर बेजाकजा करने वाले निवासरत परिवारों को बसाहट का लाभ नहीं मिलेगा। सिंचाई विभाग ने अपने कर्मचारियों के लिए ही फ्लैट सिस्टम से मकान बनाने की बात कही है। विभागीय जमीन पर बेजाकजा कर बनाकर वर्षो से निवासरत परिवारों की गारंटी नहीं ली है। इस फैसले ने करीब दो सौ परिवारों कठिनाई परिस्थिति में डाल दिया है कि एकाएक उनके मकान उजड़ने की स्थिति में वे कहां जाएं और क्या करें । इस संबंध में सिंचाई विभाग के एसडीओ एस.एन. साय ने बताया कि दर्री क्षेत्र में संयंत्र के समीप सिंचाई विभाग की जमीन है, जिसे बिजली उत्पादन कंपनी अपनी नई परियोजना के लिए अधिग्रहित करेगी। यहां कालोनी में मौजूद विभागीय मकानों के बदले सिंचाई विभाग की अन्य खाली पड़ी जमीन पर फ्लैट सिस्टम से मकान बनाकर देगी। विभाग की जमीन पर बेजा कजा कर निवास करने वाले लोगों को जमीन अधिग्रहण के संबंध में सूचना दे गई है। उन्हें अपनी व्यवस्था स्वयं करनी होगी, सिंचाई विभाग ने उनकी कोई जिम्मेदारी नहीं ली है ।


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