अंबिकापुर@जिला चिकित्सालय अंबिकापुर के द्वारा नियम विरुद्ध तरीके से कबाड़ की गई नीलामी,स्वास्थ्य मंत्री से हुई शिकायत

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अंबिकापुर,04 फरवरी 2024 (घटती-घटना)। कर्यालय संयुक्त संचालक एवं अधीक्षक राजमाता श्रीमती देवती कुमारी सिंहदेव शासकीय चिकित्सालय महाविद्यालय संबंधित चिकित्सालय अंबिकापुर के द्वारा चिकित्सालय में पड़े मशीनरी व पुराने उपकरण जो उपयोग विहीन है उसके विक्रय के लिए निविदा निकाली गई थी,जिसकी निविदा का सही तरीके से पालन नहीं किया गया और नियम विरुद्ध तरीके से पुरानी मशीनरी व उपकरण के कबाड़ को बेच दिया गया,कबाड़ को बेचने में निविदा का पालन सही तरीके से नहीं किया गया, जिस की शिकायत भाजपा के एक नेता के द्वारा करते हुआ निविदा को निरस्त करने की मांग की गई थी पर निविदा को बिना निरस्त किए कुछ दिन बाद चोरी-चुपके उपकरण वाले कबाड़ को अपने चाहते ठेकेदार को बेच दिया गया।
इस संबंध में शिकायतकर्ता राजकुमार सिंह बीजेपी झुग्गी झोपड़ी प्रकोष्ठ सरगुजा ने इस निविदा के विरुद्ध कबाड़ टेंडर में गोपनीयता का उल्लंघन करने का आरोप लगाते हुए इसकी शिकायत स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल से करते हुए कहा विगत दिनों जिला हास्पीटल द्वारा बंद लिफाफे में कबाड का टेंडर निकाला गया था। जिस टेंडर में फार्म में कवाड का रेट का भी उल्लेख किया गया था। चुकि बंद लिफाफे टेंडर में रेट का उल्लेख नही किया जाता है। केवल ओपन टेंडर में ही रेट को ओपन किया जाता है। पूर्व में हास्पीटल प्रशासन को लिखित जानकारी मेरे द्वारा देने के बावजूद टेंडर को बहाल कर कबाड की नीलामी किया गया है। इससे शासन को राजस्व का नुकसान हो रहा है, ठेकेदार द्वारा सेटिंग कर खेल किया जा रहा, जिससे निविदा का सही तरीके से पालन नहीं हुआ और नियम विरुद्ध तरीके से ठेकेदार को संस्था की सामग्री बेच दी गई, जिस वजह से संस्था को राजस्व का बड़ी हानि हुई है। इस मामले में संज्ञान लेकर जिम्मेदार लोगों पर कार्यवाही कर राजस्व की वसूली की जाने की भी मांग की गई है।
निविदा में गंभीर त्रुटियां
शिकायतकर्ता के अनुसार उपयुक्त अपलेखन टेंडर में कुछ गंभीर त्रुटियां हैं,त्रुटियों पर नजर डाले तो यह कि सारे ठेकेदार स्थानीय है,सेटिग से शासन को राजस्व की हानि पहुंचाना इनका काम है,जब टेंडर रेट गोपनीय होते है, तो फिर आपने न्यूनतम दर अपलेखन सामग्री का फॉर्म में कैसे छपवा दिया? यदि त्रुटि से छपवाया गया है तो उसे निरस्त क्यों नहीं किया गया? इस निविदा को इस मामले में निरस्त करना चाहिए था, जबकि लोहे का बाजार दर 30 रूपए किलो का है फिर 10 रूपए प्रति किलो के दर रखकर कैसे बेच दिया गया?.. क्या इससे राजस्व को नुकसान नहीं हुआ?


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