- सुप्रीम कोर्ट ने उड़ीसा सरकार को नोटिस जारी कर मांगा जवाब
- शीर्ष न्यायालय ने उड़ीसा सरकार को नोटिस जारी कर चार सप्ताह में मांगा जवाब
- महिला पुलिसकर्मी ने कहा, विधायक ने रिश्वत का आरोप लगाते हुए धक्का दिया
नई दिल्ली,01 फरवरी 2024 (ए)। सुप्रीम कोर्ट ने एक महिला पुलिस अधिकारी पर रिश्वत लेने का आरोप लगाते हुए उससे मारपीट करने के मामले में ओडिशा के नेता प्रतिपक्ष जयनारायण मिश्रा को गिरफ्तारी से अंतरिम राहत दे दी है। जस्टिस ऋषिकेश राय और जस्टिस प्रशांत कुमार मिश्रा की पीठ ने ओडिशा सरकार को नोटिस जारी कर चार सप्ताह के भीतर जवाब मांगा है।
पीठ ने क्या कहा?
पीठ ने कहा कि इस दौरान याचिकाकर्ता को उपरोक्त मामले के संबंध में गिरफ्तारी से राहत दी जाती है। मिश्रा की ओर से पेश वकील ने कहा कि याचिकाकर्ता एक विधायक हैं और उड़ीसा विधानसभा में विपक्ष के नेता भी हैं। उन्होंने पिछले लगभग एक साल के दौरान अपने सामान्य कर्तव्यों का पालन किया है और पिछले साल 15 फरवरी की घटना के संबंध में पुलिस को कभी भी उन्हें समन करने का कोई मौका नहीं मिला।
उन्होंने कहा कि उड़ीसा हाई कोर्ट को याचिकाकर्ता के खिलाफ लगाए गए आरोप और उपलब्ध साक्ष्य के आधार पर जमानत पर विचार करना चाहिए था क्योंकि हिरासत में पूछताछ की आवश्यकता नहीं थी।
एचसी के आदेश के खिलाफ दायर याचिका पर एचसी कोर्ट कर रही थी सुनवाई
सुप्रीम कोर्ट उड़ीसा हाईकोर्ट के 23 नवंबर 2023 के आदेश के खिलाफ मिश्रा द्वारा दायर अपील पर सुनवाई कर रही थी, जिसने मामले में अग्रिम जमानत के अनुरोध वाली उनकी याचिका खारिज कर दी थी।
भाजपा विधायक ने क्या किया दावा?
भाजपा विधायक ने आरोप को खारिज करते हुए दावा किया था कि धनुपाली की थाना प्रभारी निरीक्षक अनीता प्रधान ने उन्हें धक्का दिया था। वहीं, महिला पुलिसकर्मी का आरोप है कि विधायक ने मुझ पर रिश्वत लेने का आरोप लगाया और मुझे डकैत कहा। जब मैंने पूछा कि वह ऐसे आरोप क्यों लगा रहे हैं तो उन्होंने मुझे धक्का दे दिया।