- दोपहर 2 बजे आएंगे सीएम विष्णुदेव साय…झुमका जल महोत्सव का करेंगे शुभारंभ…5 शिकारा वोट झुमका पहुचीं,कल होगा लोकार्पण
- सरकारी पैसे के साथ वसूली के पैसे भी लगेंगे झुमका जल महोत्सव में:सूत्र
- संबंधित विभाग के अधिकारी अपने-अपने विभाग के ठेकेदार व संचालकों से कर रहे वसूली
- निर्माण एजेंसी ठेकेदारों से तो वहीं खनिज विभाग क्रेशर व ईट भट्ठों वालों से कर रहे वसूली:सूत्र
- एसईसीएल ने भी झुमका जल महोत्सव के लिए दिए लाखों फिर भी कम पड़ रहा पैसा?
- कोरिया प्रशासन के लिए क्या पूरे जिले में एक ही टेंट वाला व एक ही साउंड सिस्टम वाला बना कार्यक्रम की मजबूरी…क्या इनके अलावा किसी दूसरे को मौका नहीं दिया जाएगा?
- इतने बड़े आयोजन के लिए आखिर क्यों नहीं निकाली जाती निविदा…निविदा निकालने से प्रशासन के लाखों बच सकते थे।
- आधा तोर आधा मोर में लगेगा बिल और अधिकारियों की होगी लाखों की कमाई:सूत्र।
-रवि सिंह-
बैकुण्ठपुर,31 जनवरी 2024 (घटती-घटना)। कोरिया झुमका जल महोत्सव जो कांग्रेस शासनकाल में आरंभ किया गया कार्यक्रम था, वहीं जो कांग्रेस विधायकों सहित मुख्यमंत्री का एक अपनी सोच अनुसार आयोजित किया गया आयोजन था का पुनः आयोजन जिले में हो रहा है, कांग्रेस ने कोरिया जिले में झुमका बांध क्षेत्र को विकसित करते हुए पर्यटन के रूप में इसे लोकप्रिय करने के उद्देश्य से गत वर्ष पहला आयोजन वर्तमान जिलाधीश कोरिया के नेतृत्व में किया था वहीं तत्कालीन सहित वर्तमान जिलाधीश ने नई भाजपा सरकार गठन होने उपरांत भी यह अयोजन दूसरे वर्ष आयोजित कर दिया है जिसके लिए उन्होंने नए निर्वाचित भाजपा के जनप्रतिनिधियों से भी सहमति प्राप्त कर ली है। अयोजन की तैयारियों में जिला प्रशासन जुटा हुआ है साथ ही कार्यक्रम के लिए वसूली का दौर भी अब अंतिम दौर में है। कार्यक्रम के लिए प्रत्येक शासकीय विभाग को वसूली की जिम्मेदारी दी गई है वहीं वसूली के लिए शासकीय विभाग में कार्य करने वाले ठेकदार, सप्लायर, क्रेशर संचालक, ईंट भट्ठों के संचालक लक्ष्य तय किए गए हैं। सभी विभाग लक्ष्य अनुसार संबंधित लोगों से वसूली में लगे हुए हैं ऐसा सूत्रों का कहना है। कार्यक्रम में शासकीय बजट भी व्यय किया जाएगा लेकिन वसूली भी की जा रही है जैसा सूत्रों का कहना है और वसूली क्यों किया जा रहा है समझा जा सकता है। ज्ञात हो की झुमका बांध क्षेत्र पर्यटन के रूप में पुरवर्ती कांग्रेस सरकार ने विकसित करना आरंभ किया था वहीं आरंभ में लगा था की यह क्षेत्र निश्चित रूप से पर्यटकों को आकर्षित करेगा और बाहरी पर्यटक भी क्षेत्र में पहुचेंगे जिसके कारण ही झुमका जल महोत्सव जैसे आयोजन किए गए थे पूर्व सरकार के कार्यकाल में लेकिन ऐसा होता कार्यक्रम के बाद भी नहीं दिखा वहीं झुमका क्षेत्र अपनी बदहाली वर्ष भर खुद ही बताती रही जहां न साफ सफाई की व्यवस्था दिखी न ही वह बोर्ड ही बचा जिसमे झुमका की सुंदरता नजर आती थी। खैर आयोजन अब नई सरकार के नए जनप्रतिनिधियों के बीच उनकी सहमति से संपन्न होने जा रहा है और इस आयोजन के बाद झुमका का कितना विकास और पर्यटकों का कितना रुझान झुमका क्षेत्र में देखने को मिलता है यह देखने वाली बात होगी। वैसे वसूली के पैसे भी इस महोत्सव में खर्च होंगे वहीं वसूली के अलावा शासकीय बजट भी व्यय किया जायेगा उसके बाद झुमका जिले को कितना आय दे पाएगा वह वक्त ही बताएगा।
क्या वसूली के पैसे से गुलजार होगा झुमका जल महोत्सव?
झुमका जल महोत्सव कोरिया जिले में दूसरी बार आयोजित होने जा रहा है वहीं यह पूरी तरह शासकीय आयोजन स्वरूप मनाया जाना तय है। इस आयोजन में खर्च भी शासकीय मद से किया जायेगा जिसका भुगतान भी नियमानुसार होगा,फिर भी कार्यक्रम के लिए वसूली समझ से परे है। कार्यक्रम के लिए सूत्रों की माने तो जमकर वसूली हो रही है। ठेकेदारों ,क्रेशर संचालकों,ईंट भट्ठे के संचालकों सहित सप्लायरों से कार्यक्रम के लिए वह विभाग वसूली कर रहे हैं जिनके विभाग में ऐसे लोग अपना काम कर रहे हैं। क्या वसूली के पैसे से झुमका जल महोत्सव संपन्न होगा यह बड़ा सवाल है क्योंकि यदि शासकीय रूप से आयोजन है और व्यय शासन के खजाने से होने जा रहा है तो वसूली साथ साथ क्यों हो रही है यह बड़ा सवाल है।कुल मिलाकर सूत्रों की माने तो कार्यक्रम में शासकीय राशि भी व्यय होगी और वसूली की राशि भी।
अलग अलग विभाग अलग अलग लोगों से कर रहे वसूलीःसूत्र
झुमका जल महोत्सव कहने के लिए पूर्णतः शासकीय कार्यक्रम है जिसमें प्रदेश के मुख्यमंत्री पर्यटन मंत्री सहित अन्य मंत्री भी शामिल हो रहे हैं साथ ही स्थानीय विधायक भी उपस्थित होंगे। महोत्सव में पूरा व्यय शासकीय रूप से किया जायेगा यह भी तय है फिर भी अलग अलग शासकीय विभाग अलग अलग तरह से अलग अलग लोगों से वसूली कर रहे हैं ऐसा सूत्रों का कहना है। निर्माण वाले विभाग निर्माण करने वाले ठेकेदारों से वसूली कर रहे हैं वहीं खनिज विभाग क्रेशर संचालकों से ईंट भट्ठे वालो से वसूली कर रहा है,अन्य विभाग सप्लायरों से वसूली कर रहे हैं। कुल मिलाकर काम बांट दिया गया है और वसूली जारी है जो सूत्रों के अनुसार बिलकुल ही सत्य बात है। अब वसूली की जरूरत क्यों पड़ गई जबकि पैसा शासकीय खर्च किया जाना है यह जिला प्रशासन जाने लेकिन वसूली की खबर लगातार सामने आ रही है।
एसईसीएल ने भी दिया है आयोजन के लिए पैसा, फिर आखिर क्यों हो रही वसूली?
झुमका जल महोत्सव के लिए एस ई सी एल ने भी पैसा दिया है ऐसा भी बताया जा रहा है,जब शासकीय पैसा एस ई सी एल का पैसा कार्यक्रम में लग ही रहा है तो फिर क्यों वसूली हो रही है यह बड़ा सवाल है। पैसा कितना लगना है किन किन कामों में लगना है आयोजनों में लगाना है यह जब पहले से तय है तो बजट अनुसार शासकीय राशि की ही सम्पूर्ण व्यवस्था एक साथ क्यों नहीं की गई वसूली की नौबत क्यों आई यह भी सवाल उठ रहा है।
जिले में शासकीय आयोजन के लिए एक ही टेंट एक ही साउंड सिस्टम निश्चित,क्या कोरिया में एक ही टेंट संचालक है हर दल का चहेता,प्रशासन का चहेता?
जिले में सभी शासकीय आयोजन में लगभग एक ही टेंट संचालक को टेंट लगाने का जिम्मा मिलता है। यह संचालक वैसे तो कांग्रेस पार्टी का खास सदस्य है फिर भी सरकार किसी की हो टेंट शासकीय अयोजन में इसी टेंट संचालक का लगता है। क्या सभी का चहेता एक ही टेंट संचालक है यह भी बड़ा सवाल है जबकि टेंट संचालक दलगत भावना काफी रखता है?
शिकारा भी उपलब्ध होगा अब झुमका पर्यटन क्षेत्र में
वैसे पिछली कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में जब यह महोत्सव पहली बार मनाया गया था तब कांग्रेस कमेटी के तत्कालीन जिलाध्यक्ष कोरिया के कहने पर तत्कालीन वहीं वर्तमान कलेक्टर ने कश्मीर के डल झील की तर्ज पर झुमका बांध में शिकारा का प्रबंध करने कहा था वह भी अब कलेक्टर कोरिया ने मंगा लिया है जिसका भी उन्हे अब शुभारंभ करना है। कुल मिलाकर इस बार का आयोजन कोरिया कलेक्टर इसलिए भी आयोजित करा रहे हैं जिससे वह कांग्रेस कमेटी के तत्कालीन जिलाध्यक्ष के कहे अनुसार शिकारा भी उपलब्ध करा रहे हैं जिसे उनकी उपलब्धि याद स्वरूप लोग याद रखें। पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में झुमका को पर्यटन के रूप में विकसित किए जाने का काम शुरू किया गया था। वोटिंग सहित झुमका क्षेत्र की सुंदरता साथ ही वहां रेस्टोरेंट इत्यादि की सुविधा के लिए उस समय ही प्रबंध किया जाना शुरू किया गया था जिसमें वोटिंग और रेस्टोरेंट इत्यादि की सुविधा उपलब्ध है झुमका क्षेत्र में। अब झुमका क्षेत्र में शिकारा की सुविधा भी मिल सकेगी और यह मांग पूर्ववर्ती कांग्रेस शासनकाल में तत्कालीन जिलाध्यक्ष कांग्रेस कमेटी कोरिया ने कलेक्टर कोरिया से की थी जिसे कलेक्टर ने अब पूरा करने का प्रयास किया है। शिकारा आ चुका है उसकी खरीदी हो चुकी है और जो अब झुमका में देखा जायेगा वहीं बताया जा रहा है की इसकी खरीदी में भी गड़बड़ी हुई है।
बिना निविदा मनमाने दर पर दिया जाता है काम
इतने बड़े आयोजन में जाहिर सी बात है कि बहुत सारी व्यवस्था करनी पड़ती है,बड़े क्षेत्रफल में टेंट से लेकर अन्य साज सज्जा ,साउंड सिस्टम से लेकर अन्य प्रकार की भारी भरकम तैयारी की जाती है,कुछ आगंतुकों को नाश्ता खाना तक प्रशासन उपलब्ध कराता है लेकिन सबसे हैरानी की बात है कि यह सभी काम अधिकारियों के सेटिंग से अपने चहेते चुनिंदा व्यापारी तक ही सीमित है। बड़े कार्यक्रम के लिए सबसे पहले टेंडर बुलाया जाना चाहिए जिससे कि पैसे की बचत हो लेकिन प्रशासन अपने मनमाफिक काम करने में मस्त है,कलेक्टर कोरिया एवं एसडीएम बैकुंठपुर के नेतृत्व में लगभग व्यवस्था की जा रही है। सवाल यह है कि आखिर प्रशासन बड़े कार्यों के लिए निविदा क्यों नही बुलाता।क्या इसमें भी अधिकारी कोई बड़ा खेल करते हैं या फिर चुनिंदा चहेते व्यापारियों को लाभ पहुंचाने के लिए उनके द्वारा जिले के अपनी मर्जी चलाई जा रही है। जिले में समय समय पर बड़े शासकीय आयोजन देखने को मिलते हैं लेकिन उन सभी में चहेते टेंट,साउंड एवं अन्य व्यवस्था के लिए वही पुराने व्यापारी दिखलाई देते हैं जिससे कि अन्य व्यापारी अपने आप को ठगा सा महसूस करते हैं। निविदा बुलाने से अन्य व्यापारियों को भी यह एहसाह होता की कार्यक्रम में पारदर्शिता है वहीं आम लोग भी मानते की कोई गड़बड़ी नहीं हो रही है लेकिन जिस तरह सबकुछ हो रहा है वह बड़ी गड़बड़ी की तरफ इशारा है।
नही जानते युवा आने वाले कलाकारों को
कोरिया जिले में 1 और 2 फरवरी को झुमका जल महोत्सव का आयोजन किया जा रहा है, जिसको लेकर प्रशासन तैयारियों को अंतिम रूप दे रहा है, महोत्सव के पहले दिन इंडियन आइडियल फेम नचिकेत लेले, सनमुख प्रिया और निहाल तावरे अपनी प्रस्तुति देंगे और 2 फरवरी को मीत ब्रदर्स कार्यक्रम पेश करेंगे, परंतु कलाकारों के चयन को लेकर लोगो का अपना मत है, आज का युवा कार्यक्रम देने आ रहे कलाकारों के बारे में क्या सोचता है घटती घटना ने कुछ युवाओं से आ रहे कलाकारों के बारे में राय ली, झुमका में घूमने आई निशा ने बताया कि वो मीत ब्रदर्स को नही जानती, इसी तरह आरती सिंह का कहना है कि वो इन कलाकारों को नही जानती। झुमका के पास रहने वाले आशीष राजवाडे का कहना है कि वो कुछ कलाकारों को जानते है पर यहां स्थानीय कलाकारों को बुलाना था बीते वर्ष छाीसगढ़ के अनुज शर्मा ने काफी सुर्खियां बटोरी थी, इसी तरह जिला प्रशासन के द्वारा लाये जा रहे कलाकारों को लेकर सवाल खड़े किए है। ऐसे में यह भी कहा जा रहा है कि कार्यक्रम जिला प्रशासन खुद के मनोरंजन के लिए करवा रहा है।
झुमका जल महोत्सव को लेकर सफाई का आया होश ?
झुमका जल महोत्सव के दो दिन पूर्व जिला प्रशासन को सफाई का होश आया है, गंदगी से पता झुमका को नगर पालिका के कर्मचारियों से ऊपर ऊपर सफाई करवाई जा रही है, परंतु इनके वेतन की सुध नही ली गई है बताया जा रहा है कि नगरीय निकाय के दैनिक वेतन भोगी और नियमित दोनो कर्मचारियों का वेतन बीते 3 माह से रुका हुआ है, स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने खुद के क्षेत्र चिरमिरी नगर निगम के कर्मचारियों का वेतन आहरण करवा दिया पर अन्य निकायों के कर्मचारियों की सुध लेने वाला कोई नही है।