- कम नहीं हो रहीं भूपेश बघेल की मुश्किलें,अब डीएमएफ और कस्टम मिलिंग घोटाले में एफआइआर दर्ज
- कोरबा जिले में डीएमएफ के पैसों का बड़े पैमाने पर बंदरबांट किया गया है…
- टेंडर्स में अफसरों को सीधे-सीधे 40 प्रतिशत रकम पहुंचाई गई है…
- भारी वित्तीय अनियमितता बरतकर शासन को नुकसान पहुंचाया गया है…
रायपुर,29 जनवरी 2024 (ए)। छत्तीसगढ़ की पूर्ववर्ती भूपेश बघेल सरकार के समय हुए घोटालों की जांच में तेजी आई है। केंद्रीय प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के आवेदन पर अब एंटी करप्शन ब्यूरो (एसीबी) ने मस्टम मिलिंग और डिस्टि्रक्ट मिनरल फंड (डीएमएफ) घोटाले में दो नई एफआइआर दर्ज की है। ईडी के प्रतिवेदन के आधार पर एसीबी- इकोनामिक आफेंस विंग (ईओडब्ल्यू) ने आइएएस रानू साहू समेत कई आइएएस-आइपीएस का दोनों मामलों में नाम दर्ज किया है।
एफआइआर में खनिज अधिकारियों, ठेकेदारों और कई कंपनियों के मालिकों के नाम भी शामिल किए गए हैं। इससे पहले कोयला और शराब घोटाले में कांग्रेस नेताओं, सरकारी अधिकारियों समेत 106 लोगों पर अपराध दर्ज किया गया था।
प्रतिवदेन के अनुसार पिछली कांग्रेस सरकार के दौरान कोरबा जिले में डीएमएफ के पैसों का बड़े पैमाने पर बंदरबांट किया गया है। इस अनियमितता में तत्कालीन कलेक्टर रानू साहू समेत अनेक विभागीय अफसर भी संलिप्त पाए गए हैं।
शिकायत के मुताबिक कई टेंडर्स में अफसरों को सीधे-सीधे 40 प्रतिशत रकम पहुंचाई गई है। इतना ही नहीं बल्कि एक निजी कंपनी को भी इन निविदाओं के लिए 15 से 20 प्रतिशत अलग-अलग दरों से कमीशन दिया गया है। इसी तरह प्रदेश के कई जिलों में डीएमएफ में भारी वित्तीय अनियमितता बरतकर शासन को नुकसान पहुंचाया गया है।
कस्टम मिलिंग में ऐसे चला खेल
प्रवर्तन निदेशालय रिपोर्ट पर यह पाया गया कि छत्तीगसढ़ में विभिन्न राईस मिलर्स के द्वारा नागरिक आपूर्ति निगम एवं एफसीआइ में जो कस्टम मिलिंग का चावल जमा किया जाता है। इस प्रकिया में व्यापक पैमाने पर भ्रष्टाचार कर प्रति मि्ंटल के हिसाब से अवैध राशि की वसूली की गई एवं अपने पद का दुरूपयोग करते हुए विभिन्न शासकीय अधिकारियों द्वारा राईस मिलर्स के साथ मिलीभगत कर लाभ प्राप्त कर शासन को आर्थिक क्षति कारित की गई।प्रीतिका पूजा को मनोज सोनी, प्रबंध संचालक मार्कफेड के जरिए रोशन चंद्राकर के द्वारा निर्देश था कि उन्हीं राईस मिलर्स के बिल का भुगतान किया जाना है जिनकी वसूली की राशि रोशन चंद्राकर को प्राप्त हुई है। किन राईस मिलर्स को भुगतान किया जाना है इसकी जानकारी संबंधित जिले के राईस मिलर्स एसोसिएशन के द्वारा मनोज सोनी के माध्यम से प्राप्त होती थी। पिछले दिनों आयकर विभाग के द्वारा की गई तलाशी की कार्रवाई से लगभग 1.06 करोड़ रुपये की नकद जब्त किए गए थे। लगभग 140 करोड़ रुपये की अवैध वसूली राईस मिलर्स से किया जाना पाया गया है।
कस्टम मिलिंग में इन पर मामला
राइस मिलर्स के द्वारा नागरिक आपूर्ति निगम एवं एफसीआइ में जो कस्टम मिलिंग का चावल जमा किया जाता है। उसमें व्यापक पैमाने में भ्रष्टाचार कर प्रति मि्ंटल के हिसाब से अवैध राशि की वसूली मार्कफेड के तत्कालीन प्रबंध संचालक मनोज सोनी एवं तत्कालीन डिस्ट्रीक्ट मार्केटिंग आफिसर प्रीतिका पूजा केरकेट्टा कोरबा के द्वारा लोकसेवक के रूप में पदस्थ होते हुए अपने-अपने पद का दुरूपयोग कर, छत्तीसगढ़ स्टेट राईस मिलर्स एसोसिएशन के प्रेसीडेंट कैलाश रूंगटा, वाइस प्रेसीडेंट पारसमल चोपडा एवं कोषाध्यक्ष रोशन चन्द्राकर के साथ आपराधिक षडयंत्र किया गया। सभी के खिलाफ अपराध दर्ज किया गया है।