- क्या सिविल सेवा आचरण नियम के तहत उचित है इस तरह एक राजनेता का गुणगान करना ?
- क्या श्यामबिहारी जायसवाल को अपने कब्जे में करने इस तरह का स्वांग रच रहे आशुतोष पाण्डेय?
- जिनकी कार्यशैली रही हो विवादित क्या वह इस तरह के ढोंग कर बचाएंगे स्वास्थ्य मंत्री और विभाग की लाज?
- पूर्व मंत्री प्रेमप्रकाश पाण्डेय का राजनैतिक कैरियर खत्म करने वाले अधिकारी श्यामबिहारी की टीम में हुए शामिल?
- पद और पैसे के घमंड में चूर आशुतोष पाण्डेय किसी से सीधे मुंह नही करते बात:सूत्र
- जहां हुई पोस्टिंग वहां किया विवाद…खुद को सुपर साबित करने में पीछे नही आशुतोष… यह हम नहीं उनके साथ काम करने वाले कहते हैं
- कई जगह जमीन के प्रकरण में जुड़ा है नाम…जहां-जहां पर प्रकरण है वहां-वह खुद बचने के लिए अन्य छोटे कर्मचारीयों को जेल भिजवाने में निभाई भूमिकाःसूत्र
- कोरिया में जमीन फर्जीवाड़े में भी है नाम,खुद के किए गए हस्ताक्षर से मुकरे…पर छोटे कर्मचारी जेल गए
- जेल से आने के बाद छोटे कर्मचारी ही इनके खिलाफ होंगे लामबंद…फर्जी मामले में माल कमाया और छोटे कर्मचारियों को झेलना पड़ा कार्यवाही का दंश
-रवि सिंह-
एमसीबी/कोरिया/रायपुर,29 जनवरी 2024 (घटती-घटना)। स्वास्थ्य मंत्री छत्तीसगढ़ शासन के विशेष सलाहकार राज्य प्रशासनिक सेवा के अधिकारी आशुतोष पाण्डेय जहां अपने अव्यवहारिक छवि के लिए प्रसिद्ध हैं वहीं वह सोशल मिडिया पर अपनी लेखनी के लिए भी प्रसिद्ध हैं। सोशल मीडिया पर उनके कई लेख आते रहते हैं वहीं अभी हाल ही में उन्होंने एक नया लेख लिखकर सोशल मिडिया पर पोस्ट किया है जिसमे उन्होंने “श्याम” नाम की महिमा का बखान किया है। उनकी लेखनी को पूरा पढ़ने के बाद पता चलेगा कि वह दो श्याम नाम के लिए यह लेख लिख गए हैं,उनके अनुसार उनके जीवन में अब तक दो श्याम आए जिनमे एक उनके वरिष्ठ अधिकारी भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी श्याम धावड़े हैं वहीं दूसरे छत्तीसगढ़ शासन के वर्तमान स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल जो मनेंद्रगढ़ विधानसभा से विधायक हैं और वर्तमान में जिनके ही आशुतोष पाण्डेय विशेष सलाहकार हैं। आशुतोष पाण्डेय के इस नए लेख मेरे जीवन के दो श्याम में उन्होंने प्रेम नाम का उल्लेख नहीं किया जो अब चर्चा का विषय बना हुआ है क्योंकि उनके लिए पहले प्रेम नाम के ही व्यक्ति ने ही बेहतर रास्ता बनाया था जिनके साथ ही वह पहले कार्यरत थे। यह प्रेम नाम पूर्व उच्च शिक्षा मंत्री प्रेम प्रकाश पाण्डेय का है 15 वर्षो की भाजपा सरकार में पूर्व मंत्री प्रेमप्रकाश पाण्डेय के एक कार्यकाल में विशेष सहायक बनकर काम करने वाले राज्य प्रशासन सेवा के बहुचर्चित अधिकारी आशुतोष पाण्डेय को स्वास्थ्य मंत्री श्यामबिहारी जायसवाल द्वारा अपना विशेष सहायक बनाया जाना अब चर्चा का विषय बन गया है एक विवादित अधिकारी को जिम्मेदार पद पर बैठाया जाना कहीं ना कहीं संदेहो को भी जन्म देता है,अपनी कार्यशैली और कई प्रकार के कारनामो में माहिर यह अधिकारी पूर्व में भाजपा सरकार में मंत्री रहे प्रेमप्रकाश पाण्डेय के विशेष सहायक के रूप में भी काम कर चुके हैं और उस दौरान उक्त मंत्री के विभाग में जिस प्रकार की अव्यवस्था देखने को मिली थी वह किसी से छुपी नही थी, हाल यह हो गया कि अब उक्त पूर्व मंत्री लगातार दो बार से चुनाव हारते आ रहे हैं उनका राजनैतिक भविष्य भी दांव पर लग गया है। ऐसे विवादित और अपनी कार्यशैली के कारण चर्चित अफसर का अपने सोशल मीडिया से सिविल सेवा आचरण नियमो के विपरीत जाकर मंत्री और पूर्व के अधिकारी के पक्ष में तारीफ करना भी अब चर्चा का विषय बन चुका है जानकारो का कहना है कि यह अफसर मंत्री को अपने भंवरजाल में फांसने के लिए ही इस तरह की हरकते कर रहा है जिससे कि वह सर्वे सर्वा बनकर पहले की तरह ही लंबा खेल खेल सके।
जहां हुई पोस्टिंग वहां किया विवाद
सूत्रों की माने तो आशुतोष पांडेय की कार्यशैली शुरू से ही विवादित किस्म की रही है जहां भी उनकी पोस्टिंग रही वहां खुद को सुपर साबित करने में भी वे पीछे नही रहे और विवादों से उनका गहरा संबंध है बैकुंठपुर एसडीएम रहते हुए भी उन्होने कई लोगो को जानबूझकर परेशान कर रखा था खुद भाजपा नेताओं को उनके द्वारा निशाने पर लेकर कार्यवाही की जा रही थी। कोरिया में पदस्थापना के दौरान शासकीय जमीनों में भी हेरफेर के मामले में उनका नाम दर्ज है, सूत्र बतलाते हैं कि कुछ समय पहले ही उन्होने कोरिया जिले में आकर जमीन से जुड़े एक प्रकरण पर अपनी गवाही दी है और खुद के हस्ताक्षर को गलत बतलाकर बचने की कोशिश की है। उसी मामले में पिछले दिनों कलेक्टर कार्यालय से एक लिपिक को गिरफ्तार भी किया गया था उस दौरान भी आक्रोशित कर्मचारियों ने कहा था जिस जमीन से जुड़े मामले में अधिकारी ने स्वयं हस्ताक्षर किया था वह झूठ बोलकर बच निकला और छोटे कर्मचारी की गिरफ्तारी की गई है। अन्य जगह पर पोस्टिंग में भी उनका नाम इसी प्रकार घोटाले में जुड़ा हुआ है। अपना पुराना संबंध बतलाते हुए भले ही स्वास्थ्य मंत्री श्यामबिहारी जायसवाल ने एक दागी अफसर को विशेष सहायक जैसे जिम्मेदार पद पद बैठा दिया है लेकिन ऐसे अफसर मंत्री और विभाग का भला कभी नही कर सकते ।
स्वास्थ्य मंत्री को करना चाहिए पुनर्विचार
राज्य प्रशासनिक सेवा के अधिकारी आशुतोष पाण्डेय को अपना विशेष सलाहकार बनाने के मामले में स्वास्थ्य मंत्री को पुनः विचार करना चाहिए। स्वास्थ्य मंत्री प्रदेश के एक युवा मंत्री हैं वहीं उनका राजनीतिक भविष्य भी काफी लंबा है ऐसे में ऐसे अधिकारी को जिसका पुराना कार्यकाल ही विवादित रहा हो को अपना सलाहकार बनाने को लेकर उन्हे पुनर्विचार करना चाहिए। श्याम बिहारी जायसवाल से प्रदेश सहित संभाग के लोगों को काफी उम्मीद है क्योंकि उनकी खासियत मिलनसार छवि की है और उनका मित्रवत व्यवहार ही उनकी राजनीतिक ऊंचाई का कारण है जो शायद आशुतोष पाण्डेय जैसे अधिकारियों की वजह से प्रभावित होगी।
सोशल मीडिया पोस्ट पर तारीफ, लिखा मेरे श्याम
राज्य प्रशासनिक सेवा के बहुचर्चित अफसर और वर्तमान में स्वास्थ्य मंत्री श्यामबिहारी जायसवाल के विशेष सहायक के रूप में कार्यरत आशुतोष पाण्डेय ने तीन दिन पूर्व अपने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट किया जिसके बाद यह पोस्ट राजधानी में अफसरो के बीच भी चर्चा का विषय बना हुआ है,पोस्ट में उन्होने जो लिखा है उसके अनुसार-मेरे श्याम, मेरे पहले श्याम, श्याम लाल धावड़े 2008 बैच के आईएस अधिकारी वर्तमान में कमिश्नर बस्तर हैं। जमीनी स्तर पर जाकर काम करते हैं, अवार्ड लेने की अंधी दौड़ और छद्य नवाचार से दूर श्याम सर बेसिक एडमिनिस्टेऊशन जिसमें स्वास्थ्य शिक्षा और रोजगार सम्मिलित है पर फोकस करते हैं। एनर्जेटिक फील्ड वर्क, सह्दयता, क्षेत्र की गहरी समझ और अधीनस्थों से प्रेमपूर्वक उनका हुनर पहचानकर काम निकाल लेने की कला सर को परफेक्शनीस्ट बनाती है,वर्तमान में सर नक्सल प्रभावित परिवारों को स्थायी नौकरी देने, रोजगारमूलक शिक्षा, देवगुडि़यों के संरक्षण और सामुदायिक वनाधिकारों के वितरण के जरिए बस्तर की मासूम आदिम फिजां में विश्वास और विकास का आक्सीजन का कार्य कर रहे हैं। एक आईएएस के बारे में तारीफ करना तो राज्य प्रशासनिक सेवा के अफसर आशुतोष पाण्डेय का समझ आता है लेकिन इसमें हास्याप्रद यह है कि वे यदि थोड़ा भी उनके नक्शे कदम पर होते तो शायद यह अफसर अपने कारनामो के कारण चर्चित और विवादित नही होते। इसके बाद आशुतोष पाण्डेय ने जो पोस्ट किया है उसके अनुसार अब बात हो जाए दूसरे श्याम की इन पंक्तियों के साथ लिखा गया है कि माननीय श्यामबिहारी जायसवाल जी स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री छग शासन। महल 47 साल की उम्र,दूसरा विधायक कार्यकाल,और मंत्री पद की शपथ। अभी तो शुरूआत है मंजिल पूरा आकाश है। (उक्त पंक्तियां भविष्य में दोहराई जाएंगी) रसायन से परास्नातक मेघावी छात्र रहे माननीय जायसवाल जी स्थानीय मुद्वो की गहरी समझ रखते हैं। किसान मोर्चा और प्रदेश कार्यसमिति में बहा पसीना, सहल सुलभ और अभिमान से कोसो दूर रहनें का अंदाज मंत्रीपद के रूप में परिणामित हुआ। बेहद सरल पर काम के मामले में सख्त, उत्साह से परिपूर्ण और अपनों के लिए समर्पित युवा मंत्री जी की कार्यशैली भी उनकी ही तरह अद्भूत है। उन्होने आगे लिखा है कि वो कहते हैं ना कि आपके सोचने से परे ईश्वर आपके लिए व्यवस्था निर्मित करने के उपक्रम में संलग्न रहता है। कमिश्नर श्याम सर ने कुछ दिनों पहले मुझे मेडिकल कॉलेज जगदलपुर और मेडिकल कॉलेज कांकेर का नोडल बनाया ताकि मैं बस्तर के जनस्वास्थ्य के बेसिक प्रबंधन पर अपना सर्वोच्च योगदान दूं।
पद और पैसे के घमंड में चूर विशेष सहायक सीधे मुंह नही करते किसी से बात
सूत्रों का कहना है कि स्वास्थ्य मंत्री श्यामबिहारी जायसवाल कई मामलों में चर्चित रहते हैं उनकी कार्यशैली से लेकर अन्य गतिविधयां भी चर्चा का विषय है,बतलाया जाता है कि यह एक ऐसे अफसर हैं जिन्हे पद और पैसे का बहुत ही ज्यादा घमंड है जिससे कि वे अपने मातहत कर्मचारियों एवं आमजन से सीधे मुंह बात तक नही करते। एक प्रमुख विभाग के मंत्री का स्टाफ बनकर वे आगे किस प्रकार काम करेंगे यह देखने वाली बात होगी।
मेरा मोबाईल स्क्रीन पर माननीय श्यामबिहारी जी नंबर फलैश कर रहा था,ऐसा भी लिखा आशुतोष पाण्डेय ने
काम शुरू किया ही था कि नये साल की शुरूआत का समय आया मैं अपने परिवार के साथ गोपालपुर में सूकून के निजी पल तलाश रहा था तभी मेरे जीवन मे एक अभूतपूर्व घटना हुई। मेरा मोबाईल स्क्रीन माननीय श्यामबिहारी जी नंबर फलैश कर रहा था, माननीय विधायक जी माननीय स्वास्थ्य मंत्री बन चुके थे उन्होनें मुझसे कहा आप अतिशीघ्र मिलिए मैं आपको अपना विशेष सहायक नियुक्त करना चाहता हूं। मुझे एक दशक पहले का समय याद आया जब मैं मनेंद्रगढ एसडीएम था और माननीय जनपद उपाध्यक्ष थे। बीच में कभी कभार मिलना हुआ सौजन्य बातचीत हुई लेकिन उनकी इस सदशयता और मुझे अपनी टीम में रखने के दृढ़ निश्चय ने मुझे विस्मृत किया और उनका फैन भी बना लिया। आगे उन्होने लिखा है कि ईश्वर ने मुझे दो श्याम से मिलाया, अब एक ही लक्ष्य है पहले श्याम से कर्तव्यनिष्ठा और सेवा की भावना जो बस्तर में सीखी है उसे दूसरे श्याम के लिए निछावर करूं और माननीय मंत्रीजी की भावना अनुरूप प्रदेश की स्वास्थ्य व्यवस्था को आसमान की ऊंचाईयों पर ले जाने में अपना बहुत छोटा ही सही किंतु वो सहयोग करूं जो गिलहरी ने राम सेतु बनाने के लिए प्रभु श्रीरामचंद्र का किया था।
इतनी तारिफ के मायने क्या?
इस चर्चित राज्य प्रशासनिक अधिकारी ने इससे पहले आईएएस श्याम धावड़े की तारीफ कभी नही की थी लेकिन मौका मिलते ही श्री धावड़े को आगे रखते हुए स्वास्थ्य मंत्री को साधने के लिए किया गया पोस्ट चर्चा का विषय बन गया है। विशेष सहायक आशुतोष पाण्डेय की कार्यशैली से परिचित लोग इस पोस्ट को लेकर भी बड़े खेल की बात कह रहे हैं। तो वहीं यदि सिविल सेवा आचरण नियम के तहत एक प्रशासनिक अधिकारी के द्वारा इस प्रकार का पोस्ट भी एकदम गलत है।
आखिर प्रेमप्रकाश पांडेय को क्यों भूले आशुतोष ?
पूर्ववर्ती भाजपा सरकार में मंत्री रहे प्रेमप्रकाश पाण्डेय लगातार दो बार से हार का सामना कर रहे हैं उसमें भी आशुतोष पाण्डेय जैसे सहायकों की भूमिका प्रमुख मानी जाती है। प्रेमप्रकाश पाण्डेय जब राजस्व और उच्च शिक्षा विभाग के मंत्री थे तब आशुतोष पाण्डेय उनके ओएसडी थे इस दौरान राजस्व अमले से लेकर उच्च शिक्षा विभाग के प्राध्यापक अपने स्थनांतरण आदि को लेकर आर्थिक रूप से काफी परेशान थे आशुतोष पाण्डेय के ओएसडी रहते प्रदेश में हजारों की संख्या में पटवारियों से लेकर राजस्व निरीक्षकों, नायब तहसीलदार, तहसीलदारों के स्थानांतरण हुए थे उसमें भारी आर्थिक लेनदेन की बात भी सामने आई थी। ओएसडी आशुतोष पाण्डेय की छवि स्वच्छ,सरल और ईमानदार अफसर के रूप में नही है उन्होने अपने सोशल मीडिया पोस्ट में आईएएस श्याम धावड़े और वर्तमान स्वास्थ्य मंत्री श्यामबिहारी जायसवाल की तारीफ की है लेकिन लंबे समय तक वे पूर्व मंत्री प्रेमप्रकाश पाण्डेय के साथ थे पर उनके बारे में एक भी लाईन नही लिखा जो कि अनेक संदेहो को जन्म देता है। बतलाया जाता है कि राजस्व मंत्री के ओएसडी रहते हुए उक्त अधिकारी द्वारा कई राजस्व कर्मचारियों को जानबूझकर परेशान भी किया जाता था यह उनकी कार्यशैली में शामिल है जिससे कि लोगो का कहना है कि अब स्वास्थ्य विभाग में भी कर्मचारियों को खासी परेशानी का सामना करना पड़ेगा।