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कोरिया-सरगुजा-रायपुर@छत्तीसगढ़ के कोल-शराब स्कैम से सरगुजा भी नहीं रहा पाया अछूता…एक पूर्व मंत्री व 3 पूर्व कांग्रेस विधायकों का नाम आया कोल-शराब स्कैम में सामने

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-रवि सिंह-
कोरिया-सरगुजा-रायपुर,28 जनवरी 2024 (घटती-घटना)। भरतपुर सोनहत विधानसभा क्षेत्र के पूर्व विधायक का भी नाम अब उन विधायकों में शामिल हो गया जो अब पाक साफ नहीं रह गए। पूर्व विधायक भरतपुर सोनहत गुलाब कमरों भी अब एक बड़े आरोप से घिर गए हैं जिसमे उनके ऊपर एफआईआर भी दर्ज हो गई है। छत्तीसगढ़ में शराब और कोयला घोटाले मामले में ईडी ने दो पूर्व मंत्रियों,विधायकों सहित 100 लोगों के खिलाफ नामजद एफआईआर दर्ज कराई है। इनमें कांग्रेस सरकार में आबकारी मंत्री रहे कवासी लखमा,खाद्य मंत्री रह चुके अमरजीत भगत, पूर्व विधायक यूडी मिंज, पूर्व विधायक गुलाब कमरो, शिशुपाल का नाम शामिल है। इनके अलावा 2 निलंबित आईएएस, रिटायर्ड आईएएस अफसर सहित कांग्रेस कोषाध्यक्ष रामगोपाल अग्रवाल सहित अन्य कई नेताओं के नाम भी एफ आई आर में शामिल है। कोयला घोटाले में 30 से अधिक नाम और शराब घोटाले में 70 नाम शामिल हैं। ये एफआईआर एसीबी में 17 जनवरी को कराई गई है। कांग्रेस शासनकाल में शराब और कोयले मामले में भारी घोटाला हुआ है यह बात उस समय विपक्ष में रही भाजपा का लगातार आरोप था वहीं इसको लेकर केंद्रीय जांच एजेंसियां लगातार कार्यवाही भी कर रही थीं और जांच भी जिसमे कई बड़े अधिकारी जेल जा चुके हैं वहीं कई बड़े नेताओं का नाम भी घोटाले में जुड़ चुका है और जिसको लेकर प्रथिमिकी भी दर्ज की जा चुकी है। अब पूर्व विधायक भरतपुर सोनहत का भी नाम एफआईआर में जुड़ गया है और जिसके बाद सबसे साफ छवि के विधायक माने जा रहे तत्कालीन सरकार के गुलाब कमरों भी जांच एजेंसियों के रडार पर हैं। गुलाब कमरों को ऐसा माना जाता था की वह बेदाग छवि के साथ पांच साल का अपना कार्यकाल पूर्ण करने वाले विधायक साबित होंगे लेकिन अब ऐसा लगता नहीं है।
कोल केस में अब तक क्या हुआ
ईडी ने अब तक कारोबारी सूर्यकांत तिवारी,पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के सचिवालय में काम करने वाली अधिकारी सौम्या चौरसिया,आईएएस समीर समेत 11 लोगों को गिरफ्तार किया है। 222 करोड़ की संपçा अटैच की गई है और इस पूरे मामले की जांच जारी है। प्रवर्तन ने मनी लॉन्डि्रंग के अलावा इस प्रदेश का बड़ा आर्थिक अपराध मानते हुए शिकायत प्रदेश की एसीबी से की थी।
एफ आई आर में नाम शामिल होने के बाद उनकी बेदाग छवि भी दागदार हो गई
मिंज का दोष सीएम के खिलाफ चुनाव लड़ना- वहीं पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने इसे षड्यंत्र बताया है। उन्होंने कहा कि,प्रदेश के नेताओं को फंसाने की साजिश है। उन्होंने कहा कि,यूडी मिंज का दोष सिर्फ सीएम के खिलाफ चुनाव लड़ने का है। सीएम को इतनी छोटी सोच का नहीं होना चाहिए। बदनाम हमें शुरू से किया जा रहा है। पूर्व मुख्यमंत्री अब खुलकर अपनी सरकार के कार्यकाल को पाक साफ बताने में लगे हुए हैं वहीं अपने पूर्व विधायकों को भी वह बचाने के प्रयास में लग गए हैं। वैसे कोयला साथ ही शराब घोटाला कोई ऐसा मामला नहीं है जिसकी जांच सत्ता परिवर्तन के बाद शुरू की गई हो,यह मामले कांग्रेस शासनकाल में ही सामने आने वाले मामले थे और जिसको लेकर केंद्रीय जांच एजेंसियां जांच कर भी रही थीं और जिसमे कई अधिकारी जेल भेजे जा चुके हैं वहीं कई मंत्रियों विधायकों का नाम आरोपियों के रूप में प्राथमिकी में शामिल है।
शराब घोटाले में था मंत्री और अफसरों का हिस्सा
शराब घोटाला मामले में आईएएस टुटेजा समेत 70 लोगों के खिलाफ धारा 120-बी-आईपीसी, 420,467 आईपीसी 468,471,12पीआरई में एफआईआर की गई है। ईडी ने शिकायत में कहा है कि, आरोपियों ने शराब के अवैध व्यापार से करोड़ों कमाए और मंत्रियों,अफसरों का इसमें हिस्सा था। यह पूरा खेल एक सिंडीकेट की तरह चल रहा था जिसमे सभी का हिस्सा तय था ऐसा माना जा रहा है। अब जब मामला उजागर हो रहा है वर्तमान में विपक्ष में बैठी कांग्रेस इसे राजनीतिक षडयंत्र बताने में लगी हुई है वहीं जांच एजेंसियों का दावा है की उनके पास पुख्ता सबूत है तब वह मामले में कार्यवाही कर रहे हैं।
अब तक 180 करोड़ की संपत्ती अटैच
सूत्रों की माने तो 22 मई 2023 को ईडी की ओर से जारी की गई आधिकारिक जानकारी में कहा गया कि,अनवर ढेबर,अरुणपति त्रिपाठी और अफसर अनिल टुटेजा से 121.87 करोड़ की 119 संपत्ती अटैच की गई। अब तक 180 करोड़ रुपए की संपत्ती अटैच की जा चुकी है। इसमें कैश, एफडी भी होल्ड किए गए हैं। 15 मई को ईडी ने कहा था, शराब घोटाले में जेल में बंद कारोबारी अनवर ढेबर से जुड़ी जांच रायपुर, भिलाई और मुंबई में की गई। जिसमें नवा रायपुर में 53 एकड़ भूमि मिली। इसकी कीमत करीब 21.60 करोड़ रुपए बताई गई। ये अनवर ढेबर द्वारा ज्वाइंट वेंचर के रूप में इस्तेमाल की गई थी। 20 लाख रुपए की नकदी और कई आपत्तीजनक दस्तावेज मुंबई में मिले थे। 1 करोड़ की बेहिसाब निवेश की जानकारी भी मिली। ये निवेश अरविंद सिंह और उनकी पत्नी पिंकी सिंह के साथ किए गए थे। ईडी ने त्रिलोक सिंह ढिल्लो की 27.5 करोड़ रुपए की फिक्स्ड डिपॉजिट फ्रीज कर दी थी। 28 करोड़ रुपए के आभूषण भी जब्त किए थे।
क्या है शराब स्कैम?
ईडी ने सबसे पहले मई के शुरुआती सप्ताह में अनवर ढेबर को अरेस्ट किया था। तब बताया था कि, साल 2019 से 2022 तक 2000 करोड़ का अवैध धन शराब से कमाया। इसे दुबई में अपने साथी विकास अग्रवाल के जरिए खपाया गया। ईडी की ओर से ऑन रिकॉर्ड बड़ी बात कही गई वो ये कि अनवर ने अपने साथ जुड़े लोगों को परसेंटेज के मुताबिक पैसे बांटे और बाकी की बड़ी रकम अपने पॉलिटिकल मास्टर्स (राजनीतिक संरक्षकों) को दी है। इसके बाद इस केस में आबकारी विभाग के अधिकारी एपी त्रिपाठी,कारोबारी त्रिलोक ढिल्लन,नितेश पुरोहित, अरविंद सिंह को भी पकड़ गया था। इस केस में फिलहाल अनवर ढेबर को मेडिकल ग्राउंड्स पर जमानत पर छोड़ा गया है।
कोड वर्ड में अफसरों के नाम की मिली डायरी
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक एसीबी ने जो एफआईआर कोल केस में दर्ज की है उसमें आरोपी सूर्यकांत तिवारी की एक डायरी का जिक्र है। इसमें कुछ पुलिस अफसरों का भी नाम सामने आया है। इसके बाद पुलिस अधिकारी अभिषेक माहेश्वरी, दीपांशु काबरा,भोजराम पटेल, जेपी मौर्य, कुंजाम साहब,पीयूष भाटिया नाम के लोगों की भी संलिप्तता की जांच को जरूरी बताया गया है। एफआईआर में लिखा गया है कि सूर्यकांत तिवारी खुद की लिखी डायरी में कोड वर्ड में इन लोगों के नाम और लेनदेन का हिसाब लिखता था आईएएस रानू साहू कोल मामले में रायपुर की जेल में बंद हैं। प्रवर्तन निदेशालय के मुताबिक,पूरा मामला जुलाई 2020 से जून 2022 के बीच का है। एफआईआर में दर्ज नेताओं, अफसरों के सिंडिकेट ने 540 करोड रुपए की अवैध लेवी वसूल की है। जिसमें लगभग 296 करोड़ की अवैध लेवी के बंटवारे की जांच ईडी कर रही है। बाकी बचे 244 करोड़ की लेवी की भी जांच होनी है।
समझें क्या है कोल और शराब स्कैम ?
ईडी की टीम छत्तीसगढ़ में कोल और शराब से जुड़े स्कैम मामले की जांच कर रही है। यह करीब 2500 करोड़ रुपए से ज्यादा है। इसमें कई आईएएस अफसरों पर शिकंजा कसा जा चुका है। इसके अलावा कई कारोबारी भी जेल में हैं। अब इसमें पूर्व मंत्री भी फंसते दिखाई दे रहे हैं। पूर्व विधायक भी नामजद हो रहे हैं, कोल स्कैम में जिस तरह नेताओं का नाम सामने आ रहा है उसको देखते हुए कहा जा सकता है की बड़े स्तर पर देश प्रदेश का खनिज संसाधन लूटा गया और अपनी जेब भरी गई। विकास का न्याय का दावा करने वाली कांग्रेस सरकार ने घोटालों का नया रिकार्ड बनाया यह कहना पूरी एफआईआर देखकर कहा जा सकता है।
क्या है कोल स्कैम?
ईडी ने छत्तीसगढ़ में जांच के बाद 540 करोड़ के कोल लेवी स्कैम का खुलासा किया था। इसमें आईएएस रानू साहू के अलावा आईएएस समीर विश्नोई, सौम्या चौरसिया, जेडी माइनिंग एसएस नाग और कारोबारी सूर्यकांत तिवारी को गिरफ्तार किया गया। इसके अलावा कांग्रेस नेता और कुछ कारोबारी भी ईडी के जांच के दायरे में रहे। इन लोगों से पूछताछ की गई है और इनके घरों से कुछ दस्तावेजों को भी जब्त किया गया । ईडी ने पिछले साल 540 करोड़ के अवैध कोल परिवहन का केस दर्ज किया है। कोल परिवहन में कोयला एजेंसियों से प्रति टन 25 रुपए कमीशन वसूलने का आरोप है। ये दूसली सिंडीकेट करता था,सिंडीकेट के लोगों के नाम पर ही एफआईआर हुई है।
कोल मामले में इन आरोपियों पर एफआईआर

  1. कवासी लखमा, विधायक और पूर्व आबकारी मंत्री
  2. देवेंद्र यादव,विधायक
  3. अमरजीत भगत,पूर्व खाद्य मंत्री
  4. बृहस्पत सिंह, पूर्व विधायक
  5. गुलाब कमरो,पूर्व विधायक
  6. शिशुपाल सोरी,पूर्व विधायक
  7. चंद्रदेव प्रसाद राय,पूर्व विधायक
  8. यूडी मिंज,पूर्व विधायक
  9. समीर विश्नोई,निलंबित आईएएस
  10. रानू साहू,निलंबित आईएएस
  11. सौम्या चौरसिया,पूर्व उप सचिव, सीएम कार्यालय
  12. संदीप कुमार नायक,सहा. खनि. अधिकारी
    13.शिवशंकर नाग,खनिज अधिकारी
    14.सूर्यकांत तिवारी,कोल कारोबारी
  13. मनीष उपाध्याय
  14. रौशन कुमार सिंह
  15. निखिल चंद्राकर
  16. राहुल सिंह
  17. पारिख कुरें
    20.मोइनुद्दीन कुरैशी
    21.वीरेंद्र जायसवाल
  18. रजनीकांत तिवारी
  19. हेमंत जायसवाल
  20. जोगिंदर सिंह
  21. नवनीत तिवारी
  22. दीपेश टांक
  23. देवेंद्र डडसेना
  24. राहुल मिश्रा
  25. रामगोपाल अग्रवाल,तत्कालीन कोषाध्यक्ष, कांग्रेस
  26. राम प्रताप सिंह,तत्कालीन प्रवक्ता कांग्रेस
  27. विनोद तिवारी,पीईपी
  28. इदरीश गांधी,पीईपी
  29. सुनील कुमार अग्रवाल
  30. जय,सूर्यकांत का साथी
  31. चंद्रप्रकाश जायसवाल
  32. लक्ष्मीकांत तिवारी

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