अंबिकापुर20 जनवरी 2024 (घटती-घटना)।पीरामल फाउंडेशन के अनामय कार्यक्रम के अन्तर्गत आदिवासी परम्परागत वैद्य को चिन्हित कर स्वास्थ्य सेवाओं में गुणवाा एवं रेफ़रल को मज़बूती प्रदान करने के लिए वैद्यों की क्षमता वर्धन के लिए कार्य किया जा रहा है। इसी क्रम में आज सरगुजा जिले की अंबिकापुर विकाशखण्ड से 22 चिन्हित वैद्य जो जड़ी बूटी से सामान्य बीमारी,हड्डी रोग, पीलिया, जोड़ों के दर्द के उपचार के लिए सेवाएँ प्रदान कर रहे है। उन वैद्य को अंबिकापुर वनबिभाग के सभाकक्ष में प्रमाणपत्र के लिए परीक्षा का आयोजन मलिटी काउंसिल ऑफ़ इंडिया नईदिल्ली के द्वारा चयनित पर्सनल सर्टिफि़केशन बॉडी सेंटर फॉर ट्रेड टेस्टिंग एंड सर्टिफि़केशन (ष्टभ्भ्ष्ट) के द्वारा किया गया।
यह परीक्षा मलिटी काउंसिल ऑफ़ इंडिया नईदिल्ली के मार्गदर्शन में ष्टभ्भ्ष्ट के द्वारा वैद्यों की मौखिक प्रश्नोारी एवम् वन औषधि पहचान, बीमारी एवं उपचार की प्रक्रिया, जड़ीबूटी का रखरखाव एवं संरक्षण के लिए प्रक्रिया को विस्तार से जाँच करता दल के विशेषयज्ञों के द्वारा लिया गया।
उक्त गतिबिधि में ष्टभ्भ्ष्ट के अयुर्वेदाचार्य एवं आयुष चिकित्सक के दल ने किया।
उक्त कार्यक्रम में पीरामल स्वास्थ्य से कार्यक्रम प्रबंधक दिग्विजय कुमार, एवं जि़ला सरगुजा में पीरामल स्वास्थ्य के जिला समन्वयक देवीप्रसाद पांडे, महेंद्र तिवारी, सरस्वती बिशवकर्मा, सुषमा अडामने, नीतेश, की सक्रिय सहभागिता से सम्पन्न हुआ।
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