कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने मणिपुर के थौबल से भारत जोड़ड़ो न्याय यात्रा की शुरुआत की
राहुल बोले- पीएम यहां आंसू पोछने नहीं आए…
सीएम बीरेन ने कहा-राहुल के आने से स्थिति बिगड़ती…
इंफाल,14 जनवरी 2024(ए)। कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने मणिपुर के थौबल से भारत जोड़ो न्याय यात्रा की शुरुआत की। यात्रा से पहले राहुल गांधी ने एक सभा को संबोधित करते हुए कहा-मणिपुर में भाई-बहन,माता-पिता आंखों के सामने मरे और आज तक हिंदुस्तान के प्रधानमंत्री मणिपुर में आपके आंसू पोछने,गले मिलने नहीं आए। ये शर्म की बात है।
उधर मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने राहुल की यात्रा को लेकर संदेह जताया। सीएम ने कहा, राज्य में मौजूदा स्थिति को देखते हुए, क्या यह रैली आयोजित करके राजनीति करने का समय है?
यह वास्तव में भारत तोड़ो यात्रा है, न कि भारत जोड़ो यात्रा है। हमें संदेह है कि राहुल ने इसमें गड़बड़ी की है। वे जब भी आते हैं तो दिक्कत हो जाती है। इस बार मणिपुर अलर्ट पर है।
राहुल के साथ अशोक गहलोत,सचिन पायलट,दिग्विजय सिंह,सलमान खुर्शीद, आनंद शर्मा और राजीव शुक्ला जैसे कई सीनियर नेता मणिपुर पहुंचे। भारत जोड़ो न्याय यात्रा 15 राज्यों के 110 जिलों को कवर करेगी। इसमें राहुल 6700 किमी का सफर तय करेंगे। यात्रा 20 मार्च को मुंबई में खत्म होगी।
राहुल के भाषण की दो अहम बातें…
ी चुनाव में ज्यादा समय नहीं बचा। इसलिए पैदल के साथ-साथ बस यात्रा का फैसला किया। सवाल उठा कि यात्रा कहां से शुरू करें, किसी ने कहा वेस्ट से करो, किसी ने ईस्ट बताया। मैंने साफ कहा- अगली भारत जोड़ो यात्रा सिर्फ मणिपुर से शुरू हो सकती है। मणिपुर में बीजेपी की नफरत की राजनीति है।
ी 2004 से मैं राजनीति में हूं,पहली बार मैं हिंदुस्तान के एक प्रदेश में गया। जहां गर्वनेंस का पूरा स्ट्रक्चर बिगड़ गया। 29 जून के बाद से मणिपुर बदल गया। कोने-कोने में नफरत फैली। लाखों लोगों को नुकसान हुआ। भाई-बहन माता-पिता आंखों के सामने मरे और आज तक हिंदुस्तान के प्रधानमंत्री मणिपुर में आपके आंसू पोछने, गले मिलने नहीं आए। ये शर्म की बात है।
मणिपुर में राहुल की न्याय यात्रा को लेकर सीएम एन बीरेन सिंह ने कहा, राज्य में मौजूदा स्थिति को देखते हुए,क्या यह रैली आयोजित करके राजनीति करने का समय है? यह वास्तव में भारत तोड़ो यात्रा है, न कि भारत जोड़ो यात्रा है। हमें संदेह है कि राहुल ने इसमें गड़बड़ी की है। वे जब भी आते हैं तो दिक्कत हो जाती है। इस बार मणिपुर अलर्ट पर है।
राहुल 6 हजार किमी से
ज्यादा का सफर करेंगे
20 मार्च को खत्म होने वाली यात्रा 15 राज्य और 110 जिलों के 337 विधानसभा सीटों को कवर करेगी। इस दौरान राहुल गांधी बस से और पैदल 6 हजार 713 किलोमीटर से ज्यादा का सफर करेंगे। यह मणिपुर से शुरू होकर नगालैंड, असम, मेघालय, पश्चिम बंगाल, बिहार, झारखंड, ओडिशा, छत्तीसगढ़, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, राजस्थान और गुजरात से होते हुए महाराष्ट्र में खत्म होगी।
जयराम रमेश बोले-
यह चुनावी यात्रा नहीं है…
कांग्रेस की न्याय यात्रा को लेकर पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने शनिवार 13 जनवरी को प्रेस कॉन्फ्रेंस की। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अमृतकाल के सुनहरे सपने दिखा रहे हैं, लेकिन हकीकत ये है कि पिछले 10 साल, अन्याय के काल रहे हैं।
उन्होंने आगे कहा कि पिछले 10 साल में सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक अन्याय हुआ है, उसी को ध्यान में रखते हुए भारत जोड़ो न्याय यात्रा निकाली जा रही है। कांग्रेस पार्टी के मन में क्या है, इस बारे में राहुल गांधी जनता के बीच जाकर बताएंगे। यह एक वैचारिक यात्रा है, चुनावी यात्रा नहीं है।
यात्रा की परमिशन पर पॉलिटिक्स
कांग्रेस की न्याय यात्रा शुरू होने से पहले ही परमिशन को लेकर चर्चा में रही। पार्टी इसकी शुरुआत मणिपुर की राजधानी इंफाल से करने वाली थी। इसके लिए उसने 2 जनवरी को राज्य सरकार से हप्ता कांगजेइबुंग मैदान से यात्रा शुरू करने की परमिशन मांगी थी।
कानून-व्यवस्था का हवाला देकर पहले इससे इनकार कर दिया गया। हालांकि, 10 जनवरी को कुछ शर्तों के साथ इसकी अनुमति मिली। सरकार ने कहा कि कार्यक्रम स्थल पर 1 हजार से ज्यादा लोगों को अनुमति नहीं दी जाएगी। इसके बाद कांग्रेस के मणिपुर अध्यक्ष कीशम मेघचंद्र ने कहा कि शर्तें हमारे लिए चिंताजनक थीं। इसके बाद हमने जगह बदलकर थौबल करने का फैसला लिया। थौबल प्रशासन ने कांग्रेस के सामने शर्त रखी कि यह कार्यक्रम 1 घंटे में खत्म हो जाना चाहिए और 3 हजार से ज्यादा की भीड़ न हो।
मणिपुर से यात्रा शुरू करके पूर्वोत्तर की 25 सीटें साधने की कोशिश
थौबल से यात्रा की शुरुआत पूर्वोत्तर राज्यों को ध्यान में रखते हुए की गई है। रणनीतिकार मानते हैं कि मणिपुर में हिंसा से लोगों का भाजपा से मोह भंग हुआ है। यही वजह है कि पूर्वोत्तर की 25 सीट के लिए राहुल गांधी 13 दिनों तक यहां रहेंगे।दरअसल, मणिपुर में 3 मई से कुकी और मैतेई समुदाय के बीच जारी हिंसा में अब तक 200 से ज्यादा मौतें हो चुकी हैं। वहीं, हजार से ज्यादा लोग घायल हुए हैं। 65 हजार से ज्यादा लोग बेघर हो चुके हैं।
यूपी में सबसे ज्यादा समय तक रहेगी न्याय यात्रा
भारत जोड़ो न्याय यात्रा एक दिन के लिए मणिपुर में रहेगी। इसके बाद यह नागालैंड में प्रवेश करेगी और दो दिनों में 257 किमी और 5 जिलों को कवर करेगी और आठ दिनों में असम में 833 किमी और 17 जिलों को कवर करेगी। इसके बाद यात्रा एक-एक दिन के लिए अरुणाचल प्रदेश और मेघालय जाएगी।रूट मैप के मुताबिक, यात्रा पश्चिम बंगाल में पांच दिनों तक चलेगी, जिसमें 523 किमी और सात जिले शामिल होंगे। बिहार में चार दिन तक 425 किमी और 7 जिलों को कवर किया जाएगा। इसके बाद झारखंड में यात्रा आठ दिन में 804 ्यरू और 13 जिलों को कवर करेगी।
ओडिशा में न्याय यात्रा चार दिन में 341 किमी और चार जिलों को कवर करेगी और छत्तीसगढ़ में पांच दिन में 536 किमी और सात जिलों को कवर करेगी। कांग्रेस की यह यात्रा उत्तर प्रदेश में सबसे ज्यादा 11 दिन का समय बिताएगी और 20 जिलों को कवर करेगी।
मध्य प्रदेश में यात्रा सात दिनों में 698 किमी और 9 जिलों को कवर करेगी। यह एक दिन में राजस्थान के 2 जिलों जाएगी। राहुल की यह यात्रा गुजरात और महाराष्ट्र में पांच-पांच दिनों तक चलेगी, जो क्रमशः 445 किमी और 479 किमी की दूरी तय करेगी। इसका समापन 20 या 21 मार्च को मुंबई में होगा।
कांग्रेस ने यात्रा के लिए लॉन्च किया गाना
12 जनवरी को कांग्रेस ने भारत जोड़ो न्याय यात्रा के लिए नया गाना लॉन्च किया। पार्टी ने सहो मत-डरो मत टैगलाइन के साथ इसे न्याय गीत का नाम दिया। इसमें प्रदर्शनकारी महिला पहलवानों, राहुल गांधी की कन्याकुमारी से कश्मीर तक की भारत जोड़ो पदयात्रा की कुछ झलकियां, कोरोना महामारी के दौरान मौतें और किसानों, मजदूरों के साथ कांग्रेस नेता की बातचीत को दिखाया गया है।
यूपी में यात्रा का फोकस अमेठी-वाराणसी में रहेगा
भारत जोड़ो न्याय यात्रा सबसे ज्यादा दिन यूपी में रहेगी। यह यात्रा 11 दिन में 20 से ज्यादा जिले कवर करके कुल 1074 किमी की दूरी तय करेगी। यूपी में सबसे ज्यादा 80 लोकसभा सीटें हैं, लेकिन साल 2019 लोकसभा चुनाव में कांग्रेस एक सीट पर सिमट गई थी। रायबरेली से केवल सोनिया गांधी को जीत मिली थी।इस चुनाव में कांग्रेस अपनी पैतृक सीट अमेठी भी हार गई थी। केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने राहुल गांधी को बड़े अंतर से हरा दिया था। ऐसे में कांग्रेस का फोकस लोकसभा की कई अहम सीटों पर रहेगा। इनमें वाराणसी, अमेठी, रायबरेली, लखनऊ और प्रयागराज शामिल हैं।