अंबिकापुर,14 जनवरी 2024 (घटती-घटना)। केन्द्रीय जेल में आजीवन कारावास की सजा काट रहे बंदी युवक की संदिग्ध परिस्थिति में मौत हो गई। शनिवार की शाम को अचानक जेल में तबियत बिगड़ ने पर जेल प्रशासन द्वारा इलाज के लिए मेडिकल कॉलेज अस्पताल लाया गया था। यहां जांच के दौरान चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया। वहीं मृतक के परिजन ने लाश देखने पर जेल के अंदर मारपीट करने का आरोप लगाया है। परिजन का कहना है कि मृतक के शरीर व सिर पर चोट के निशान है। उसे पूर्व से कोई बीमारी नहीं था। अचानक उसकी मौत कैसे हो सकती है।
सज्जन पोर्ते पिता परमा राम उम्र 32 वर्ष ग्राम सालही उदयपुर का रहने वाला था। वर्ष 2019 में 376 पॉस्को एक्ट व हत्या के मामले में केन्द्रीय जेल अंबिकापुर में बंद था। 26 फरवारी 2022 को उसे न्यायालय द्वारा आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी। तब से वह केन्द्रीय जेल अंबिकापुर में सजा काट रहा था। केन्द्रीय जेल प्रशासन का कहना है कि शनिवार की शाम करीब 5.30 बजे सज्जन की अचानक तबियत बिगड़ गई। जेल के स्टाफ की मदद से उसे इलाज के लिए मेडिकल कॉलेज अस्पताल लाया गया। यहां जांच के दौरान चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया। वहीं बंदी की मौत के बाद जेल प्रशासन द्वारा मामले की जानकारी उसके परिजन को दी गई। सूचना पर परिजन रविवार को मेडिकल कॉलेज अस्पताल पहुंचे। यहां उसके शव देखने के बाद परिजन ने गंभीर आरोप लगाया है। मृतक बंदी सज्जन के भाई गजेन्द्र सिंह पोर्ते ने आरोप लगाया है कि मृतक के शरीर व सिर पर चोट के निशान हैं। उसके साथ मारपीट की गई है। पूर्व में उसे कोई बीमारी नहीं थी। अचानक तबियत बिगड़ जाना और उसकी मौत हो जाना यह पूरी तरह संदिग्ध है।
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