अंबिकापुर,13 जनवरी 2024 (घटती-घटना)। मकर संक्रांति में तिलकुट और तिल का काफी महत्व होता है। मकर संक्रांति पर्व को लेकर बाजार में तिलकुट का बाजार सज गया है। लगभग दो दर्जन से अधिक जगहों पर तिलकुट बनाने का काम हो रहा है। प्रतिदिन लगभग 4 मि्ंटल के अधिक गुड़ और चीनी के तिलकुट बिक रहे हैं।
मकर संक्रांत पर चूरा-तिलकुट का विशेष महत्व रहता है। पूरा बाजार तिल और गुड़ की सोंधी खुशबू से चहक रहा है और दुकानों पर ग्राहकों की भीड़ उमड़ रही है। शुक्रवार को पर्व को लेकर दो दिन पहले से ही लोगों ने चूरा-तिलकुट, तिल की लड्डू की जमकर खरीदारी शुरू कर दी। मकर संक्रांति के त्योहार में खिचड़ी, तिल और गुड़ से बने पदार्थ व मिठाई खाने का प्रचलन है। अंबिकापुर में लगभग दो दर्जन से अधिक स्थानों पर तिलकुट बनाए जा रहे हैं। मकर संक्रांति का त्योहार नजदीक होने के कारण तिलकुट बनाने का काम दिन रात चल रहा है। व्यवसायी के अनुसार शहर में लगभग हर 4 से 5 मि्ंटल से अधिक गुड़ व चीनी से बने तिलकुट की खपत है। वहीं शहर के गुदरी बाजार, गुदरी चौक, देवी गंज रोड, घड़ी चौक सहित अन्य स्थानों पर लगभग दर्जनों तिलकुट की दुकानें सज चुकी है। हालांकि शहर में तिलकुट की मांग दो माह पूर्व से चल रही है। पर मकर संक्रांति का त्योहार नजदीक आते ही इसका डिमांट ज्यादा बढ़ गया है।
गुड़-तिल के सेवन से बढ़ती है प्रतिरोधक क्षमता
आयुर्वेद चिकित्सक डॉ. एसके सिंह के अनुसार इस मौसम में चलने वाली सर्द हवाएं कई बीमारियों का कारण बन सकती है। इसलिए खिचड़ी, तिल और गुड़ का सेवन करने से शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है। शहर व ग्रामीण क्षेत्रों के बाजारों में तिलकुट सहित चूड़ा-गुड़ एवं तिल के लड्डुओं की दुकानें सज गई हैं। इन दुकानों पर खरीदारों की भीड़ भी पहुंच रही हैं।
दान पुण्य करने की है मान्यता
इस वर्ष मकर संक्रांति दो दिन मनाया जा रहा है। ऐसे मान्यता के अनुसार 14 जनवारी को मकर संक्रांति का त्योहार मनाया जाता है। वहीं कुछ स्थानों पर 15 जनवारी को भी मनाया जाएगा। इस दिन धार्मिक परंपरा के अनुसार मकर संक्रांति के दिन श्रद्धालु स्नान कर दान पुण्य करते हैं।
क्या है बिक्री भाव
तिलकुट- 200- 300 किलो
चूड़ा- 50 – 60 किलो
गुड़ – 50- 80 किलो
दही- 80- 120 किलो
चूड़ा का लड्डू- 20 रूपए का 10 पीस
काला तिल का लड्डू- 200-300 किलो
बादाम लड्डू -300-400 रुपए किलो