कोरबा,11 जनवरी 2024 (घटती-घटना)। नवपदस्थ कलेक्टर के कोरबा जिले में पदस्थापना के 10 दिन के भीतर ही प्रशासनिक कार्यों में कसावट लाने से जो कुछ परिवर्तन देखने को मिल रहा है,वह आम जनता की ओर से प्रशंसनीय है। विगत कई सालों से शहर और जिले की सबसे बड़ी समस्या राखड़ परिवहन में नियमों का उल्लंघन बनी रही है। इस तरफ अनेकों बार खबरों के माध्यम से जिम्मेदार अधिकारियों का ध्यान आकर्षण भी कराया गया, लेकिन अपने दायित्वों के प्रति निष्कि्रय अधिकारी और मैदानी अमले की बदौलत राखड़ परिवहन करने और इस दौरान आमजन की परवाह न करने वाले तथा कहीं भी राखड़ को फेंक कर इंसानों और बेजुबानों के जीवन पर संकट उत्पन्न करने वालों पर कार्यवाही होती नजर नहीं आई। इस लाचारी का कारण क्या रहा यह तो अधिकारी ही समझें लेकिन अब जबकि नवपदस्थ कलेक्टर ने सख्ती बरती है तो अमला नींद से जगा है ,जिसके चलते नियमों को ताक पर रखकर धौंस जमाते हुए सड़कों पर भारी वाहनों को दौड़ने वाले वाहनों को धड़ाधड़ जांच पर जांच कर जुर्माना लगाया जा रहा है। परिवहन विभाग, पर्यावरण विभाग और उड़न दस्ता के द्वारा इस तरह की अनियमितताओं और उल्लंघन को एक वक्त जहां क्लीन चिट दी जाती थी वहीं अब वे कार्यवाही करने को मजबूर हो गए हैं। यह सब सिर्फ प्रशासनिक अधिकारी की कर्तव्य निष्ठा और चुस्त कार्यशैली का प्रमाण है। कलेक्टर अजीत बसंत के निर्देश पर आरटीओ शशिकांत कुर्रे ,एसडीएम कोरबा श्रीकांत वर्मा द्वारा राखड़ परिवहन करने वाले वाहनों पर सघन जांच जारी है। बिना तिरपाल ,बिना रिफ्लेक्टर ,बिना फिटनेस के संचालित राखड़ वाहनों पर कार्यवाही की गई। रात्रि में सड़क किनारे अवैध डंपिंग कर पर्यावरण को प्रदूषित करने वाले ऐसे वाहन चालकों पर नजर रखी जा रही है जो नियमों को ताक पर रख कर राखड़ परिवहन कर रहे हैं। उड़नदस्ता टीम द्वारा 32 गाडि़यों से 37000 रुपये की जुर्माना राशि वसूल की गई। इसके पहले दिन टीम द्वारा 12 राखड़ लोड गाडि़यों पर कार्रवाई 18000 रुपए शास्ति राशि वसूल की गई। जांच और कार्रवाई यह बताने के लिए काफी है कि नियमों का किस कदर उल्लंघन होता रहा है। यदि अपने कर्तव्य के प्रति निष्ठा दिखाई जाती तो इस तरह की नौबत शायद ही आती और ट्रांसपोर्टर भी नियमों से चलते। अब देखना यह है कि कलेक्टर की सख्ती का असर इन अधिकारियों पर कब तक रहता है साथ ही पूरे नियम कायदों का पालन कराते हुए वाहनों को सड़कों पर चलाने के लिए कब तक और किस हद तक सक्रिय रहेंगे?
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