- कुबेर कोल ट्रेडिंग का कोयला कटकोना से जाना था औरंगाबाद…पर कोयला पहुंच गया अवैध चिमनी भट्टे में,वह भी स्थानीय ईंट भट्ठे में।
- कुबेर कोल ट्रेडिंग को एसईसीएल में ब्लैक लिस्टेड करने की उठ रही मांग।
- 5:30 बजे कटकोना एसईसीएल से कोयला लेकर निकली गाड़ी और 20 किलोमीटर दूर खांडा के एक चिमनी भट्टे में हो गई खाली।
- क्या कुबेर कोल ट्रेडिंग ने खाड़ा स्थित ईंट भट्ठे के लिए ही लगाया था एसईसीएल में डीओ?
- जिसकी मशीन से कोयला लोड हुआ उसी के भट्ठे पहुंच गया कोयला।
- अंतरराज्यीय डीओ का कोयला राज्य तो दूर जिला भी नहीं बदला यहां तक की जिस क्षेत्र से उठा कोयला उसी एसईसीएल क्षेत्र में खाली हो गया।
बैकुण्ठपुर/पटना 08 जनवरी 2024 (घटती-घटना)। रोड सेल में डीओ होल्डर कंपनियां कर रही फर्जीवाड़ा ऐसा ही एक मामला सामने आया जहां पर अंतरराज्जीय डीओ होल्डर कंपनी कुबेर कोल ट्रेडिंग ने एसईसीएल बैकुंठपुर क्षेत्र के काटकोना कोयला खदान से रविवार को कोयला उठाया और जिस कोयले को छत्तीसगढ़ से बाहर बिहार के औरंगाबाद जाना था पर कोयला कटकोना खदान से महज 20 किलोमीटर दूर एक अवैध चिमनी भट्टे में खाली हो गया। डिओ होल्डर अन्य राज्य के लिए डीओ लगाते हैं डीओ मिलने के बाद अच्छे क्वालिटी का कोयला इस क्षेत्र में महंगे दामों पर गिरा कर चले जाते हैं और सस्ते क्वालिटी का कोयला इस गाड़ी में लोड करके दूसरे राज्यों में भेज देते हैं जिससे उन्हें काफी मुनाफा होता है। यह कोई पहला मामला नहीं है जैसा सूत्रों का ही कहना है लेकिन इस बार यह फर्जीवाड़ा सामने आ गया। खांडा के जिस ईंट भट्ठे में कोयला पहुंचा उसी ईंट भट्ठे के मालिक की गाड़ी ही कोयला गाड़ियों के लोड करने का काम कर रही है और वहीं से उनका आपस में सेटिंग हुआ जो बात समाने आ रही है। कोयला जाना था बिहार राज्य और पहुंच गया अन्य जगह वह भी 20 किलोमीटर के ही अंदर खाली कर दिया गया। जिस गाड़ी से फर्जी तरीके से कोयला ईंट भट्ठे में गिराया गया उसका नंबर सीजी 15 एसी 4438 इसकी जानकारी पुलिस को भी थी पर पुलिस को चकमा देने में दोनों कामयाब हो गए या कहे तो हो सकता है कि पुलिस भी इस मामले में उनके साथ ही संलिप्त हो?
डीओ अंतरराज्यीय था न की छत्तीसगढ़ राज्य का
कुबेर कोल ट्रेडिंग ने जो डीओ सेल बैकुंठपुर क्षेत्र से कोयला उठाने के लिए लिया था उसके अनुसार वह कोयला बिहार के औरंगाबाद जाना था यह कोयला ना तो वहां गया यहां तक की जिला भी नहीं बदला जिस खदान से कोयला उठा उस खदान से महज 20 किलोमीटर दूर एक अवैध इट भट्टे में खाली हो गया, जबकि उसी ईंट भट्ठे को कोयला लेने का अधिकार है जो वैध रूप से संचालित हो। सूत्रों का कहना है कि ईट भट्ठा संचालक व डीओ होल्डर के बीच साठ-गांठ थी जिस वजह से ईट भट्ठा संचालक ने अपनी मशीन भेज कर खदान में ट्रक को लोड कराया और लोड कर के अपने भट्ठा मंगवा लिया।
दुगना मुनाफा कमाने का है पूरा खेल,अच्छे और खराब कोयले के बीच है मुनाफा
यह पूरा खेल दुगना मुनाफा कमाने का खेल है। इस खेल में नुकसान उन्हे हो रहा है जिन्हे बेकार कोयला मिल रहा है जबकि कोयला अच्छा उनके नाम से एस ई सी एल से निकल रहा है। सूत्रों की माने तो डी ओ होल्डर दूसरे राज्य को भेजे जाने वाले कोयले को जो अच्छी क्वालिटी का होता है को स्थानीय ईंट भट्ठों को अच्छे दामों पर बेच देते हैं वहीं वह कम दाम में खराब क्वालिटी का कोयला खरीदकर बाहर राज्य को भेज देते हैं जहां का डी ओ अच्छी क्वालिटी का कोयले का होता है। देखा जाए तो जिन्हे जिन लोगों को अच्छा कोयला नियम से मिलना चाहिए वह खराब क्वालिटी का कोयला पा रहे हैं वहीं स्थानीय ईंट भट्ठे वाले अच्छा कोयला सेटिंग से पा जाते हैं। मुनाफा डीओ होल्डरों का दुगना हो जाता है क्योंकि वह अच्छे कोयले को एक तरफ स्थानीय स्तर पर बेचकर अच्छा मुनाफा पा जाते हैं वहीं वह खराब क्वालिटी का कोयला उसी अच्छे क्वालिटी के कोयले के दाम पर बेचकर अन्य राज्य में बढ़िया मुनाफा पा जाते हैं।
डीओ होल्डर कर रहे मनमानी और एसईसीएल सहित कोयला लेने वाले के आंखों में धूल झोंक रहे
जैसा की सूत्रों का कहना है की डी ओ होल्डर मनमानी पर उतारू हैं,वह एसईसीएल सहित कोयला लेने वालों की आंखों में धूल झोंक रहे हैं। कोयला जो अन्य राज्य के लिए एसईसीएल से निकल रहा है डीओ होल्डरों के माध्यम से वह जिन खदानों से निकल रहा है वहीं आसपास खाली कर दिया जा रहा है। कुल मिलाकर पूरे मामले में अकेले डी ओ होल्डर की ही मर्जी चल रही है ऐसा नहीं है इसमें मिलीभगत कई लोगों की है जो बताया जा रहा है और इस तरह अवैध कोयले का कारोबार फिर जोर पकड़ने लगा है।
पुलिस भी ले रही रोड सेल में अपना कमिशन
सूत्रों सहित कुछ रोड सेल डीओ होल्डर की ही बात माने तो डीओ होल्डरों से पुलिस भी अपना कमीशन ले रही है यह कमीशन प्रति टन के हिसाब से है और जो वह ले रही है। कमीशन नहीं देने पर डीओ होल्डरों को अपना वाहन कोयला लदा ट्रक खड़ा करना पड़ जाता है इसलिए वह भी कमीशन देकर ट्रक बाहर ले जा रहे हैं या स्थानीय स्तर पर ही सेटिंग से खाली कर दे रहे हैं।जब भट्ठा अवैध था तब फिर कैसे बेचा गया कोयला?
जिस ईंट भट्ठे में कोयला वह भी बिहार भेजे जाने वाला कोयला खाली हुआ वह ईंट भट्ठा बताया जा रहा है की अवैध है। अब सवाल यह उठता है की अवैध ईंट भट्ठे में अन्य राज्य के डी ओ वाला कोयला कैसे खाली हो गया। पूरा मामला जांच का विषय है और जांच होनी चाहिए जिससे दूध का दूध पानी का पानी हो सके।
क्या ऐसे डीओ होल्डर को ब्लैकलिस्टेड करेगी कंपनी?
जिस डी ओ होल्डर ने एस ई सी एल के अनुबंध को ताक पर रखकर अन्य राज्य भेजे जाने वाला कोयला स्थानीय ईंट भट्ठे को बेच दिया क्या उसे एस ई सी एल ब्लेक लिस्ट करेगी। वैसे नियम अनुसार कंपनी को ब्लैक लिस्ट की कार्यवाही करनी चाहिए। दोषी पाए जाने पर कार्यवाही करने पर ही आगे से कोयला डी ओ होल्डर ऐसी गलती करने की कोशिश नहीं करेंगे वरना वह लगातार ऐसा करके नियम तोड़ते रहेंगे और अवैध कारोबार को बल देंगे।