कोरिया,05 जनवरी 2024 (घटती-घटना)। भारतीय युवा कांग्रेस जिला महासचिव नागेश्वर यादव ने कहा है कि छत्तीसगढ़ में भाजपा की तथाकथित डबल इंजन की सरकार बनते ही हंसदेव अरण्य क्षेत्र में जंगल की कटाई अचानक तेज गति से शुरू हो गई है, आदिवासी मुख्यमंत्री और आदी वासी अधिकारों का ढोंग करने वाले भारतीय जनता पार्टी के नेताओं का असली चेहरा स्पष्ट तौर पर सामने आ चुका है। छत्तीसगढ़ में जब भारतीय जनता पार्टी विपक्ष में थी,तब यह पूर्ववर्ती सरकार पर तथ्यहीन आरोप लगाया करते थे,जबकि असलियत यह है कि भारतीय संविधान की सातवीं अनुसूची के तहत कॉल खनन विशुद्ध रूप से केंद्र सूची का विषय है,कॉल ब्लॉक आवंटन के लिए आवेदन की प्रक्रिया से लेकर अंतिम आदेश तक केंद्र की सरकार तय करती है,2014 से लेकर 2018 के बीच जब केंद्र और राज्य दोनों जगह बीजेपी की सरकार थी तब भी आदिवासियों के साथ सबसे ज्यादा अत्याचार हुए नंदराज पर्वत अदानी को बेचा गया जिसके लिए ग्राम सभा की तथा कथित की कूटचरित्र दस्तावेज तैयार कर फर्जी तरीके से दी गई थी केवल मोदी के मित्र के मुनाफे के लिए छत्तीसगढि़या स्वाभिमान,आत्म सम्मान और जन अधिकार को कुचलने का कुत्सित प्रयास निंदनीय है, विष्णु देव साय की भाजपा सरकार ने छत्तीसगढ़ को एक बार फिर कारपोरेट लूट का चारागाह बना दिया है। युवा कांग्रेस जिला महासचिव नागेश्वर यादव ने कहा है कि पूर्ववर्ती भूपेश सरकार ने हसदेव अरण्य के पांच कोल ब्लॉक आवंटन रद्द करने 26 जुलाई 2022 को विधानसभा से प्रस्ताव पारित कर केन्द्र को भेजा है, उसे पर मोदी सरकार आज तक क्यों मौन है,देश के इतिहास में पहली बार कमर्शियल माइनिंग मोदी सरकार में शुरू हुआ, कोल इंडिया लिमिटेड और एसईसीएल जैसे सार्वजनिक उपक्रमों नवरत्न कंपनियों के खदान अदानी को किसने हस्तांतरित किया? एसईसीएल जो कोयला उत्खनन की सबसे पुरानी और अनुभवी सरकारी कंपनी है, वह किसके दबाव में अब अदानी से खनन करवा रही है जब केंद्र में यूपीए की सरकार थी, और जयराम रमेश केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्री थे, तब देश के दर्जजनों क्षेत्र जो अति महत्वपूर्ण जैव विविधता संपन्न माने गए उन्हें सुरक्षित रखना नो गों एरिया घोषित किया गया था, उसमें छत्तीसगढ़ के हसदेव अरण्य और “तमोर पिंगला” का क्षेत्र भी था जहां से 10 किलोमीटर तक खनन गतिविधियां प्रतिबंधित की गई थी, उसे नो गो को एरिया को संकुचित करके हसदेव अरण्य तमोर पिंगला में खदानें मोदी सरकार ने शुरू की।
पर्यावरण स्वीकृति रद्द कर वन कटाई पर रोक लगाया था
नागेश्वर यादव ने कहा है कि कांग्रेस सरकार ने हसदेव में पर्यावरण स्वीकृति रद्द कर वन कटाई पर रोक लगाया था, विगत एक महीना के दौरान लाखों की संख्या में पेड़ काटे जा चुके हैं, यहां पर कटाई के लिए आदेश और पर्यावरण स्वीकृति केंद्र की मोदी सरकार ने दिया है,जबकि पूर्ववर्ती सरकार ने इसे निरस्त करने की कार्यवाही की थी 31 अक्टूबर 2022 को इस संदर्भ में छत्तीसगढ़ शासन के वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग के अपर सचिव ने भारत सरकार के वन महानिरीक्षक को पत्र लिखकर परसा ओपन कास्ट कोल माइंस जो उत्खनन पर प्रतिबंध लगाने तथा वन कटाई के प्रस्ताव को निरस्त करने कहा था, उक्त संदर्भ में विधानसभा से भी कांग्रेस की सरकार ने इस आशय का प्रस्ताव पारित कर केंद्र को भेजा है।जिसमें आज तक मोदी सरकार ने अंतिम आदेश नहीं दिया है,छत्तीसगढ़ की जनता ने भाजपा पर भरोसा कर डबल इंजन की सरकार बनाई है, भारतीय जनता पार्टी को सरगुजा संभाग की सभी सीटों पर निर्वाचित होने का अवसर मिला है, अब भाजपाई बताएं कि सेंट्रल इंडिया का फेफड़ा कहे जाने वाले हरदेव अरण्य क्षेत्र की कटाई को कब छत्तीसगढ़ की साय सरकार रोकेगी।
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