मनेन्द्रगढ़@मिलने आए तो बुके नहीं,बुक लेकर आएं रेणुका सिंह सरुता विधायक भरतपुर सोनहत

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सीएम और मंत्रियों के एक फूल देने की अपील के बाद विधायक ने सोशल मीडिया के माध्यम से की अपील

मनेन्द्रगढ़,04 जनवरी 2024 (घटती-घटना)। गुलदस्ते मत दीजिए,कुछ देर में मुरझा जाते हैं। स्वागत में कुछ देना ही है तो ऐसी किताबें दीजिए,जो बच्चे पढ़ सकें साथ ही जो छात्रहित में हों। यह अपील सोशल मीडिया के माध्यम से विधायक रेणुका सिंह ने की है। विनम्र अपील लिखते हुए विधायक रेणुका सिंह ने अपने सोशल मीडिया अकांउट में इस अपील की वजह भी बताई है। यह अपील इसलिए भी प्रासंगिक है क्योंकि प्रदेश के मुखिया विष्णुदेव साय व अन्य मंत्रियों ने कई बार गुलदस्तों की जगह सिर्फ एक फूल देकर स्वागत करने की अपील की और इस अपील का असर धीरे धीरे हो भी रहा है। स्वागत और मुलाकात में बुके देने की बजाय बुक देने की अपील का मकसद बताते हुए भरतपुर सोनहत विधानसभा क्षेत्र की विधायक व पूर्व केंद्रीय राज्यमंत्री रेणुका सिंह कहती है कि, जब भी लोग मिलने के लिए आते है, तो साथ में बुके (फूलों का गुलदस्ता) लेकर आते हैं लेकिन, उनके जाने के कुछ देर बाद ही ये मुरझा जाते है इसलिए मिलने के लिए आने वाले सभी लोगों से मेरा यह आग्रह है कि आप मुझसे अब जब भी मिलने आएं तो कृपया फूल या बुके लेकर न आएं। उसकी जगह विद्यार्थियों के लिए उपयोगी किताबें या स्टेशनरी (कॉपी-कलम आदि) दें तो ज्यादा अच्छा होगा।
आइए, हम साथ मिलकर ज्ञान का प्रकाश फैलाएं
विधायक रेणुका सिंह का कहना है कि मेरा विधानसभा क्षेत्र भरतपुर सोनहत क्षेत्रफल के लिहाज से प्रदेश का सबसे बड़ा विधानसभा क्षेत्र है। यहां शिक्षा का स्तर बढाने की जरूरत है। जो बच्चे किताब कॉपी या संसाधनों की कमी की वजह से पढाई नहीं कर पाते हैं उनके लिए यह सहयोग है जो आपको हमको और हम सबको करना चाहिए ताकि किसी की पढाई संसाधन के अभाव में अधूरी न रह जाए। रेणुका सिंह ने इसे सफल बनाने के लिए आम जनमानस से अपील की है। उन्होंने कहा है कि, आइए, हम साथ मिलकर ज्ञान का प्रकाश फैलाएं।
किताबें कापियों का वितरण क्षेत्र के विद्यार्थियों को किया जायेगा यह है अभियान का उद्देश्य
भरतपुर सोनहत विधानसभा की विधायक रेणुका सिंह ने बताया की उन्हे भेंट मुलाकात के दौरान मिलने वाली कापी किताबें वह क्षेत्र के विद्यार्थियों के बीच बांटेगी जिससे उन्हे पढ़ाई में सहयोग किया जा सके। वैसे यह प्रयास और यह अपील है बहुत सार्थक क्योंकि यदि ऐसा हुआ तो जनप्रतिनिधियों के माध्यम से ही ऐसे विद्यार्थियों को कापी किताबें मिल सकेंगी जिसे वह खरीद नहीं पा रहे हैं। छत्तीसगढ़ प्रदेश में पांच साल बाद सत्ता में पुनः वापसी कर सकी भाजपा के नव निर्वाचित मुख्यमंत्री गुलदस्ते की बजाए जहां फूल की अपील कर रहे हैं वहीं भरतपुर सोनहत विधायक कापी किताबों के साथ भेंट मुलाकात करने के लिए कह रही हैं। कुल मिलाकर नई सरकार और उसके संचालनकर्ता अलग ही उदाहरण प्रस्तुत कर अब प्रदेश की जनता के बीच अलग छाप छोड़ना चाहते हैं।
फूल गुलदस्ते बनाने वाले सहित फूलों की खेती करने वालों के लिए अच्छी नहीं यह खबर
प्रदेश के मुख्यमंत्री साथ ही विधायक जहां अब फूल गुलदस्ते की जगह एक फूल और कापी किताब लेकर आने के लिए मिलने वालों से कह रहे हैं वहीं यह खबर उनके लिए अच्छी नहीं है जो फूलों की खेती करते हैं या इस व्यवसाय से जुड़े हुए हैं,क्योंकि फूलों का उपयोग राजनीतिक क्षेत्र में ही ज्यादा है खासकर जब शादी विवाह का सीजन नहीं होता तब नेताओं को दिए जाने वाले फूल गुलदस्ते के ही बहाने उनका रोजगार संचालित होता है जो प्रभावित होगा। फूल उगाने वाले किसान साथ ही इसका व्यवसाय करने वाले निराश होंगे यह तय है।


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