- झुमका को पर्यटन क्षेत्र में बदलने का देखा रहे सपना पर क्षेत्र के आसपास लगा गंदगी का अंबार।
- मुख्यमंत्री से लेकर कई मंत्रियों ने यहां का दौरा किया जब-जब नेताओं का दौरा हुआ तब तब प्रशासन ने इसे चमकाया।
- नेताओं के जाते ही झुमका का हो जाता है हाल बेहाल,सुध लेने की भी फुर्सत में नही रहता प्रशासन को।
- प्रशासन रॉयल्टी वसूलने में व्यस्त व्यवस्था से नहीं है कोई सरोकार।
- झुमका पिकनिक स्थल नहीं फिर भी लोग पिकनिक के बहाने जाकर गंदगी फैलाए जा रहे हैं लेकिन प्रशासन का ध्यान इस ओर बिल्कुल नहीं।
- सैलानियों की आ रही भीड़ गंदगी देख सैलानी भी व्यवस्था पर उठा रहे सवाल।
-रवि सिंह-
बैकुण्ठपुर 03 जनवरी 2024 (घटती-घटना)। कोरिया जिले के लिए बहुत बड़ी उपलब्धि मानी जाती है झुमका वोट क्लब, कैंटीन,पार्किंग एवं फिश एक्वेरियम झुमका को पर्यटन स्थल बनाने के लिए प्रशासन से लेकर सरकार ने खूब प्रयास किया जमकर पैसे भी खर्च हुए पर यह पैसे तब खर्च होते हैं जब मुख्यमंत्री को यहां बुलाकर सब कुछ अच्छा दिखाना होता है उनके जाने के बाद स्थिति तो ऐसी हो जाती है कि वहां पर लोग जाने से भी कतराने लगते हैं क्षेत्र गंदगियों में तब्दील हो जाता है सफाई की व्यवस्था नहीं होती है सिर्फ प्रशासन वोट क्लब, कैंटीन, मछली एक्वेरियम व पार्किंग से पैसा वसूल रहा है पर सुविधा शून्य है। चमचमाता हुआ झुमका पर्यटन स्थल इस समय अपनी पहचान गंदगियों के मामले में बता रहा है, आई लव कोरिया वाला बोर्ड भी टूट कर कहीं चला गया सिर्फ अब उसका फ्रेम ही बचा है।
बता दें की झुमका का बांध क्षेत्र बैकुंठपुर सहित कोरिया जिले में पर्यटन क्षेत्र के रूप में प्रशासन द्वारा विकसित किया जा रहा था इस हेतु करोड़ों खर्च भी किया जाता रहा समय समय पर यहां वोटिंग की सुविधा फिश एक्वेरियम सहित सैलानियों के लिए खाने पीने की उत्तम व्यवस्था के लिए कई ऐसे संस्थान स्थापित किए गए जो सैलानियों को आकर्षित करें और उन्हे जरूरत की हर चीज वहीं उपलब्ध हो सके। समय समय पर प्रशासन ने खर्च किया जरूर लेकिन प्रशासन ने यह ध्यान नहीं दिया की झुमका क्षेत्र की साफ सफाई कैसे होगी वह भी नियमित। नियमित साफ सफाई को लेकर प्रशासन का कोई ध्यान नहीं है न ही उन्हे इससे सरोकार है जो यहां की व्यवस्था देख रहे हैं। साफ सफाई के अभाव में झुमका क्षेत्र में सैलानियों को निराश देखा जा रहा है और यह भी कहते सुना जा रहा है की साफ सफाई होनी जरूरी है। यहां गंदगी का अंबार लग रहा है क्योंकि यहां लोग पिकनिक मनाने पहुंच रहे हैं और खाना बनाकर आग जलाकर और खाना खाने के बाद वह उपयोग की गई कागज प्लेटें और अन्य अनुपयोगी सामग्री वहीं छोड़ जा रहे हैं जिसके कारण गंदगी फैल रही है। झुमका क्षेत्र में पिकनिक मनाने की उस जगह अनुमति शायद नहीं है या होनी भी नहीं चाहिए जहां प्रशासन से किराए पर रॉयल्टी पर लोग दुकान लेकर अपना व्यवसाय चला रहे हैं जो खाने पीने की चीजों के ही दुकान है जो पिकनिक मनाने जाने वालों के कारण प्रभावित हो रहे हैं । जब दुकानदार तय रॉयल्टी प्रशासन को प्रदान कर रहे हैं तो उन्हे उनका व्यवसाय करने की अनुमति भी वैसी ही मिलनी चाहिए जिन शर्तो पर उन्हे अनुमति मिली है जो नही मिल पा रही है। अब प्रशासन झुमका क्षेत्र को या तो पर्यटन क्षेत्र ही बने रहने दे वहां साफ सफाई का भी ध्यान रखे या फिर उसे निशुल्क पिकनिक क्षेत्र घोषित कर दे जिससे जाने वालों को न तो किसी कर प्रदाय करने की जरूरत हो न उन्हे गंदगी से ही कष्ट हो।
सफाई की नहीं है व्यवस्था
झुमका क्षेत्र जो वोटिंग सहित फिश एक्वेरियम के रूप में विकसित है जहां जाकर सैलानी वोटिंग का आनंद लेते हैं साथ ही वह अन्य जगह जैसे फिश एक्वेरियम में परिवार सहित तरह तरह की मछलियों को देखकर प्रसन्न होते हैं तस्वीरें खिंचवाते हैं उस जगह और क्षेत्र में गंदगी का अंबार है वहीं इसकी साफ सफाई कैसे हो कौन करे इसकी कोई व्यवस्था नहीं है,वाहन सहित कई तरह का शुक्ल जबकि सैलानी चुकाते हैं फिर भी उन्हे सुविधा के नाम पर गंदगी के बीच समय बिताना पड़ता है।
सुरक्षा भी भगवान भरोसे
झुमका क्षेत्र में सुरक्षा भी भगवान भरोसे है। इस क्षेत्र में छुट्टियों के दिन लोगों का हुजूम जुटता है लेकिन यहां कोई सुरक्षा व्यवस्था प्रशासन की तरफ से नहीं होती।
पिकनिक पर प्रतिबंध नहीं गंदगी की वजह बन चुका है पिकनिक मनाना
झुमका का क्षेत्र वोटिंग सहित अन्य सैलानी सुविधाओं के लिए विकसित किया गया था लेकिन यहां अब लोग पिकनिक मनाने पहुंचने लगे हैं और जिसके कारण क्षेत्र में गंदगी का अंबार लग जा रहा है जिस ओर प्रशासन का कोई ध्यान नहीं है वहीं शासन को शुक्ल सहित रॉयल्टी चुकाकर जो लोग यहां व्यवसाय करने आए हैं उन्हे भी इसकी वजह से नुकसान ही हो रहा है।