अंबिकापुर,31 दिसम्बर 2023 (घटती-घटना)। लुण्ड्रा वन परिक्षेत्र में पिछले एक सप्ताह से विचरण कर रहे 27 हाथियों का दल जिला मुख्यालय अंबिकापुर से लगे लालमाटी के जंगल में पहुंच गया है। लालमाटी व अंबिकापुर शहर की दूरी मात्र 10-12 किमी है। शहर के नजदीक हाथियों के पहुंच जाने से शहर व आस पास के ग्रामीणों के बीच दहशत का माहौल है। शहर के नजदीक बड़ी संख्या में हाथियों के आ जाने से वन और पुलिस विभाग द्वारा लोगों को सतर्क किया जा रहा है। वहीं अब तक हाथियों ने किसी पर हमला नहीं किया है। केवल रास्ते में फसल व कुछ ग्रामीणों का घर को क्षतिग्रस्त कर दिया है। हाथी शहर की ओर न प्रवेश करें इसे लेकर भी कवायदें तेज हो गई है।
27 हाथियों का दल एक सप्ताह पूर्व धौरपुर वन परिक्षेत्र में प्रवेश किया था। धौरपुर के डडग़ांव जंगल में कई दिनों तक रहने के बाद हाथियों का यह दल शुक्रवार की सुबह से ही चेन्द्रा रनघाघ पहुंचा था। शाम को हाथियों का यह दल बांकी डेम के नजदीक पहुंच गया था। इसके बाद यह दल ग्राम बांसा की ओर चला गया था। बांसा की ओर से हाथी निकल रहे थे कि वहां के ग्रामीणों ने हाथियों का रास्ता रोक दिया और उन्हें दूसरी ओर खदेडऩे लगे। इससे नाराज हाथियों का दल वापस ग्राम बांसा आ गया और ग्राम में 4-5 ग्रामीणों के घर को तोड़ दिया। हाथियों के दल ने अब तक लुन्ड्रा वन परिक्षेत्र में कई एकड़ फसलों को भी नुकसान पहुंचाने के बाद शनिवार की दूर रात अंबिकापुर से लगे रायगढ़ मार्ग पर स्थित लालमाटी में पहुंच गया है। बड़ी संख्या में हाथियों के शहर के समीप पहुंचने से लोगों में दहशत है। अंबिकापुर रेंजर निखिल पैकरा ने बताया कि 27 हाथियों का दल रविवार की अहले सुबह गंझाडांड़ होते हुए लालमाटी स्थित बधुयांचुआ जंगल में पहुंच गए हैं। हाथियों ने अब तक किसी को कोई नुकसान नहीं पहुंचाया है। दोपहर में हाथियों ने ग्राम बोदार के जंगल में बैठे रहे। शहर के नजदीक बड़ी संख्या में जंगली हाथियों के आ जाने से वन और पुलिस विभाग द्वारा लोगों को सतर्क भी किया जा रहा है। वहीं अंबिकापुर व लुण्ड्रा वन परिक्षत्र के अमला निगरानी बनाए हुए है।
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