बैकुण्ठपुर@क्या भाजपा सरकार में सुधरेगी कोरिया के जिला अस्पताल की व्यवस्था और मिलेगा लोगों को बेहतर इलाज?

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  • जांच उपकरण तो मौजूद पर मिलता नहीं लोगों को इसका लाभ।
  • कोरिया का ऐसा जिला अस्पताल जहां साल भर होते हैं रक्तदान फिर भी नहीं होता ब्लड बैंक में रक्त…क्या हो रही कालाबाजारी?
  • जिला अस्पताल में भी ऑपरेशन का खर्च मरीजों को उठाना पड़ता है लंबा चौड़ा…नहीं तो मरीज रेफर।
  • जिला अस्पताल बैकुंठपुर में ऑपरेशन का खर्च गरीब को मरीजों को स्वम उठाना पड़ रहा।
  • जिला अस्पताल के ब्लड बैंक में खून नहींमरीज परेशान।  

-रवि सिंह-
बैकुण्ठपुर 30 दिसम्बर 2023 (घटती-घटना)।  कोरिया जिले का जिला अस्पताल पिछले शासनकाल में काफी सुर्खियों में रहा और खासकर भ्रष्टाचार व उपकरण खरीदियों को लेकर, ऐसी-ऐसी खरीदी की गई वह भी नियमों को दरकिनार कर के, शिकायतें भी हुई पर जांच कि आंच दूर-दूर तक नहीं आई, जिला अस्पताल सिर्फ राजनीतिक अड्डा बन गया था और अधिकारियों के लिए भ्रष्टाचार करने का मैदान, खूब भ्रष्टाचार हुए जांच की मांग भी हुई पर हुआ कुछ नहीं अब जब सत्ता परिवर्तन हो गया है और वर्तमान में भाजपा सरकार है अब ऐसे में उम्मीद लगाई जा रही है कि शायद कोरिया जिले का जिला अस्पताल बेहतर हो सके और लोगों को बेहतर सुविधाओं के साथ मुफ्त में इलाज मिल सके, इसी उम्मीद के तहत लोगों ने भाजपा के पक्ष में बंपर वोट दिए जिसका नतीजा है कि आज सत्ता परिवर्तन के बाद भाजपा की सरकार व विधयाक है  और लोगों के लिए बेहतर करने का समय पर कितना बेहतर होता है यह तो समय की बात है।
मरीज बिना ऑपरेशन करवाए वापस लौट रहे हैं
जिला अस्पताल बैकुंठपुर में मरीजों को ऑपरेशन का खर्च उठाना पड़ रहा है। कई मरीज बिना ऑपरेशन करवाए वापस लौट रहे हैं, तो वहीं कुछ ऑपरेशन के लिए प्राइवेट एनेस्थीसिया व सर्जन डॉक्टर के फीस का खर्च देने को मजबूर हैं। छोटे ऑपेरशन में मनेंद्रगढ़ से एनेस्थीसिया डॉक्टर को बुलाया जा रहा है जिनकी फीस 3 हजार रुपए है।  अस्पताल में एनेस्थीसिया व सर्जन डॉक्टर नहीं होने से खर्च मरीजों की जेब पर भारी पड़ रहा है। जिला अस्पताल में डॉक्टरों की कमी के बावजूद हर महीने 20 से अधिक ऑपरेशन हो रहे हैं। नवंबर महीने में 23 मेजर ऑपरेशन हुए हैं जबकि 16 सिजेरियन डिलीवरी हुई है। अस्पताल में सर्जरी के लिए डॉक्टर नहीं हैं जबकि कोरिया, एमसीबी जिले में एनेस्थीसिया स्पेशलिस्ट भी एक ही डॉ मरावी हैं जिन्हें मरीज के खर्च पर बुलाया जाता है। जिस कारण ऑपरेशन थिएटर में वेटिंग में बड़ी संख्या में मरीज रहते हैं। कई बार सर्जन नहीं मिलते तो कई बार एनेस्थीसिया स्पेशलिस्ट नहीं रहते हैं। अक्सर गर्भवती महिलाओं के ऑपरेशन के समय एनेस्थीसिया स्पेशलिस्ट नहीं होने के कारण मनेंद्रगढ़ से स्पेशलिस्ट बुलाने पड़ते हैं। वहीं कई मरीज अस्पताल में व्यवस्था नहीं होने के कारण प्राइवेट अस्पताल या अंबिकापुर, बिलासपुर, रायपुर में ऑपरेशन करवाने को मजबूर हैं।
एनेस्थीसिया डॉक्टर की कमी ऑपरेशन की बनी परेशानी
सीएमएचओ डॉ आर एस सेंगर ने कहा अस्पताल में एनेस्थीसिया डॉक्टर की कमी लंबे समय से बनी हुई है। शासन को पत्र लिखकर कई बार निवेदन किए हैं फिर भी एनेस्थीसिया डॉक्टर की नियुक्ति नहीं हो पा रही है। वर्तमान में अस्पताल में सर्जन डॉक्टर भी नहीं है। दिन के वक्त मनेन्द्रगढ़ से एनेस्थीसिया डॉक्टर को बुलाया जाता है लेकिन रात में या इमरजेंसी के दौरान मरीज को अम्बिकापुर या रायपुर रेफर करना पड़ता है।
जिला अस्पताल में 300 क्षमता वाले ब्लड बैंक में खून नहीं
जिला अस्पताल में 300 क्षमता वाले ब्लड बैंक में खून नहीं है। स्थिति यह है कि 300 यूनिट क्षमता वाले ब्लड बैंक में सिर्फ एक ही यूनिट ब्लड बचा है। समाज सेवियों, युवाओं द्वारा रक्तदान न किए जाने से ब्लड बैंक की यह हालत हो गई है। अस्पताल स्टाफ बता रहे हैं कि कोविड तक स्थिति सामान्य थी, लेकिन कोविड के बाद अस्पताल में ब्लड बैंक सिर्फ नाम का रह गया है। ब्लड नहीं मिलने से मरीज परेशान हो रहे हैं। दूसरे ब्लड ग्रुप के डोनर को लेकर पहुंचने वालों को भी मरीज के ग्रुप का ब्लड नहीं मिल रहा है।  आपको बता दें कि जिला अस्पताल बैकुंठपुर में रोज करीब 10 यूनिट ब्लड की जरूरत होती है। ब्लड बैंक में ब्लड नहीं होने से सड़क हादसों में गंभीर रूप से घायल, सर्जिकल डिलीवरी, ऑपरेशन और रक्त की कमी वाले रोगियों के लिए खतरा पैदा हो गया है। इमरजेंसी में मुश्किलें और बढ़ गई है। डॉक्टरों के अनुसार जिला अस्पताल के ब्लड बैंक में खून की खपत के हिसाब माहभर में करीब 450 यूनिट खून की जरूरत है लेकिन लोग रक्तदान करने नहीं पहुंच रहे हैं। शिविर के दौरान कुछ दिन ही ब्लड बैंक में 30 से 40 यूनिट का स्टॉक रह पाता है।
मरीजों को अंबिकापुर या बिलासपुर रेफर कर रहे
ब्लड बैंक में खून की कमी से सड़क हादसों में गंभीर, सिकलिंग, डिलीवरी के लिए पहुंचनी वाली प्रसूताओं को खून नहीं मिल पा रहा है। इस कारण मरीजों के ऑपरेशन में मुश्किल आ रही है और उन्हें मजबूरन अंबिकापुर या बिलासपुर रेफर किया जा रहा है। लोगों को जागरूक  उद्देश्य से जिला प्रशासन व स्वास्थ्य विभाग भी सक्रिय नजर नहीं आ रहा है।
3 सौ लोग रक्तदान करें तो निशुल्क ब्लड दे सकेंगे
ब्लड बैंक के प्रभारी ने बताया कि यदि जिले के 300 लोग हर महीने में रक्तदान करते हैं तो ब्लड बैंक से लोगों को बिना ब्लड लिए निशुल्क ब्लड उपलब्ध कराया जा सकता है। एक स्वस्थ शरीर में 5 से 6 लीटर खून होता है। रक्तदान में सिर्फ 250 एमएल खून निकाला जाता है, निकालने के कुछ समय बाद ही शरीर उतना रक्त बना लेती है और व्यक्ति तीन महीने बाद दोबारा रक्त देने योग्य हो जाता है।
जिले विभाजन के बाद स्थिति और बिगड़ गई
अविभाजीत कोरिया जिले का एकमात्र ब्लड बैंक जिला अस्पताल बैकुंठपुर में स्थापित है। जिले में सभी मरीज इसी पर निर्भर रहते हैं। ब्लड बैंक की क्षमता 300 यूनिट है लेकिन फिलहाल इसमें सिर्फ 1 यूनिट ही ब्लड बचा है। डोनर लाने के बाद भी कई ग्रुप का ब्लड नहीं मिलने से परेशानी हो रही है।
जल्द ही रक्तदान शिविर लगाएंगे:सीएमएचओ
मामले में सीएमएचओ डॉ आर एस सेंगर का कहना है कि ब्लड बैंक में खून की कमी को लेकर जल्द ही स्वास्थ्य विभाग की ओर से बड़े स्तर पर रक्तदान शिविर का आयोजन किया जाएगा। पहले जिला मुख्यालय के समाज सेवियों के साथ विभिन्न वर्गों का सहयोग मिलता था। चिरमिरी, मनेंद्रगढ़ से लोग रक्तदान करते थे। रक्तदान शिविर में कमी आई है जिस कारण ब्लड बैंक में ब्लड कम है।
रक्तदान करने के कई फायदे,कैंसर का खतरा हो जाता है कम
डॉक्टर का कहना है कि रक्तदान करने कई फायदे हैं। इससे हार्ट अटैक की संभावनाएं कम होती है, क्योंकि रक्तदान से खून का थक्का नहीं जमता, इससे खून कुछ मात्रा में पतला हो जाता है और हार्ट अटैक का खतरा टल जाता है। रक्तदान से शरीर में एनर्जी आती है, क्योंकि ब्लड निकलने के बाद नए ब्लड सेल्स बनते हैं। इससे शरीर में तंदुरुस्ती आती है। लीवर से जुड़ी समस्याओं में राहत मिलती है। शरीर में ज्यादा आयरन की मात्रा लीवर पर दबाव डालती है और रक्तदान से आयरन की मात्रा बैलेंस हो जाती है।
अविभाजित कोरिया के स्वास्थ्य मंत्री से होगी व्यवस्था व कमियों को दूर करने की उम्मीद
अब भाजपा सरकार ने इंतजार खत्म कर दिया है सभी कैबिनेट मंत्रियों को उनके विभाग मिल गए, अभिभाजित कोरिया जिले के मनेन्द्रगढ़ विधानसभा के विधायक श्याम बिहारी जायसवाल को काफी महत्वपूर्ण विभाग यानी कि स्वास्थ्य विभाग मिला है उनको स्वास्थ्य विभाग मिलने से जहां तीनों विधानसभा में खुशी है तो वहीं इसे बहुत बड़ी उम्मीद भी लगा कर बैठे हैं कि अब जिला अस्पतालों की कमियांपूरी तरीके से दूर होगी और बेहतर स्वास्थ्य सुविधा मिलेगी, क्योंकि श्याम बिहारी जायसवाल खुद एक अच्छे व्यक्ति हैं और अपने क्षेत्र को काफी अच्छे तरीके से समझते हैं और उनके क्षेत्र में स्वास्थ्य संबंधित परेशानियां कैसी है इससे भी वह वाकिब है इस वजह से उनका पूरा ध्यान अपने क्षेत्र के स्वास्थ्य व्यवस्था को सुदृढ़ करने में होगा।
जानिए.. जिले में किस महीने कितने ऑपरेशन

माहमेजर ऑपरेशनसिजेरियन डिलीवरी 
अप्रैल
मई
जून
जुलाई
अगस्त
सितंबर
अक्टूबर
नवंबर  
10
10
5
01
03
00
16
23
2
2
6
00
11
05
18
16
कुल6860

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