- एक उपनिरीक्षक सहित प्रधान आरक्षक व आरक्षक एमसीबी जिले में पुनःवापसी की तलाश में भटक रहे नेताओं के इर्द-गिर्दःसूत्र
- नवयुक्त मंत्री से उपनिरीक्षक जिला वापसी की कर रहे हैं उम्मीद…वहीं स्थानांतरित हो चुके आरक्षक व प्रधान आरक्षक रुकने की फिराक में
- आईजी की तबादला सूची जारी होने के बाद एमसीबी जिले से रवानगी तो ले ली पर जॉइनिंग पर अभी तक नहीं पहुंचे पुलिसकर्मी,मेडिकल लेकर छुट्टी पर:सूत्र
- वहीं लोगों का मानना है कि ऐसे पुलिसकर्मियों का कतई भी सहयोग नहीं करेंगे नव नियुक्त कैबिनेट मंत्री
- जो पुलिसकर्मी पुरानी सरकार में एमसीबी में खूब नाम कमाया और लोगों को परेशान किया अब वह भाजपा सरकार में मंत्री व विधायक से फिर से जिले में बने रहने की कर रहे उम्मीद
-रवि सिंह-
कोरिया/एमसीबी/सूरजपुर 24 दिसम्बर 2023 (घटती-घटना)। शिकायतों से नाता रखने वाले व विवादों में रहने वाले पुलिसकर्मियों का सरगुजा आईजी ने जिला बदला जिसको लेकर आईजी सरगुजा ने तबादला सूची जारी की ताकि पुलिस व्यवस्था कानून व्यवस्था सुदृढ़ हो सके पर पुलिस व्यवस्था कानून व्यवस्था खराब रहे इसे लेकर जिनका तबादला किया गया था वह जाना नहीं चाहते, सूत्रों की माने तो यही वजह है कि कुछ पुलिसकर्मी रवानगी मिलने के बावजूद मेडिकल लेकर अभी भी पूर्व पदस्थ जिले में रुके हुए हैं नई जगह जाकर उन्होंने आमद नहीं दी है और नेताओं के इर्द गिर्द घूम रहे हैं ताकि उनका तबादला रुक जाए और पुनः उसी जिले में रहकर वह लोगों को परेशान करते रहें, लंबे समय के बाद सरगुजा आईजी की बड़ी सर्जरी थी ताकि पुलिस व्यवस्था कानून व्यवस्था अच्छी हो सके, आईजी द्वारा तबादला किए गए कर्मचारियों को लेकर क्षेत्र के लोग भी खुश हैं कि ऐसे कर्मचारियों का जिला से जाना ही ज्यादा अच्छा है पर यह कर्मचारी अब सत्ताबदलने के बाद सत्ताधारी दल के मंत्री व विधायक को मनाने व समझाने में लगे हुए हैं।
ज्ञाता होकी विभाजित कोरिया में कुछ ऐसे कर्मचारी हैं जिनका शिकायतों व विवादों से गहरा नाता है यहां तक की अवैध कारोबार में भी उनकी भूमिका अहम रहती है, इनके सहयोग से अवैध कारोबार होता है ऐसा कई बार आरोप भी लग चुका है और आरोप लगाने वाले कांग्रेस सरकार में बीजेपी के नेता ही थे इन्होंने अवैध कारोबार को लेकर खूब मुद्दा बनाया था, खासकर मनेंद्रगढ़ विधानसभा से लेकर भरतपुर सोनहत विधानसभा तक यह गूंज सुनाई दी थी, अब वही पुलिसकर्मी जो कांग्रेस शासन में कांग्रेस विधायक के खास थे और अति मचाए रखा था, अब जब शासन सत्ता बदल गई तो फिर से अपना पड़ला बदलकर मौजूदा सत्ता शासन की मदद से फिर से उसी स्थान पर रहना चाहते हैं, क्योंकि सरकार बदलते ही सरगुजा आईजी ने बड़ी सर्जरी करते हुए चुन-चुन कर आरक्षक, प्रधान आरक्षक व कर्मचारी का जिले से बाहर तबादला किया था, जिस तबादले को लेकर एक बार फिर पुलिस विभाग पर लोगों का भरोसा बढ़ा है, पर जिनका तबादला किया गया वह इतना शातिर लोग हैं की पदस्थापना वाले स्थान पर जाने से घबरा रहे हैं और अब भाजपा के नेता से जुगाड़ लगवा रहे, सूत्रों का तो यह भी कहना है कि पूर्व कांग्रेस विधायक भी इनकी मदद वर्तमान विधायक से कहकर कर सकते है, पर वही आम जनता व स्वक्ष छवि वाले भाजपा नेताओं का कहना है कि यह संभव नहीं है इस बार भाजपा अलग तरीके से काम करेगी और लोगों के बीच अपना स्वच्छ छवि प्रस्तुत करेगी, जनता के हित वाले मामले पर पर ही ध्यान देगी वहीं वह ऐसे लोगों और कर्मचारियों से दूरी बनाकर रखेगी जो पूर्वर्ती कांग्रेस सरकार में मजा काट चुके हैं।
उप निरीक्षक भी वापस आने की जुगत में
बताया जा रहा है की खड़गवां पुलिस थाने में कांग्रेस सत्ता काल में प्रभारी बनकर जमकर मजा काट चुके एक उप निरीक्षक भी सूरजपुर जिले से वापसी के प्रयास में हैं। यह उप निरीक्षक जब आरक्षक थे तब भी यह कांग्रेस नेताओं के करीब थे वहीं जब 15 साल भाजपा का शासन काल आया यह भाजपा नेताओं के करीब थे और जिले में ही जमे रहे और पदोन्नति लेते रहे, वहीं जब पिछले चुनाव में कांग्रेस सत्ता में वापसी कर पाई फिर इनकी चांदी देखी गई थी, वह कई थानों में प्रभारी ही बने रहे इस दौरान वहीं जब लंबे समय बाद तबादला हुआ भी तो उन्हे सूरजपुर ही जिला मिला जो बगल का जिला था वहीं जाते ही सुरजपुर उन्हे बसदेई का चौकी प्रभारी बनाया गया। कुल मिलाकर कांग्रेस शासन काल में उक्त उप निरीक्षक ने जैसा चाहा वैसा वह अपने लिए जुगाड बना पाया। हमेशा प्रभारी बनकर ही रहना गृह जिले में ही नौकरी का अधिकांश समय व्यतीत कर देना उनकी ऊंची पकड़ राजनीतिक साबित करती रही। अब जब सत्ता बदल गई है भाजपा की सत्ता में वापसी हुई है वह स्थानीय विधायक और मंत्री से अपना जुगाड बनाने के लिए संपर्क कर रहे हैं जिससे उनकी पुनः वापसी गृह जिले में ही हो सके और वह फिर अपनी मनमानी कर सकें। वैसे उप निरीक्षक जुगाड़ू बहुत हैं वहीं वह चापलूसी में भी माहिर हैं किससे कैसी चापलूसी करनी है वह बखूबी जानते हैं और वैसा वह कर रहे हैं सत्ता बदलने के बाद।
जिस प्रधान आरक्षक को पूर्व कैबिनेट मंत्री ने अपने विधानसभा से दूर रखने की बात कही थी क्या अपने शासनकाल में दूर करेंगे उसे?
बैकुंठपुर विधायक और पूर्व कैबिनेट मंत्री ने कोरिया जिले के एक प्रधान आरक्षक को लेकर जो विवादित बने रहने वाले प्रधान आरक्षक हैं कहा था की वह उसे अपने विधानसभा में नहीं रहने देंगे। अब जबकि वह निर्वाचित हो चुके हैं सत्ता में भी अब उनके ही दल का कब्जा है ऐसे में क्या बैकुंठपुर विधायक प्रधान आरक्षक को संभाग से बाहर भेजने का काम करेंगे यह देखने वाली बात होगी। वैसे प्रधान आरक्षक अपने जुगाड से आईजी के तबादला सूची से बच निकले हैं। अब देखना है की क्या वह बैकुंठपुर विधायक के पूर्व में दिए गए बयान अनुसार विधानसभा में ही बने रहते हैं या उन्हे बाहर का रास्ता दिखाया जाता है। वैसे प्रधान आरक्षक की कई शिकायत है और कांग्रेस शासन काल में वह कांग्रेस नेताओं के काफी करीब माने जाते थे। अब सत्ता बदलते ही क्या उनको लेकर भाजपा विधायक एक्शन मूड में आयेंगे यह देखने वाली बात होगी, क्योंकि बैकुंठपुर विधायक पूर्व मंत्री विवादित लोगों से हमेशा परहेज ही रखते देखे गए हैं वहीं उनके लिए क्षेत्र की जनता महत्वपूर्ण है चापलूस कर्मचारी नहीं जिन्हे जनता को परेशान करना होता है।
क्या भाजपा नेता व विधायक मंत्री के पीछे घूम कर पुलिसकर्मी अपना फायदा तय कर पाएंगे?
एमसीबी जिले के निवासी उप निरीक्षक सहित प्रधान आरक्षक और आरक्षक तबादला होने के बाद भी गृह जिले में वापसी के प्रयास में हैं। सभी फिलहाल सत्ता परिवर्तन होने उपरांत हुए तबादले के बाद जिले से रवानगी ले चुके हैं वहीं कुछ जाकर आमद भी दे चुके हैं कुछ अवकाश लेकर अभी भी जिले में रुकने के फिराक में हैं। यह सभी वर्तमान विधायक और जिले से कैबिनेट मंत्री के आस पास चक्कर लगाते नजर आ रहे हैं और उनकी जी हुजूरी में लगे हुए हैं जिससे उनका तबादला रुक जाए या उनकी वापसी हो जाए। अब देखना यह है की क्या वर्तमान विधायक एवम मंत्री ऐसे पुलिसकर्मियों का साथ देते हैं जो कांग्रेस शासनकाल में जमकर मौज उड़ा चुके हैं लोगों को परेशान कर चुके हैं वहीं जिनकी शिकायत और जिन्हे हटाने की सिफारिश भाजपा नेता ही किया करते थे। अवसरवादी ऐसे पुलिसकर्मी क्या अपने प्रयासों में सफल होगे यह आगे स्पष्ट हो सकेगा वैसे जिस तेवर में नई भाजपा सरकार नजर आ रही है लगता नहीं है की वह लोगों को परेशान करने वाले पुलिसकर्मियों की वापसी फिर से उसी जगह या जिले में करवाएगी जहां उनकी शिकायत मिलती रही है।