- प्रदेश भर में लगातार निलंबित हो रहे हैं अधिकारी
- फर्जी किसानों को भुगतान के मामले में नोडल अधिकारी निलंबित
- किसानों की जमीन का 800 एकड़ रकबा बढ़ाया, 4 प्रबंधकों पर गिरी गाज
- कांग्रेस विधायक का प्रबंधक भाई भी हुआ निलंबित
रायपुर,23 दिसम्बर 2023 (ए)। छत्तीसगढ़ में सरकारी धान की खरीदी में जब से बोनस की राशि बढ़ाने का क्रम शुरू किया गया तब से फर्जीवाड़ा और भी बढ़ गया है। इस काम में लगे अधिकारियों-कर्मियों ने फर्जीवाड़े का तरीका भी बदल दिया है। सारंगढ़ जिले के 4 केंद्रों में उजागर हुए मामले में तो किसानों का कुल 800 एकड़ रकबा बढ़ा दिया गया है। वहीं जांजगीर जिले में फर्जी किसानों का खता होल्ड किये जाने के बावजूद लाखों रूपये का भुगतान कर दिया। प्रदेश में सत्ता बदलते ही अब कार्रवाई का दौर शुरू हो चुका है।
जिला सहकारी बैंक का नोडल अधिकारी निलंबित
जांजगीर-चांपा स्थित जिला सहकारी बैक के नोडल अधिकारी अश्वनी पाण्डेय पर निलंबन की कार्रवाई की गई है। यह मामला 145 किसानों के खाता के जरिये फर्जी तरीके से समर्थन मूल्य में धान बेचे जाने से जुड़ा है। जिला प्रशासन ने धान खरीदी में गड़बड़ी मिलने पर खातों में भुगतान पर रोक लगाई थी। इसके बावजूद नोडल ने कलेक्टर के आदेश की अवहेलना करते हुए 61 लाख से अधिक राशि का अवैध तरीके से भुगतान कराया।
सहायक लेखापाल को बना रखा था नोडल अधिकारी
निलंबित किये गए नोडल अधिकारी अश्वनी पांडेय का मूल पद सहायक लेखपाल का है, जिसे नियुक्ति के बाद से ही जांजगीर-चांपा, जिला सहकारी बैक के नोडल अधिकारी की जिम्मेदारी दे दी गई। सहकारी बैंक में हुई फर्जी भर्ती में संदेही इस अधिकारी के खिलाफ कई गड़बçड़यों की जांच चल रही है, बावजूद इसके उसने लाखों रुपयों का भुगतान करवा दिया। सत्ता परिवर्तन के बाद अब जाकर उसके खिलाफ निलंबन की कार्रवाई की गयी है।
यह था पूरा मामला.
दरअसल, खरीफ सीजन 2021-22 में नवागढ़ तहसील अंतर्गत धान खरीदी केंद्र तुलसी और किरीत में शासकीय जमीन का पंजीयन कराकर फर्जी तरीके से किसानों का धान बिकवाया गया था। मामला उजागर होने के बाद कुल पांच लोगों के ऊपर एफआईआर दर्ज कराई गई थी और गिरफ्तारी हुई थी। इधर फर्जीवाड़े की गूंज प्रदेश तक पहुंची और दोनों उपार्जन केंद्र में धान बेचने वाले सभी किसानों का रिकार्ड खंगाला गया। जिसमें 145 किसानों की खरीदी में गड़बडिय़ां मिली थी और उनके खातों में भुगतान और आहरण पर रोक लगा दी गई थी।
होल्ड राशि का
भी कर दिया भुगतान
शासकीय भूमि का फर्जी पंजीयन कर अवैध बिक्री किये 145 कृषकों का होल्ड कर राशि आहरण भुगतान पर रोक लगाई गई थी। उक्त होल्ड और बोनस राशि को संबंधित किसानों को भुगतान किये जाने की शिकायत प्राप्त होने पर जिला स्तरीय जांच दल गठित कर जांच कराई गई। जांच प्रतिवेदन के अनुसार होल्ड राशि रूपये 77 लाख 15 हजार 336 रूपये में से 61 लाख 62 हजार 888 रुपये ‘राजीव गांधी किसान न्याय योजना’ के नाम पर जारी बोनस की राशि उक्त खातों में डाल दी गई और आहरण भी हो गया। अवैध आहरण कर भुगतान पाये जाने पर अश्वनी कुमार पाण्डेय नोडल अधिकारी के खिलाफ गड़बड़ी पाई गई, जिसके बाद निलंबन की कार्रवाई की गई।