- मंत्री बनने वाले पहले विधायक बने जायसवाल,मनेंद्रगढ़ विधायक श्याम बिहारी जायसवाल का जनपद पंचायत से मंत्री तक का सफर
- पूर्व कैबिनेट मंत्री भईयालाल राजवाड़े के सहयोग से चुने गए थे पहली बार भाजपा प्रत्याशी
- भईया लाल राजवाड़े ही है उनके लिए आदर्श,अचानक श्याम बिहारी जायसवाल का हुआ था राजनीति मे प्रवेश
-रवि सिंह-
चिरमिरी/मनेंद्रगढ़ 23 दिसम्बर 2023 (घटती-घटना)। छत्तीसगढ़ में भाजपा की सरकार बनने के बाद 21 दिसंबर को मंत्रिमंडल का भी विस्तार हो गया 9 नाम सूची में आए पर 9 में से 4 नाम ही पुराने रहे बाकी सब नए विधायक को मौका दिया गया, जिसमें से दूसरी बार के विधायक रहे श्याम बिहारी जायसवाल को भी विभाजित कोरिया जिले के मनेन्द्रगढ़ विधानसभा से मौका मिला, मनेन्द्रगढ़ विकासखंड से दूसरे विधायक हैं श्याम बिहारी जायसवाल इससे पहले कांग्रेस से गुलाब सिंह विधायक रह चुके हैं पर मंत्री नहीं बने थे पर श्याम बिहारी जायसवाल को दूसरे बार विधायक बनने पर मंत्रिमंडल में जगह मिली। श्याम बिहारी जायसवाल का राजनीतिक सफर काफी सादा व सरल रहा, पहली बार में ही वह जनपद उपाध्यक्ष बने और पहली बार ही प्रत्याशी चुने जाने पर विधायक बने। दूसरी बार उन्हें सत्ता विरोधी लहर की वजह से हार का सामना करना पड़ा, तीसरी बार जब इन्हें फिर मौका मिला तो इन्होंने कांग्रेस प्रत्याशी को हराकर एक बार फिर विधायक बनने का अवसर पाया और इस बार विधायक बनने पर पार्टी ने भी इन पर बड़ा भरोसा जताते हुए इन्हे मंत्रिमंडल में जगह दी, अभी इन्हे क्या विभाग मिलना है यह तय नहीं हुआ है पर ऐसा माना जा रहा है कि कोई अच्छा विभाग इनके पास आ सकता है। श्याम बिहारी जायसवाल काफी सरल व सादगी पूर्ण जीवन जीने वाले व्यक्ति हैं यही वजह है कि इनका जनता से जन सरोकार काफी अच्छा है। ऐसा माना जाता है कि इन्हें पहली बार जब विधायक प्रत्याशी चुना गया था उस समय उनके समर्थन में पूर्व कैबिनेट मंत्री भईयालाल राजवाड़े थे एक बार इन्हें भईयालाल राजवाड़े ने अपने पसंद से विधायक बनाया उसके बाद से यह खुद अपने क्षेत्र में मेहनत करते नजर आते है और लोगों का भरोसा जीतते दिखे जाते हैं। मनेंद्रगढ़ विधानसभा से दूसरी बार विधायक चुने गए श्याम बिहारी जायसवाल को इस बार साय केबिनेट में कैबिनेट मंत्री का दर्जा मिल सका है। अपनी शांत एवम सरल छवि के साथ आम लोगों के बीच पहचान बना चुके श्याम बिहारी जायसवाल को कैबिनेट मंत्री का दर्जा मिलते ही मनेंद्रगढ़ विधानसभा सहित एमसीबी जिले में खुशी की लहर देखने को मिली क्योंकि पहली बार इस विधानसभा से किसी को मंत्री बनने का मौका मिला है वहीं इसके पहले संयुक्त कोरिया जिला रहते हुए हमेशा बैकुंठपुर विधायक को मौका मिलता चला आ रहा था। वैसे श्याम बिहारी जायसवाल युवा हैं और इस बार भाजपा ने युवा चेहरों पर दांव खेला है और यह माना जा रहा है की युवाओं के सहारे वह आगे की राजनीति में आगे बढ़ने वाली है।
अपने परिवार और जीवन की विकट परिस्थितियों को जनता के सामने ला कर वोट के लिए राजनीतिक लाभ नहीं लिया
श्याम बिहारी जायसवाल ने अपने अब तक के राजनितिक जीवन में कभी भी अपने परिवार और जीवन की विकट परिस्थितियों को जनता के सामने ला कर वोट के लिए राजनीतिक लाभ नहीं लिया, उन्होंने कभी भी इस बात को साझा नही किया कि वे परिवार चलाने के लिए ग्रामीण क्षेत्रों के विभिन्न साप्ताहिक बाजारों के समीप पगडंडियों के किनारे फट्टी लगाकर, बोरा में बैठकर कृषि उपज एवं वनोपज में महुआ, डोरी, इत्यादि ग्रामीणों से अल्प मात्रा में खरीदकर परिवार चलाते थे, इसी के बीच वे पढ़ाई भी करते थे, वे अपने गांव रतनपुर से ही प्राथमिक शिक्षा ग्रहण करने के बाद, बैकुंठपुर विधानसभा में स्थित ग्राम तामडांड से पूर्व-माध्यमिक शिक्षा 8 वी तक ग्रहण किये, तत्पश्चात वे हाइस्कूल-हायर सेकंडरी की शिक्षा ग्राम खड़गवां से और उच्च शिक्षा वे चिरमिरी की माटी में गौरवशाली शासकीय लाहिड़ी महाविद्यालय चिरमिरी से एमएससी (रसायन शास्त्र) किये, श्याम बिहारी का जीवन संघर्ष भरा रहा है, क्योंकि उन्होंने जब शिक्षा ग्रहण की तब साधन विहीन यह क्षेत्र था, साधन के नाम पर मात्र बाबरा बस ही थी और एक आदर्श/अली अहमद बस बिलासपुर वाली ही थी, रतनपुर से चिरमिरी आ कर उन्होंने उच्च शिक्षा ग्रहण की, तथा वे पढ़ाई के दौरान जब प्रेक्टिकल या एक्स्ट्रा क्लास चलता था तो वे अपने परिचितों के यहां टिकरापारा में एक छोटे से कमरे में रात बिताते थे और हाँ रावण दहन कार्यक्रम वे भी रतनपुर से चिरमिरी दिन में ही बोरा शॉल लेकर आ जाते थे रावण दहन कार्यक्रम के बाद दुसरे दिन वे रतनपुर जाते थे, लेकिन इन सब बातों का जिक्र उन्होंने राजनैतिक या निजी जीवन में कभी भी नही किया।
खड़गवां विकासखंड के दूसरे विधायक वहीं पहले कैबिनेट मंत्री बने श्याम बिहारी जायसवाल
कहते हैं जहां चाह वहां राह है,श्याम बिहारी जायसवाल वर्ष 2018 में सत्ता विरोधी लहर में चुनाव हार गए थे लेकिन उन्होंने हिम्मत नहीं हारी थी,श्याम बिहारी जायसवाल ने सतत जनसंपर्क जारी रखते हुए पांच साल इंतजार किया और उन्हे फिर भाजपा ने मौका दिया जिसमे वह सफल होकर विधायक बन गए, विधायक बनना इस बार भी उनका आसान नहीं था पूर्व के चुनाव में उनके विरुद्ध उनकी ही पार्टी के एक वरिष्ठ के विरोध में चुनाव लड़ने से उन्हे नुकसान हुआ था वहीं इस बार भी उन्हे अपनी ही पार्टी के कई नेताओं के विरोध का सामना कारण पड़ा,इस बार कई भाजपा नेताओं ने उन्हे समर्थन नहीं देने का निर्णय लिया जिसपर वह अंत तक कायम रहे जिसमे चिरमिरी के बड़े नेताओं का नाम शामिल है बावजूद इसके श्याम बिहारी जायसवाल ने हार नहीं मानी और वह जनता के बीच समर्थन मांगने पहुंचते रहे जो उन्हे मिला और वह तीसरे अवसर में दूसरी बार विधायक बन सके। श्याम बिहारी जायसवाल खड़गवां के दूसरे विधायक हैं जिनका जन्म और मातृभूमि खड़गवां विकासखंड है वहीं वह खड़गवां से कैबिनेट मंत्री बनने वाले पहले विधायक हैं साथ ही मनेंद्रगढ़ विधानसभा से भी वह पहले ही मंत्री हैं।
पहली बार जनपद पंचायत का चुनाव बिना घरवालों की मर्जी से लड़ा मिली जीत और जनपद उपाध्यक्ष भी बने
श्याम बिहारी जायसवाल की किस्मत भी गजब की थी कभी इन्होंने सोचा नहीं था कि उनका राजनीति में प्रवेश होगा, अचानक भाजपा से जनपद सदस्य का फॉर्म भरा और घरेलू विवाद के बावजूद बिना घर वाले की मर्जी उन्होंने चुनाव लड़ा और पहली बार में ही उन्हें जीत मिली और जीत मिलने के बाद निर्विरोध उपाध्यक्ष भी चुने गए, यह भी एक अजीबोगरीब इत्तेफाक था। जहां से इनकी पृष्ठभूमि राजनीतिक बनी और इसके बाद में पहली बार विधानसभा लड़ने का मौका मिला और उन्होंने पहली विधानसभा चुनाव में भी जीत दर्ज की और शानदार अपना 5 साल का कार्यकाल पूरा किया।
2013-18 के बीच मनेन्द्रगढ़ विधानसभा क्षेत्र के लिए हुए विकास कार्य उन लोगो के लिए जो बोलते है क्या हुआ?
श्याम बिहारी जयसवाल ने कहा की 2013-18 के बीच मनेन्द्रगढ़ विधानसभा क्षेत्र के लिए हुए विकास कार्य, उन लोगो के लिए जो बोलते है क्या हुआ? मैं बतना चाहुगा की नगरीय निकाय के कार्य जो राज्य की भाजपा सरकार द्वारा स्वीकृत हुई शामिल नही है संपूर्ण विधानसभा क्षेत्र में जो विकास कार्य हुए है उनमें से महत्वपूर्ण व बड़े कार्यों की जानकारी की बात की जाए तो चिरमिरी में बड़ी उपलब्धियां में केंवची से चिरमिरी-नागपुर (व्हाया कोटमी, पसान, खड़गवां) राष्ट्रीय राज्यमार्ग की स्वीकृति। लेकिन सरकार बदलने के बाद वर्तमान विधायक व सांसद द्वारा इस ओर कोई रुचि नही ली गयी। नागपुर हाल्ट स्टेशन से चिरमिरी रेलवे स्टेशन को जोड़ने रेल लाईन विस्तार का अभूतपूर्व प्रयास शुरू कर राज्य और रेलवे के बीच ज्वाइंट वेंचर 50-50 प्रतिशत व्यय राशि का एमओयु हुआ। लागत मूल्य 242 करोड़ रूपए लेकिन स्वीकृति के बाद से भूमि अधिग्रहण व राज्यांश की फाइल धूल खा रही है। शिक्षा के क्षेत्र में ऐतिहासिक 6 दशक पुराने लाहिड़ी महाविद्यालय का पुनरूत्थान (2.02 करोड का नवीन भवन निर्माण, 15-20 वर्षों से रिक्त प्राध्यापकों की नियुक्ति, जंतु विज्ञान, वनस्पति विज्ञान की पीजी कक्षाओं का शुभारंभ, साथ ही 8 वर्षों बाद दर्ज संख्या 750 पार हुई), 1953 से स्थापित शासकीय लाहिड़ी महाविद्यालय को स्नात्कोत्तर महाविद्यालय का दर्जा प्रदान किया गया। व्यवसाय एवं दैनिक आवागमन की दृष्टि से साजापहाड़-मनेन्द्रगढ़ मार्ग 2014 में 2 करोड़ लागत से पूर्ण कराया, साथ ही आगामी बजट में डबल लेन सड़क की स्वीकृति हेतु प्रयास शुरू किया। जिसमे 6 किमी का चौड़ीकरण कार्य पूर्ण हुआ। शेष 14किमी का उन्नयन कार्य कांग्रेस सरकार आने के बाद से लंबित है। नगर निगम चिरमिरी क्षेत्र में आजादी के बाद से पहुंच विहिन क्षेत्र लामीघोडा, मौहारीडांड, साजापहाड़, कंदामार में सड़क, पुल हेतु 2 करोड़ की स्वीकृति के साथ 236 घरों को सौर उर्जा से रौशन करने का कार्य किया। लाहिड़ी कालेज में जिले में प्रथम बीसीए की कक्षाओं का शुभारंभ जिले में पहला। चिरमिरी-साजापहाड़-मनेन्द्रगढ़ सड़क पूर्ण कराया गया। लाईवली हुड कालेज (आजीविका महाविद्यालय) की स्थापना हेतु 6 करोड़ की स्वीकृति, 50 सीटर छात्रावास सहित। जिसे बंद करके भवन का इस्तेमाल आत्मानंद स्कूल के रूप में हो रहा है। चिरमिरी में विद्युत शवदाह गुह व एक नग एंबुलेंस हेतु 30 लाख रूपए की स्वीकृति। पंडित दीनदयाल उपाध्याय सर्व समाज मांगलिक भवन हेतु 3 करोड की स्वीकृति। लेकिन निर्माण कार्य आज तक निगम द्वारा नही कराया जा सका। लाहिडी काँलेज में डिजिटल लाईब्रेरी हेतु 47.34 लाख रूपए की स्वीकृति। सोनावनी नाका से दुबछोला सड़क मरम्मत कार्य हेतु 1.40 करोड़ रूपए की स्वीकृति। चिरमिरी-साजापहाड़-मनेन्द्रगढ़ सड़क उन्नयन हेतु 1.16 करोड़ रूपए की स्वीकृति। चिरमिरी-साजापहाड़-मनेन्द्रगढ़ सड़क उन्नयन पुल पुलियों सहित 12 किमी हेतु 14.40 करोड़ की स्वीकृति लेकिन सत्ता परिवर्तन के बाद कार्य आज तक नही कराया जा सका। नवीन कोयला खदान खोलने हेतु भंडारदेई भुकभुकी की 30 हेक्टेयर भूमि अधिग्रहण हेतु प्रक्रिया प्रारंभ कराया। चिरमिरी की सड़कों के उन्नयन हेतु 3.5 करोड रूपए की स्वीकृति।
2013-18 के बीच खड़गवां क्षेत्र में प्रमुख बड़ी उपलब्धियां
श्याम बिहारी जयसवाल ने कहा की मेरो से पाराडोल बीटी सड़क 7 करोड से निर्माण कार्य पूर्ण। उधनापुर से बुंदेली बीटी सड़क 7 करोड से निर्माण कार्य प्रारंभ। पेंड्री से देवाडांड व्हाया मंगोरा बीटी सड़क निर्माण 18 करोड़ लागत की स्वीकृति। रतनपुर से भरदा मार्ग पर बीटी सड़क निर्माण 10 करोड़ लागत से निर्माण कार्य प्रारंभ। मेरो से कदरेवां मार्ग पर बीटी सड़क निर्माण 5 करोड़ लागत से निर्माण कार्य प्रारंभ। खड़गवां में आईटीआई भवन एवं छात्रावास 4 करोड़ से कार्य प्रगति पर। खड़गवां जनपद क्षेत्र में सिचाई के रकबे को बढ़ाने साजाखाड जलाशय, बलसोता एनीकट, अंजनी जलाशय एवं नहर का निर्माण कार्य 30 करोड़ की लागत से कार्य पूर्णता की ओर। बुंदेली से छिपछिपी हसदेव नदी पर वृहद पुल 12 करोड़ लागत की स्वीकृति के साथ कार्य पूर्णता की ओर। रतनपुर-कोटया मार्ग के आंजन नाला में 7 करोड़ की लागत से पुल की स्वीकृति। पेंड्री से देवाडांड (व्हाया मंगोरा) बुधरा नदी पर लगभग 22 करोड की लागत के पुलों की स्वीकृति। उधनापुर से बुंदेली के बीच कोडिया नाला में 3 करोड़ लागत से पुल निर्माण की स्वीकृति के साथ कार्य प्रारंभ। खड़गवां चंनवारीडांड से जनकपुर के बीच कोडा नाला में 3 करोड़ की लागत से पुल की स्वीकृति के साथ कार्य प्रारंभ। ग्राम ठग्गांव के बगबुडी में गुडघेला नाला पर 2 करोड़ लागत से पुल की स्वीकृति के साथ कार्य प्रारंभ। खड़गवां जनपद क्षेत्र के 40 ग्रामों के 100 मजरेटोलों का वि¸द्युतीकरण कार्य। विधायक आदर्श ग्राम उधनापुर में मिनी स्टेडियम हेतु 45 लाख की स्वीकृति। विधायक आदर्श ग्राम से पैनारी तक 3 किमी सड़क हेतु 4 करोड की स्वीकृति। ग्राम पंचायत बेलबहरा से लालपुर तक 3 किमी सड़क हेतु 4 करोड की स्वीकृति। ग्राम दुग्गी ठिहाईपारा से कन्हारबहरा करवा होतु हुए खड़गवां मुख्यालय तक 7 किमी सड़क हेतु 3 करोड की स्वीकृति। चिरमिरी कोरबा मुख्य मार्ग से महामाया मंदिर होतु हुए सिंहपुर तक 8 किमी सड़क हेतु 12 करोड़ की स्वीकृति। कोडांगी से तामडांड मार्ग पर नउवानार नाला पर पुल हेतु 6 करोड की स्वीकृति। फुनगा से बेलबहरा मार्ग पर सुखाड़ नाला पर पुल हेतु 3 करोड की स्वीकृति। पेंड्री से देवाडांड व्हाया मंगोरा मार्ग पर हसदेव नदी पर पुल निर्माण हेतु 15 करोड की स्वीकृति। रतनपुर से चोपन व्हाया कोटया सड़क निर्माण कार्य पुल-पुलियों सहित 11 करोड की स्वीकृति। देवाडांड से नरायणपुर पीएमजीएसवाई सड़क हेतु 11.70 करोड़ रूपए की स्वीकृति। शिवपुर से उधनापुर पीएमजीएसवाई सड़क हेतु 6.69 करोड़ रूपए की स्वीकृति। ग्राम दुबछोला के नवापारा में गुडघेला नाला पर 50 लाख रूपए से पुल निर्माण का कार्य प्रारंभ। पोडीड़ीह से पेंड्रा मार्ग पर कटकोना में बुधरानदी पर उच्चस्तरीय पुल 3 करोड़ की लागत से कार्य प्रारंभ। पोड़ीडीह से पेंड्रा मार्ग पर सकड़ा में सुखाड़नदी पर उच्चस्तरीय पुल 3 करोड की लागत से कार्य प्रारंभ। नवीन स्कूल प्रारंभ – क. रतनपुर (हाई स्कूल) ख. जरौंधा (हायर सेकेण्ड्री) ग. कोड़ा (हायर सेकेण्ड्री)। वाटर एटीएम की स्थापना 5 नग (खड़गवां, रतनपुर, कोड़ा, देवाडांड व उधनापुर)। नवीन हास्पिटल – ग्राम रतनपुर में भवन हेतु 55 लाख रूपए की स्वीकृति। 100 करोड़ की लागत से विभिन्न स्टाप डेम, पुल, पुलिया, सीसी सड़क, मनरेगा व रोजगार मुलक कार्यों की स्वीकृति प्रदान की गई। कौडीमार से डोमनीडांड सड़क पर हसदेव नदी पर वृहद पुल निर्माण हेतु 4 करोड़ की स्वीकृति। बरदर से पीपरबहरा 5 किमी सड़क निर्माण पुल पुलियों सहित हेतु 6 करोड़ की स्वीकृति। मंझौली मिडिल स्कूल का हाईस्कूल में उन्नयन। ग्राम कोड़ा नेवरी में गिधराउबका जलाशय निर्माण हेतु 23 करोड़ 63 लाख की स्वीकृति। ग्राम कौड़ीमार में जलाशय निर्माण हेतु 3 करोड़ 50 लाख की स्वीकृति। ग्राम कटकोना में संग्राम घोघरा में बांध निर्माण हेतु 3 करोड़ की स्वीकृति।
श्याम बिहारी को भईयालाल राजवाड़े ने दी बधाई,कहा क्षेत्र के लिए बड़ी उपलब्धि
श्याम बिहारी जायसवाल को कैबिनेट मंत्री का दर्जा मिलने पर बैकुंठपुर विधायक भईयालाल राजवाड़े ने उन्हे बधाई दी है वहीं उन्होंने प्रसन्नता जाहिर करते हुए कहा की यह क्षेत्र के लिए बड़ी उपलब्धि है। उन्होंने यह भी कहा की श्याम बिहारी जायसवाल को जो बड़ी जिम्मेदारी मिली है वह वह बखूबी निभाएंगे और वह पूरे क्षेत्र के लिए बेहतर सोच के साथ काम करेंगे उन्हे विश्वास है।
2013-18 के बीच की कुछ विशेष उपलब्धियां
मनेन्द्रगढ़ विधानसभा के चिरमिरी,मनेन्द्रगढ़,झगराखाण्ड व खड़गवां में शुद्ध पेयजल हेतु 1.75 करोड़ की लागत से 25 नग कोरिया नीर वाटर एटीएम की स्थापना। बहुदेशीय जल परियोजना हेतु हसदेव नदी में केवई नदी को जोड़ने का अभूतपूर्व प्रयास। सत्ता परिवर्तन के बाद परियोजना अधर में रह गयी। 250 आर्थिक रूप से कमजोर व्यक्तियों का मुख्यमंत्री संजीवनी कोष से प्रत्येक का 1-2 लाख रूपए की वित्तीय सहायता से ईलाज हेतु किया गया। चिरमिरी, मनेन्द्रगढ़ व झगराखाण्ड शहरों में जल आवर्धन योजना हेतु 5-5 करोड़ रूपये राशि से एनीकट निर्माण की स्वीकृति। विधानसभा क्षेत्र में पहली बार चिरमिरी व मनेन्द्रगढ़ में प्रति सप्ताह एक दिन विधायक कार्यालय में जनसंवाद कार्यक्रम शुरू किया।
2013-18 के बीच मनेन्द्रगढ़ क्षेत्र की प्रमुख बड़ी उपलब्धियां
श्याम बिहारी जायसवाल ने कहा की लेदरी पाराडोल के बीच हसदेव नदी पर पुल 8 करोड़ लागत की स्वीकृति के साथ निविदा प्रक्रिया पूर्ण। मनेन्द्रगढ़ से भौंता के बीच हसदेव नदी पर एक वृहद पुल 5 करोड़ लागत की स्वीकृति। साथ ही खड़गवां के ग्रामीण क्षेत्रों को मनेन्द्रगढ़ से जोड़ने वाली सडको पर 4 वृहद पुल 20 करोड़ लागत की प्रक्रिया टेंडर में है। लेदरी से कांसाबहरा व्हाया नारायणपुर भौता सड़क निर्माण 15 करोड़ लागत से स्वीकृत।विवेकानंद महाविद्यालय मनेन्द्रगढ़ में 45 लाख रूपए से मिनी स्टेडियम की स्वीकृति। पंडित दीनदयाल उपाध्याय सर्व समाज मांगलिक भवन हेतु 3 करोड की स्वीकृति। लेदरी पाराडोल से बुंदेली पीएमजीएसवाई सड़क हेतु 4.90 करोड़ की स्वीकृति। झगराखाण्ड के शासकीय स्कूलो में सुविधाओं के विस्तार हेतु 56.16 लाख रूपए की स्वीकृति। नारायणपुर से पुरानी लेदरी पीएम जीएसवाई सड़क हेतु 9.20 करोड़ रूपए की स्वीकृति। औद्योगिक क्षेत्र विकास हेतु ग्राम परसगढ़ी अद्योसंरचना विकास हेतु 3 करोड़ की स्वीकृति। पाराडोल से तेंदूडांड सड़क पर हसदेव नदी पर वृहद पुल हेतु 4 करोड़ की स्वीकृति। छिपछिपी मिडिल स्कूल का हाईस्कूल में उन्नयन। ग्राम भौता में जलाशय निर्माण हेतु 2 करोड़ 50 लाख की स्वीकृति। ग्राम बंजी में कचारीनाला गुरचहवापारा में बांध निर्माण हेतु 3 करोड़ की स्वीकृति।