जशपुर,21 दिसम्बर 2023 (घटती-घटना)। जिला मुख्यालय स्थित शासकीय राम भजन राय एन. ई. एस. स्नातकोत्तर महाविद्यालय जशपुरनगर एवं राष्ट्रीय खाद्य प्रौद्योगिकी उद्यमिता और प्रबंधन संस्थान(निफ्टेम) कुंडली,हरियाणा के संयुक्त तत्वाधान में “खाद्य प्रसंस्करण और खाद्य क्षेत्र में उद्यमिता विकास” विषय पर एक दिवसीय कार्यशाला एवं इंटर्नशिप (प्रशिक्षण) कार्यक्रम का आयोजन अर्थशास्त्र परिषद ,अर्थशास्त्र विभाग द्वारा किया गया। महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ विजय रक्षित ने अपने उद्बोधन में कहा कि खाद्य प्रसंस्करण के क्षेत्र में स्टार्टअप के लिए बहुत अवसर है। प्राकृतिक संपदा से समृद्ध जशपुर में खाद्य प्रसंस्करण उद्यमिता के क्षेत्र में आगे बढ़ा जा सकता है। जशपुर के युवा वैज्ञानिक, खाद्य प्रसंस्करण सलाहकार एवं उद्यमी समर्थ जैन की उपलब्धियों को बताते हुए छात्र-छात्राओं को उनसे आवश्यक मार्गदर्शन लेकर इस दिशा में आगे बढ़ने को कहा। स्रोत पुरुष श्री कवच भगत कृषि जशपुर ने खाद्य प्रसंस्करण के ऐतिहासिक पक्ष पर प्रकाश डालते हुए कहा कि खाद्य प्रसंस्करण 19वीं सदी से हुआ। इसका उपयोग सबसे पहले सेनाओं के द्वारा शुरू किया गया और द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान व्यापक स्तर पर उपयोग में लाया जाने लगा। भारत में इसकी शुरुआत 1960 के दशक में होता है। उन्होंने कहा कि खाद्य पदार्थों में गुणवत्ता वृद्धि कर “आम को खास और लोकल को ग्लोबल” बनाया जा सकता है। जिससे स्थानीय उत्पाद एक ब्रांड के रूप में स्थापित हो सके। जशपुर में उपजने वाले खाद्य पदार्थों के विषय में बताते हुए कहा कि यहां की जलवायु में फलों और सब्जियों के उत्पादन की पर्याप्त संभावनाएं हैं। खाद्य पदार्थों का अच्छे से पैकेजिंग करके प्रभावी तरीके से एडवर्टाइजमेंट कर उद्यमिता के क्षेत्र में आगे बढ़ा जा सकता है। अगले स्रोत पुरुष डॉ प्रसन्न कुमार जीवी ने स्थानीय खाद्यान्न को वैश्विक उद्यमिता के मंच में स्थापित करने के लिए “लोकल से वोकल”पर जोर दिए। उन्होंने उद्यमिता विकास के लिए बताया कि राष्ट्रीय स्तर पर पीएमएफएमई सूक्ष्म खाद्य प्रसंस्करण उद्यम योजना के तहत 10 लाख की सहायता राशि व इस पर 3.50 लाख की सब्सिडी दी जाती है। निफ्टेम के रिसर्च स्कॉलरो ने भी खाद्य प्रसंस्करण और उद्यमशीलता के विषय में विस्तार से जानकारी दिए। उन्होंने इस युग को हरित क्रांति, दूध क्रांति के पश्चात खाद्यान्न प्रसंस्करण क्रांति का युग कहा। इन्होंने बाजार के अनुरूप खाद्य पदार्थों में गुणवत्ता बढ़ाने की विधि व उनको लंबे समय तक कैसे सुरक्षित रखें इस पर चर्चा किए। उद्यमशीलता के विषय में बताते हुए कहा कि आवश्यक दस्तावेजों के माध्यम से कंपनी का रजिस्ट्रेशन एवम ट्रेडमार्क प्राप्त करने की प्रक्रिया के बारे में जानकारी दिए।
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