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एमसीबी@क्या भरतपुर सोनहत की वर्तमान विधायक पूर्व विधायक के प्रतिनिधि द्वारा कब्जा किए गए शासकीय भूमि को कब्जा मुक्त करवाएंगी?

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-रवि सिंह-
एमसीबी 21 दिसम्बर 2023 (घटती-घटना)।
नवीन जिला एमसीबी के जिला कलेक्टर कार्यालय की शासकीय भूमि पर भरतपुर सोनहत विधानसभा के पर विधायक के प्रतिनिधि एवम उनके साथियों द्वारा कब्जा किया गया था और उसे पूर्व विधायक के कार्यकाल में ही पूर्व विधायक के प्रतिनिधि अपने नाम से कराने के जुगत में लगे हुए थे जिसको लेकर गोंडवाना गणतंत्र पार्टी ने आंदोलन किया था और मामले को उजागर किया था जिस मामले में गोंडवाना गणतंत्र पार्टी को प्रशासन से आश्वासन मिला था और आंदोलन समाप्त किया गया था। तब विधायक भरतपुर सोनहत कांग्रेस पार्टी के गुलाब कमरों थे और प्रदेश में सरकार भी कांग्रेस पार्टी की ही थी और उनके ही प्रतिनिधि पर शासकीय भूमि पर कब्जे का आरोप था इसलिए उस समय प्रशासन भी मजबूर था इसलिए कोई कार्यवाही मामले में हुई थी लगता नहीं है। अब जबकि भरतपुर सोनहत विधानसभा में विधायक रेणुका सिंह हैं और प्रदेश में सरकार भी इस विधानसभा चुनाव में बदल गई है भाजपा की सरकार है ऐसे में पूर्व विधायक के कार्यकाल के कई मामलों की जांच हो और कार्यवाही हो ऐसी मांग उठ रही है।
इसी कड़ी में पूर्व विधायक भरतपुर सोनहत विधायक के प्रतिनिधि सहित कुछ के द्वारा नवीन जिला कलेक्टर कार्यालय के समीप की शासकीय भूमि पर कब्जा करने का भी मामला है जिसकी जांच की मांग अब उठ रही है क्यूंकि उस समय विधायक और सरकार के प्रभाव में आकर पूर्व विधायक के प्रतिनिधि ने जो मनमानी की था वह अब उजागर हो मामले में कार्यवाही हो ऐसा लोग चाहते हैं। वैसे भरतपुर सोनहत विधानसभा क्षेत्र की वर्तमान भाजपा विधायक रेणुका सिंह कई मामलों में काफी गंभीर मानी जाती हैं और उनमें से एक है नियम विरुद्ध कार्यों को लेकर उनकी सजगता,अब देखना है की वह भरतपुर सोनहत विधानसभा के पूर्व विधायक के कार्यकाल की गड़बडç¸यों को लेकर क्या रुख अपनाती हैं क्योंकि जब वह भरतपुर सोनहत क्षेत्र से चुनाव लड़ने आईं उन्हे बाहरी बताकर भी चुनाव में प्रभावित करने का प्रयास पूर्व विधायक और उनके प्रतिनिधियों ने किया।
वैसे पूर्व विधायक के शासकीय जमीन पर कब्जा मामले में एक बड़ा आंदोलन हो चुका है और उस समय चूंकि प्रदेश में भी कांग्रेस की सरकार थी विधायक भी कांग्रेस के थे इसलिए कुछ हुआ या नहीं यह स्पष्ट नहीं हो पाया था अब उम्मीद है की मामले में कुछ न कुछ नया मोड़ आएगा और शासकीय भूमि से कब्जा पूर्व विधायक प्रतिनिधि का हटाया जाएगा।
मामला जिसको लेकर गोंडवाना गणतंत्र पार्टी ने कलेक्टर को लिखा है पत्र कार्यवाही की है पार्टी की मांग,वहीं घेराव की है चेतावनी
गोंडवाना गणतंत्र पार्टी एमसीबी जिलाध्यक्ष ने कलेक्टर एमसीबी को पत्र लिखकर यह मांग की है उन्हे यह अवगत भी कराया है की ग्राम चैनपुर में स्थित शासकीय भूमि पर नियम विरूद्ध व अवैध तरीके से कुछ लोगों के द्वारा कब्जा किया गया है। जिसे तत्काल जांच कर हटाया जाए एवं कब्जाधारियों पर उचित कार्यवाही किया जाए। अवैध रूप से कब्जा दर्ज करा रहे लोगो में वहीं जिस भूमि पर कब्जा दर्ज कराया जा रहा है उसकी जानकारी अनुसार1. रंजीत सिंह (प्रेस क्लब अध्यक्ष एम.सी.बी.). पता-मनेन्द्रगढ़ जिला – एम.सी.बी. छ.ग. द्वारा काबिज भूमि खसरा नं. 83 / 1 रकवा 3.5780 हेक्टे. ग्राम चैनपुर धीरेन्द्र विश्वकर्मा, पता-मनेन्द्रगढ़ जिला-एम.सी.बी. छ.ग. द्वारा काबिज भूमि खसरा नं. 83/1 रकवा 3:5780 हेक्टे. ग्राम चैनपुर काबिज भूमि मो. अकील पता-मनेन्द्रगढ़ जिला-एम.सी.बी. छ.ग द्वारा अवैध खसरा नं. 83/1 रकवा 3.5780 हेक्टे ग्राम चैनपुर पर विधायक प्रतिनिधि साथ ही प्रेस क्लब अध्यक्ष साथ ही उनके साथियों द्वारा शासकीय भूमि पर कब्जे की बात आमजनों के द्वारा कही जा रही है। वहीं गोंडवाना गणतंत्र पार्टी ने पत्र में लिखा है की कलेक्टर के द्वारा यदि आज दिनांक 27.09.2023 से 03.10. 2023 तक उचित कार्यवाही करते हुए शासकीय भूमि से नाम विलोपित नहीं किया जाता क्रमांक 1से 3 तक जिसका उल्लेख पत्र में किया गया है का कब्जा और शासकीय भूमि को खाली कराकर आवेदक को जानकारी उपलब्ध नहीं कराई जाती है तो 04.10,2023 को कलेक्टर कार्यालय का घेराव किया जाएगा जिसकी समस्त जवाबदेही शासन-प्रशासन की होगी। वहीं अवैध रूप से कब्जा दर्ज कराने को लेकर कुछ दस्तावेज भी पार्टी ने पत्र के साथ कलेक्टर को उपलब्ध कराया है।
पूर्व विधायक प्रतिनिधि सहित कुछ अन्य ने नवीन जिला कलेक्टर कार्यालय के समीप शासकीय भूमि पर किया हुआ है कब्जा
बता दें की पूर्व विधायक भरतपुर सोनहत के प्रतिनिधि और कुछ अन्य ने तत्कालीन कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में नवीन जिले के कलेक्टर कार्यालय के समीप शासकीय भूमि पर कब्जा जमा लिया था। उनके द्वारा विधायक और सरकार का दबाव बनाकर ऐसा किया गया था और उसे वह भू स्वामी हक वाली भूमि के रूप में तब्दील करने में भिड़े हुए थे। गोंडवाना गणतंत्र पार्टी ने मामले में आंदोलन किया था और उनके द्वारा शासकीय भूमि को कब्जा मुक्त कराने के लिए कलेक्टर एमसीबी को ज्ञापन भी सौंपा गया था। अब चूंकि पूर्व विधायक चुनाव हार गए हैं सरकार भी बदल गई है जिसके बाद जांच कर मामले में कार्यवाही की मांग फिर उठने लगी है।
पूर्व विधायक के गृह ग्राम में भी शासकीय भूमि पर कब्जे की बात आई थी सामने,उक्त मामले में भी जांच की उठ रही मांग
भरतपुर सोनहत विधानसभा के पूर्व विधायक के गृह ग्राम में भी शासकीय भूमि पर कब्जा जमाया जा रहा था उनके कार्यकाल में ऐसी भी सूचना पूर्व विधायक के कार्यकाल में सामने आई थी आरोप लगा था। अब जब वह चुनाव हार गए हैं और सत्ता भी परिवर्तित हो चुकी है फिर एक बार मांग उठ रही है की मामले में जांच हो और कार्यवाही हो साथ ही शासकीय भूमि कब्जा मुक्त हो। नाम आता है वह मामला खुद ब खुद विवादित हो जाता है और मामले में निस्पक्षता समाप्त हो जाती है।
पत्रकारों के भी नैतिकता पर सवाल खड़ा होगा
वहीं मामला यदि सही है शासकीय भूमि पर पत्रकारों ने कब्जा किया हुआ है और उसे अपने नाम से भू-अभिलेखों में वह दर्ज कराने के प्रयास में जुटे हुए हैं तो पत्रकारों के भी नैतिकता पर सवाल खड़ा होगा की क्या उन्हे इसीलिए लोकतंत्र का चौथा स्तंभ घोषित किया गया है की वह अनैतिक लाभ अर्जित करें शासकीय भूमि पर कब्जा दर्ज करें। वैसे अब मामला तुल पकड़ चुका है और प्रशासन भी मामले में कहीं न कहीं कटघरे में है वहीं देखना है की प्रशासन मामले में क्या कार्यवाही करता है कार्यवाही करता भी है की नहीं ,कार्यवाही कर यदि प्रशासन शासकीय भूमि को कब्जा मुक्त कराता है तो वह निश्चित रूप से अपनी मौजूदगी साबित करेगा वरना नवीन जिले में प्रशासन की मौजूदगी पर प्रश्नचिन्ह लगना तय है यदि भूमि कब्जा मुक्त नहीं कराया जाता।
क्या पूर्व विधायक प्रतिनिधि होना देता है अवैध कब्जे का शासकीय भूमि पर अधिकार,अनैतिक कार्यों का अधिकार?
गोंडवाना गणतंत्र पार्टी ने जो शिकायत जो चेतावनी पत्र नवीन जिले के कलेक्टर को दिया है जिसमे पत्रकार प्रेस क्लब अध्यक्ष साथ ही पूर्व विधायक प्रतिनिधि बतौर कई जिम्मेदारी निभा रहे एक व्यक्ति साथ ही उसके साथियों पर आरोप लगाया है की उनके द्वारा शासकीय भूमि पर अवैध कब्जा किया जा रहा है और शासन सत्ता का दुरुपयोग कर उसे अपने नाम से दर्ज कराने का प्रयास किया जा रहा है और यदि उसपर तत्काल कार्यवाही नही होती कब्जा खाली नहीं कराया जाता है तो पार्टी कलेक्टर कार्यालय का घेराव करेगी,अब यदि आरोप सही हैं उपलब्ध दस्तावेज यदि सही हैं और यदि यह सच है की पत्रकार बनकर, प्रेस क्लब अध्यक्ष बनकर, पूर्व विधायक प्रतिनिधि बनकर वहीं पत्रकार का साथी बनकर अवैध तरीके से शासकीय जमीन हथियाई जा रही है तो सवाल उठता है की क्या पत्रकार होना,प्रेस क्लब अध्यक्ष होना,विधायक प्रतिनिधि होना, पत्रकार का साथी होना यही सब अधिकार देता है किसी को जो अनैतिक कार्य है अनुचित कार्य है। वैसे यदि ऐसा है तो फिर आने वाले समय में गलत कार्य में पत्रकार ही सबसे ज्यादा लिप्त नजर आयेंगे और अपना मूल धर्म छोड़कर वह अनैतिक कार्य के लिए पत्रकारिता पेशे से जुड़ने प्रयास करेंगे। वैसे यह गंभीर मामला है ।
क्या प्रशासन कब्जा मुक्त कराएगा उस शासकीय भूमि को जिसको लेकर शिकायत मय सबूत दी गई है,क्या प्रशासन अपनी उपस्थिति भी साबित करेगा?
मामले में दूसरा बड़ा सवाल यह है की क्या जिस शासकीय भूमि पर अवैध रूप एस कब्जे की बात गोंडवाना गणतंत्र पार्टी कर रहा है जिस मामले में वह प्रेस क्लब अध्यक्ष,विधायक प्रतिनिधि पत्रकार और उसके साथियों पर आरोप लगा रहा है क्या उस भूमि को प्रशासन कब्जा मुक्त कराएगा। क्या प्रशासन अपनी उपस्थिति दर्ज कराएगा मामले में साथ ही जिले की संपत्तियों की सुरक्षा मामले में जिसमे भूमि संपत्तियों की सुरक्षा उसी की जिम्मेदारी है या प्रशासन प्रेस क्लब अध्यक्ष, विधायक प्रतिनिधि, पत्रकार और उसके साथियों के समक्ष घुटने टेक देगा और आत्मसमर्पण कर देगा यह देखने वाली बात होगी। वहीं यदि प्रशासन मामले में कार्यवाही नही करता है तो गोंडवाना गणतंत्र पार्टी का आंदोलन कार्यालय घेराव का भी होगा जो प्रशासन के हिसाब से उसकी छवि के लिए शायद ही अच्छी मानी जायेगी।
पत्रकारों को भी करना चाहिए आत्म चिंतन,अनैतिक अवैध कार्यों के लिए नहीं मिली है यह महत्वपूर्ण जिम्मेदारी
पत्रकारों को भी आत्म चिंतन की जरूरत है उन्हे समाज में वह जिम्मेदारी मिली है उनके तरफ समाज उस निगाह से देखता है जहां समाज को विश्वास होता है की उसके साथ कुछ गलत होने पर उसकी आवाज पत्रकार बनेंगे उसे न्याय दिलाएंगे वहीं यदि पत्रकार ही अनैतिक कार्यों में अनुचित कार्यों में संलिप्त होंगे उनकी विश्वशनीयता समाप्त होगी और उनके प्रति लोगो का विश्वास कम होगा और लोग उन्हे हेय दृष्टि से देखेंगे ऐसे में अब आत्म चिंतन कर उन्हे यह समझने की कोशिश करनी चाहिए की अनैतिक लाभ से उन्हे क्षणिक सुख सम्पन्नता ज़रूर मिल पा रही है है लेकिन उनका सम्मान उस बीच समाप्त हो रहा है लोगों के बीच से जो अच्छा संकेत नहीं है,वहीं पत्रकार जगत को ऐसे लोगों से किनारा करना चाहिए जो इस पेशे को अनैतिक लाभ का पेशा साबित कर रहे हैं।


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